गणित के महारथी ने क्राईम कंट्रोल के फार्मूले बनाये।

गणित के महारथी ने क्राईम कंट्रोल के फार्मूले बनाये।
पीलीभीत (सौरभ दीक्षित / शारिक परवेज) । जीहाॅ बात हम किसी और की नहीं बल्कि जनपद के एसपी देवरंजन वर्मा की कर रहे है। 2011 बैच के आईपीएस देवरंजन वर्मा ने अपनी प्रारम्भिक पढाई सीएमएस लखनऊ से की इसके बाद उन्होने बीएससी व एमएससी गणित से की और देश की सेवा में लग गये। यहाॅ पीलीभीत में उन्होने क्राईम कंट्रोल के नये फारमूले इजाद किये जोकि सराहनीय है। कभी उन्होने थानेवार जाकर दंगा नियंत्रण के टिप्स लाठिया चलाकर दिये तो नये तरीके से उन्होने पर्ची सिस्टम लागू कर और थानावार जन शिकायत अधिकारी नियुक्त कर जनता को राहत दी। अब जनता को दर-दर भटकना नहीं पड रहा है। ऐसे में आज फिर उन्होने नयी नीति बनायी जिसका नाम उन्होने दिया है ‘‘पीलीभीत माडल आफ क्रिमिनल डेटाबेस मैनेजमेन्ट’’ इजाद किया है। हाईटेक पुलिसिंग का नया फार्मूला अब जिले की कमान को सम्भालेगा।
अपराधियों का डाटाबेस किया गया तैयार
एसपी पीलीभीत देवरंजन वर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उददेश्य है कि पूरा प्रदेश अपराध और अपराधी मुक्त हो इसी के लिये ‘‘ पीलीभीत सिस्टम आॅफ क्रिमिनल डेटाबेस मैनेजमेन्ट ’’ नाम से कार्यप्रणाली तैयार की गयी है। इस योजना को प्लान करने में एसपी ने एक जो रूपरेखा तैयार की है उसमें सबसे पहले जेल में बंद शातिर अपराधियों के बारे में जानकारी हासिल करना है कि कौन अपराधी कबसे बंद है या कब छूटा है और इस वक्त कहाॅ है। जिला जेल स्थित जेल चैकी इन्चार्ज इन सबकी जानकारी हासिल करके इसका विवरण तैयार करेगें साथ ही बंद व रिहा होने वाले अपराधियों के फोटो व वीडियो भी विवरण के साथ दर्ज किये जायेगें। क्योंकि ज्यादातर अपराध जेल से छूटे अपराधी ही करते है।
कचहरी में आने वाले शातिर अपराधियों पर कचहरी चौकी इन्चार्ज का काम होगा कि वो नज़र रखे। ऐसा ना हो कि वो तारीख से लौटते वक्त कोई बडी घटना को अंजाम देदे।
जिला स्तर पर एक व्हाटसएप ग्रुप बनाया गया है जिसमें सभी चौकी इन्चार्ज, थानाध्यक्ष व अन्य पुलिस अधिकारी मौजूद रहेगें जिससे की जेल से छूटे अपराधियों की सूचना फोटो व वीडियो सभी को कम वक्त में मिल जाये और किसी भी घटना की सूचना तत्काल सभी में प्रसारित हो सकें।
उन्होने बताया कि पूरे जनपद में 408 बीट है डीसीआरबी के माध्यम से एक्सिल में 408 बीटों का पूरा डेटाबेस तैयार किया जा रहा है जिसमें बीटवार अपराधियों का पूरा विवरण दर्ज होगा ताकि समय से अपराधी को चिन्हित किया जा सके।

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