हवश के शिकारी प्रेमिका की बेटी को पाने के लिए रच डाला वीभत्स कांड

हवश के शिकारी प्रेमिका की बेटी को पाने के लिए रच डाला वीभत्स कांड


-घटना का मास्टरमाइंड अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर
- पुलिस दो अभियुक्तों को भेज चुकी है जेल
मैनपुरी प्रेमिका की पुत्री को पाने के लिए हत्यारोपी ने ऐसी खूनी साजिश रची थी, जिसकों सुनकर रौंगटे खड़े हो जाएगे। प्रेमिका के भाइयों को फंसाने के लिए अभियुक्त ने अपने दलित दोस्त की हत्या कर दी। घटना की रिपोर्ट नामजद दर्ज करई गई। मामला खुला तो लोग हैरान हो गए। घटना में शामिल रहे दो अभियुक्तों को पुलिस जेल भेज चुकी है। जबकि मास्टरमाइंड व उसके भाई की तलाश अभी जारी है।
नगला रते निवासी प्रदीप वाल्मीकि एक फरवरी की शाम घूमने के लिए घर से निकला था। रात दस बजे प्रदीप के एक दोस्त हरकेश निवासी मकरंदपुर एलाऊ ने पुलिस को सूचना दी कि बरनाहल क्षेत्र के चंदीकरा निवासी दो भाइयों ने प्रदीप की हत्या कर दी है। उसे गोली मारकर घायल कर दिया है। मौके पर पहुंची पुलिस ने हरकेश को अस्पताल में भर्ती कराया। उसकी तहरीर के आधार पर चंदीकरा के दोनों युवकों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। अपनी नामजदगी की सूचना मिलने पर दोनों भाई फरार हो गए। पुलिस ने तहकीकात शुरू की। हरकेश गोली लगने से घायल हुआ था। इसलिए पुलिस उसके द्वारा दर्ज कराई गई रिपोर्ट को विल्कुल सही मान रही थी। पुलिस को जानकारी दी गई कि गोली लगने से घायल हरकेश और सुनील यादव निवासी गांव सरसई थाना करहल दोस्त हैं। घटना में नामजद चंदीकरा निवासी दोनों भाइयों की बहन, सुनील की प्रेमिका है। बाद में सुनील ने अपनी प्रेमिका की पुत्री से भी अवैध संबंध स्थापित कर लिए थे, जिसकों लेकर प्रेमिका के भाइयों ने विरोध किया था। सुनील किसी भी प्रकार प्रेमिका की पुत्री को हासिल करना चाहता है। इसलिए प्रेमिका के भाईयों के खिलाफ पहले ही प्राणघातक हमले का मामला थाना बरनाहल में दर्ज करा चुका है, जो जांच में झूठा निकला था। पुलिस ने अपनी जांच को आगे बढ़ाया। घायल हरकेश से सख्ती के साथ हुई तो उसने सारी सच्चाई पुलिस के सामने बयां कर दी। हरकेश ने बताया कि सुनील अपनी प्रेमिका की नाबालिंग पुत्री को हर हालत में पाना चाहता है। प्रेमिका के भाई रोड़ा बन रहे थे। प्रेमिका के भाइयों को जेल भेजो जाने के बाद रास्ता साफ हो सकता है। इसलिए सुनील, उसके भाई लालू, चचेरे भाई रजनेश और हरकेश ने मिलकर प्रेमिका के दोनों भाईयों को हत्या के मामले में फंसाने की साजिश रची थी। प्रदीप अपने घर में अकेला था। उसके माता-पिता की मौत हो चुकी है। वहन का विवाह हो गया है। घर में कोई पैरवी करने वाला नहीं है। इसलिए प्रदीप की हत्या करने की योजना बनाई। चारांे ने मिलकर प्रदीप की हत्या कर दी फिर घटना का प्रत्यक्षदर्शी गवाह हरकेश को बनाने के लिए उसके पैर पर गोली की रगड़ मार दी। पुलिस ने भी उसकी कहानी पर विश्वास कर लिया था। खुलासे के बाद पुलिस ने पकडे़ गए हरकेश को जेल भेज दिया। उसका एक साथी रजनेश गिरफ्तार हो गया। जबकि मास्टरमाइंड सुनील यादव और उसका भाई लालू अब तक पुलिस की पहुंच से दूर है। पुलिस ने दोनों के खिलाफ इश्तहार चस्पा की कार्रवाई की है। गिरफ्तारी के लिए गांव में मुनादी कराई गई। लेकिन न तो दोनों ने आत्मसर्पण किया, ना ही उन्हें गिरफ्तार किया जा सका। घटना की जांच कर रहे सीओ सिटी राजेश चैधरी ने बताया कि कड़ी मेहनत के बाद घटना का सहीं खुलासा हो सका है। दो निर्देाष भाईयों की जेल जाने से बचा लिया गया है। फरार दोनों अभियुक्तांे के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई की जाएगी। गिरफ्तारी के प्रयास भी चल रहे है।


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