सातवीं फेल बच्चे का अनोखा कारनामा मिला पदम् श्री

सातवीं फेल बच्चे का अनोखा कारनामा मिला पदम् श्री

लखनऊ स्पेशल डेस्क - सौरभ शुक्ल

मंजिलें उन्ही को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है..... पंखो से कुछ नहीं होता हौसलों से उडान होती है.....
हौसलों की इस उडान सच कर दिखाया एक सातवीं फेल आदमी ने, जहाँ आज की बहुत पढ़ी लिखी पीढ़ी खेती किसानी जैसे काम को छोटा समझ कर छोड़ रहे है वही इस सातवीं फेल ने इसी पेशे को अपना कर पदम् श्री पाया, जी हाँ हम बात कर रहे हैं लखनऊ के कलीमुल्लाह जी की, जिन्होंने मात्र 17 वर्ष की उम्र में एक ही आम के पेड़ में 7 प्रजाति के आमो का एक पेड़ तैयार किया लेकिन शायद किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था उस पेड़ को भारी बारिश ने तबाह कर दिया जिसके बाद आम तौर पर लोगों के हौसले टूट जाते है लेकिन कलीमुल्लाह खान ने ये साबित कर दिया की इंसान का जज्बा उससे कुछ भी करवा सकता है.
आर्थिक बदहाली और तंगहाल परिवार जो दो जून रोटी के लिए कड़ी मेहनत कर रहा था उस लड़के को पद्म श्री मिलना अपने आप में एक मिसाल की बात है, जी हाँ हाजी करीम उल्लाह खान ने वो कर दिखाया जिसके बारे में लोग सोच भी नहीं सकते है, जहाँ बड़े बड़े व्यैज्ञानिक अपनी उँगलियाँ दाँतों तले दबाने पर मजबूर हो गए क्युकी हाजी साहब ने एक आम के पेड़ में 300 तरह के अलग अलग आमों की प्रजातियाँ पैदा की जो अपने आप में एक पेड़ एक बाग़ और एक आम का कॉलेज है, जैसे कोई पिता अपने सभी बच्चों को उनके नामों से बुलाता है उसी तरह इनको हर किस्म के आमों को इन्होने अलग अलग नाम दिए है जैसे
"योगी आम"
जो आंधी में भी खड़ा रहता है, इन्होने "ऐश्वर्या राय" के नाम पर अपने एक आम का नाम रक्खा ऐसे सैकड़ों मशहूर हस्तियों के नाम पर ये अपने आमों को नाम से बुलाते है.
शायद इस खबर पर आपको यकीन न हो और हमें भी नहीं हुआ इसके लिए हमारी टीम के "सौरभ शुक्ल" और "शैलेश पाण्डेय" मौके पर पहुचे और जब वहां पर उस बाग़ में यह पेड़ देखा तो हम भी हैरान हो गए की कैसे एक पेड़ में 300 तरह के आम लग सकते है लेकिन जब हमने अपनी आखों से उस पेड़ को देखा तो सही पाया की एक पेड़ में 300 प्रजाति के आम लगे हुए थे.
आये हम आपको बताते है की आखिर करीम उल्लाह ने ये किया कैसे
ये जान्ने के लिए देखें ये विडियो


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