जानिए लड्डू गोपाल जी की सेवा द्वारा कैसे पाएं सुख,वैभव तथा समृद्धि

जानिए लड्डू गोपाल जी की सेवा द्वारा कैसे पाएं सुख,वैभव तथा समृद्धि
लड्डू गोपाल जी को घर लाएं ( laddu gopal ड्रेस)
और सुख,वैभव तथा समृद्धि पाएं..
भगवान् श्री कृष्णन कान्हा के मोहक रूप के बारे में तो हर पौराणिक ग्रंथ में लिखा हुआ है, काव्य का कोई ऐसा रस नहीं जो भगवान श्रीकृष्ण के बिना पूरा हो। अगर बंसी वाले के व्यक्तित्व में नटखट नंदलाला का रूप दिखता है तो वहीं उनसे बड़ा रास-रसैया भी कोई नहीं हैं।
--- यदि बाल गोपाल लड्डू गोपाल जी जी आपके मंदिर में विराजमान हैं तो आपको रोज उन्हें स्नान कराना होगा। इसके अलावा उन्हें रोज माखन मिश्री का भोग लगाना होगा। इसके साथ ही घर में मोर का पंख और श्रीमदगीता पूजा होना चाहिए।
----इस बात का ध्यान रखना होगा कि जिस कमरे में लड्डू गोपाल जी विराजमान हों यानी जहां उनका मंदिर हो उस कमरे को बंद नहीं करना चाहिए।
---लड्डू गोपाल जी को मिश्री का भोग लगाने से अच्छी नौकरी मिलेगी।
----अगर आपको किसी काम से घर से बाहर जाना है तो आपको घर की चाबी बाल गोपाल को सौंप कर जानी चाहिए।
--- लड्डू गोपाल जी को यानि बालगोपाल को रखने वालों को तामसिक चीजों का त्याग करना चाहिए।
----लड्डू गोपाल जी को बर्फी का भोग लगाने से सारे कर्जे माफ हो जायेंगे।
---बालगोपाल यानि लड्डू गोपाल जी को रोजाना स्नान, श्रृंगार, पूजन, अर्चन, भोग, आरती और शयन कराना चाहिए।
----लड्डू गोपाल जी कोलड्डू गोपाल को खीर का भोग लगायें खीर का भोग लगाने से आपको मकान और धन की प्राप्ति हो सकती है।
----लड्डू गोपाल जी को इलायची वाले दूध का भोग लगाने से समृद्धि हासिल होती है।
----राधा-कृष्ण जी या लड्डू गोपाल जी की पूजा करने से शादी जल्दी और मनचाही होती है।
---लड्डू गोपाल जी को दही मक्खन का भोग लगाने से आप हमेशा निरोगी और स्वस्थ रहेंगे।
---- लड्डू गोपाल जी को देशी घी से पूजा करने से सुख, शांति, समृद्दि प्राप्त होगी।
----झूले वाले कान्हा जी (लड्डू गोपाल जी को) को मक्खन और लड्डू खिलाने से संतान सुख मिलता है।
---लड्डू गोपाल जी को
----लड्डू गोपाल जी भगवान का स्वरूप घर में स्थापित करने से पहले ध्यान रखें की उनकी पीठ दिखाई न दे। स्वरूप को या तो कपड़े से ढक दें अथवा दीवार के साथ लगा दें।
----एकनिष्ठ होकर की गई भक्ति ही उत्तम फल देती है। आमतौर पर घर में बहुत सारे देवी-देवताओं को स्थान दिया जाता है। वास्तु के अनसार एक भगवान के दो स्वरूप आस-पास या आमने सामने रखने से नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
-----अपनी दरिद्रता को दूर करने के लिए लड्डू गोपाल का दूध में केसर मिलाकर अभिषेक करें।
----परिवार में सुख-शांति नहीं है तो साबुत हल्दी और तुलसी के पत्ते लड्डू गोपाल जी के चरणों में चढ़ाएं।
----वैभव की प्राप्ति के लिए कृष्ण मंदिर में भगवान को पीले कपड़े में केला और चने की दाल बांधकर चढ़ाएं।
---- आपकी आमदनी बढ़े इसके लिए लड्डू गोपाल जी .. नंदलाल का दूध में केसर मिलाकर अभिषेक करें।
----जल्दी धनवान बनने के लिए शंख में जल भरकर भगवान लड्डू गोपाल जी का अभिषेक करें।
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जानिए बाल गोपाल (लड्डू गोपाल जी) की पूजन विधि ---
बाल गोपाल को लड्डू गोपाल भी कहा जाता है, ये भगवान कृष्ण का बाल रूप है, भक्त इन पर बहुत आस्था और श्रद्धा रखते है, इनकी इतनी मान्यता है की जो लोग इनकी पूजा करते है वो बिना पूजा किए बिना भोग लगे भोजन तक नही करते, लड्डू गोपाल की पूजा करने वाले भक्तो की सारी मनोकामनाए पूरी है, लोगो की इन पर बहुत श्रद्धा है|
श्रीबालकृष्ण की सोने,चांदी, तांबा, पीतल अथवा मिट्टी की (जो संभव हो ) मूर्ति।
श्रीगणेश की मूर्ति।
बालकृष्ण की मूर्ति के स्नान के लिए तांबे का पात्र, तांबे का लोटा,गंगाजल का कलश,घी दूध,दही,शहद, देव मूर्ति को अर्पित किए जाने वाले वस्त्र व आभूषण एवं पालना।
पंच पल्लव :-बड़,गूलर, पीपल, आम और पाकर के पत्ते आदि।
औषधि:-जटामॉसी,शिलाजीत आदि।
कपूर, केसर,यज्ञोपवीत,चावल,अबीर, गुलाल, अभ्रक, हल्दी, नाड़ा, रुई, रोली,सुंगंधित धुप, सुपारी, मौली आदि।
इलायची (छोटी), लौंग,धान्य (चावल, गेहूं),नई थैली में हल्दी की गांठ,धनिया खड़ा, सप्तमृत्तिका, सप्तधान्य, कुशा व दूर्वा, पंचमेवा आदि।
कुमकुम, दीपक, तेल, रुई,अष्टगंध, तुलसी, तिल,श्रीखंड चन्दन, पुष्प (गुलाब एवं लाल कमल),पान का पत्ता,ताम्बूल (लौंग लगा पान का बीड़ा) आदि।
प्रसाद के लिये:-
नैवेद्य या मिष्ठान्न (पेड़ा, मालपुए इत्यादि), माखन, मिश्री,फल, दूध,मिठाई, नारियल, पंचामृत, सूखे मेवे, शक्कर,ऋतुफल,मोदक आदि ।
सर्वप्रथम गणेश पूजन करें। गणेश जी को स्नान कराएं। वस्त्र अर्पित करें। गंध, पुष्प , धूप, दीप, अक्षत से पूजन करें। अब बाल गोपाल का पूजन करें। बाल गोपाल को स्नान कराएं। स्नान पहले जल से फिर पंचामृत से और वापिस जल से स्नान कराएं। वस्त्र अर्पित करें। वस्त्रों के बाद आभूषण पहनाएं। अब पुष्पमाला पहनाएं।
अब अष्टगंध से तिलक करें। ''ऊँ बाल गोपालाय नमः'' मंत्र का उच्चारण करते हुए बाल कृष्ण को अष्टगंध का तिलक लगाएं। अब धूप व दीप अर्पित करें। फूल अर्पित करें। श्रद्धानुसार घी या तेल का दीपक लगाएं। आरती करें। आरती के पश्चात् परिक्रमा करें। अब नेवैद्य अर्पित करें। माखन, मिश्री अर्पित करें।तुलसीदल अर्पित करें। पूजन के समय''ऊँ बाल गोपालाय नमः''मंत्र का जप करते रहें।
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|| पूजन विधि ||
व्रत की पूर्व रात्रि को हल्का भोजन करें ।
व्रत के दिन प्रातःकाल स्नानादि नित्यकर्मों से निवृत्त होकर,सूर्य, सोम, यम, काल, संधि, भूत, पवन, दिक्पति, भूमि,आकाश, खेचर, अमर और ब्रह्मादि को नमस्कार कर ले।
तत्पश्चात, पूर्व या उत्तर मुख करके,पीला आसन पर बैठ कर,जल, फल, कुश और गंध लेकर।
निम्नलिखित मंत्र से व्रत का संकल्प लें।
संकल्प-:
मम अखिल पाप प्रशमन पूर्वकं सर्वाभीष्ट कामना सिद्धम्
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत कर्मणा सांगता सिध्यर्थम् श्री बाल कृष्ण पूजा$महं करिष्ये l
रात्रि में,पूजा के समय ,
सर्वप्रथम श्रीगणेश की पूजा करें।
श्रीगणेश की मूर्ति को स्नान कराकर,वस्त्र अर्पित करें।
गंध, पुष्प ,धूप ,दीप, अक्षत से श्रीगणेश की पूजन करें।
श्रीगणेश को मोदक,लड्डू ऋतुफल आदि का भोग लगायें।
तत्पश्चात,श्रीबालकृष्ण का आवाहन निम्नलिखित मंत्र के द्वारा करें।
मंत्र:-
ॐ सहस्त्र शीर्षाः पुरुषः सहस्त्राक्षः सहस्त्र-पातस-भूमिग्वं सर्वत्यसपृत्वातिष्ठ दर्शागुलाम्।
श्री कृष्णम् आवाहयामि॥
तत्पश्चात,श्रीबालकृष्ण को जल से,शहद से ,दही से,दूध से,घी से अथवा पंचामृत से स्नान करायें।
और पुन: जल से स्नान कराएं।
स्नान करवाते हुए, निम्नलिखित मंत्र का उच्चारण करें।
मंत्र:-
पुष्प रेणु समुद-भूतं सुस्वाद मधुरं मधु ।
तेज-पुष्टिकरं दिव्यं स्नानार्थं प्रतिगृहयन्ताम् ।।
श्रीबालकृष्ण को वस्त्र समर्पण करते हुए,निम्नलिखित मंत्र का उच्चारण करें।
मंत्र:-
शति-वातोष्ण-सन्त्राणं लज्जाया रक्षणं परम् ।
देहा-लंकारणं वस्त्रमतः शान्ति प्रयच्छ में।।
श्रीबालकृष्ण को पालने में आसन समर्पित करते हुए,निम्नलिखित मंत्र का उच्चारण करें।
मंत्र:-
ॐ विचित्र रत्न-खचितं दिव्या-स्तरण-सन्युक्तम् ।
स्वर्ण-सिन्हासन चारू गृहिश्व भगवन्श श्रीकृष्ण पूजितः।।
श्रीबालकृष्ण को श्रीखण्ड चन्दन अर्पण करतें हुए,निम्नलिखित मंत्र का उच्चारण करें।
मंत्र:-
ॐ श्रीखण्ड-चन्दनं दिव्यं गंधाढ़्यं सुमनोहरम् ।
विलेपन श्रीकृष्ण चन्दनं प्रति गृहयन्ताम् ।।
श्रीबालकृष्ण को यज्ञोपवीत समर्पण करतें हुए,निम्नलिखित मंत्र का उच्चारण करें।
मंत्र:-
नव-भिस्तन्तु-भिर्यक्तं त्रिगुणं देवता मयम् ।
उपवीतं मया दत्तं गृहाण परमेश्वरः।।
तत्पश्चात,श्रीबालकृष्ण पर पुष्प माला एवं तुलसीमाला अर्पित करें।
भगवान को फल,मिठाई,नेवैध या मिष्ठान,मक्खन, मिश्री,ऋतुफल,पंचामृत,तुलसी एवं अन्य पूजा की सामग्री अर्पित करें।
श्रीबालकृष्ण को अर्घ्य समर्पण करतें हुए,निम्नलिखित मंत्र का उच्चारण करें।
मंत्र:-
ॐ पालनकर्ता नमस्ते-स्तु गृहाण करूणाकरः।
अर्घ्य च फ़लं संयुक्तं गन्धमाल्या-क्षतैयुतम् ।।
श्रीबालकृष्ण को नारियल फल समर्पण करतें हुए,निम्नलिखित मंत्र का उच्चारण करें।
मंत्र:-
इदं फ़लं मया देव स्थापित पुर-तस्तव |
तेन मे सफ़लानत्ति भरवेजन्मनि जन्मनि ||
श्रीबालकृष्ण को ताम्बूल (लौंग लगा पान का बीड़ा) अर्पित करतें हुए,निम्नलिखित मंत्र का उच्चारण करें।
मंत्र:-
ॐ पूंगीफ़लं महादिव्यं नागवल्ली दलैर्युतम् ।
एला-चूर्णादि संयुक्तं ताम्बुलं प्रतिगृहयन्ता।।
श्रीबालकृष्ण को सुगन्धित धूप अर्पण करतें हुए,निम्नलिखित मंत्र का उच्चारण करें।
मंत्र:-
वनस्पति रसोद भूतो गन्धाढ़्यो गन्ध उत्तमः।
आघ्रेयः सर्व देवानां धूपोढ़्यं प्रतिगृहयन्ताम् ।।
तत्पश्चात भगवान के सामनें हाथ जोङ कर,ध्यान की मुद्रा में रहकर।
निम्नलिखित मंत्र का जप,1-माला अथवा यथासंभव करें।
|| श्रीकृष्ण मंत्र ||
कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने।
प्रणत क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नम:।।
(*इस मंत्र के जप से परिवार में सुख-शांति का वास होता है,एवं दुख-दरिद्रता,कलह का नाश होता है।)
तत्पश्चात,धुप,दीप,कपूर आदि से श्रीकृष्ण की आरती करें।
अन्त मे,भगवान श्रीकृष्ण के सामनें हाथ जोङ कर,कष्ट दुर करनें एवं संकट से मुक्ति के लिये प्राथॆना करें ।
भगवान श्रीकृष्ण से अपने समस्त अपराधों के लिये एवं पूजा में हुई किसी त्रुटि या भुल्- चूक के लिए क्षमा माँगें।
रात्रि जागरण करतें हुए,पालने को झूला करें।
एवं भगवान का भजन करें।
जागरण के समय,श्रीकृष्णा चालीसा,श्रीकृष्ण सहस्त्रनामवाली,श्रीमदभगवद्गीता आदि का पाठ करना विशेष लाभकारी होगा।
श्रीकृष्ण के इन मन्त्र का जप करना भी फलदायक होगा।
मंत्र:-
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।।
ॐ कृं कृष्णाय नमः l
दूसरे दिन पुन: स्नान कर जिस तिथि एवं नक्षत्र में व्रत किया हो।
उसकी समाप्ति पर व्रत पूर्ण करें।
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लड्डू गोपाल को कैसे रखे
आपके घर मे लड्डू गोपाल जी है तो आप इस बातो का विशेष ध्यान रखे……*
*1 :-* प्रथम तो यह बात मन में बैठाना बहुत आवश्यक है कि जिस भी घर में लड्डू गोपाल जी का प्रवेश हो जाता है वह घर लड्डू गोपाल जी का हो जाता है, इसलिए मेरा घर का भाव मन से समाप्त होना चाहिए अब वह लड्डू गोपाल जी का घर है।
*2 :-* दूसरी विशेष बात यह कि लड्डू गोपाल जी अब आपके परिवार के सदस्य है, सत्य तो यह है कि अब आपका परिवार लड्डू गोपाल जी का परिवार है। अतः लड्डू गोपाल जी को परिवार के एक सम्मानित सदस्य का स्थान प्रदान किया जाए।
*3 :-* परिवार के सदस्य की आवश्यक्ताओं के अनुसार ही लड्डू गोपाल जी की हर एक आवश्यकता का ध्यान रखा जाए।
*4 :-* एक विशेष बात यह कि लड्डू गोपाल जी किसी विशेष ताम झाम के नहीं आपके प्रेम और आपके भाव के भूखे हैं, अतः उनको जितना प्रेम जितना भाव अर्पित किया जाता है वह उतने आपके अपने होते हैं।
*5 :-* प्रति दिन प्रातः लड्डू जी को स्नान अवश्य कराएं, किन्तु स्नान कराने के लिए इस बात का विशेष ध्यान रखे कि जिस प्रकार घर का कोई सदस्य सर्दी में गर्म पानी व गर्मी में ठन्डे पानी से स्नान करता है, उसी प्रकार से लड्डू गोपाल जी के स्नान के लिए मौसम के अनुसार पानी का चयन करें। स्नान के बाद प्रति दिन धुले स्वस्छ वस्त्र पहनाएं।
*6 :-* जिस प्रकार आपको भूंख लगती है उसी प्रकार लड्डू गोपाल जी को भी भूंख लगती है अतः उनके भोजन का ध्यान रखे, भोजन के अतिरिक्त, सुबह का नाश्ता और शाम के चाय नाश्ते आदि का भी ध्यान रखे।
*7 :-* घर में कोई भी खाने की वस्तु आए लड्डू गोपाल जी को हिस्सा भी उसमे अवश्ये होना चाहिए।
*8 :-* प्रत्येक मौसम के अनुसार लड्डू गोपाल जी के लिए सर्दी गर्मी से बचाव का प्रबन्ध करना चाहिए, मौसम के अनुसार ही वस्त्र पहनाने चाहिएं।
*9 :-* लड्डू गोपाल जी को खिलौने बहुत प्रिये हैं उनके लिए खिलौने अवश्ये लेकर आएं और उनके साथ खेलें भी।
*10 :-* समय समय पर लड्डू गोपाल जी को बाहर घुमाने भी अवश्य लेकर जाएं।
*11 :-* लड्डू गोपाल जी से कोई ना कोई नाता अवश्य कायम करें, चाहे वह भाई, पुत्र, मित्र, गुरु आदि कोई भी क्यों ना हो, जो भी नाता लड्डू गोपाल जी से बनाये उसको प्रेम और निष्ठा से निभाएं।
*12 :-* अपने लड्डू गोपाल जी को कोई प्यारा सा नाम अवश्य दें।
*13 :-* लड्डू गोपाल से प्रेम पूर्वक बाते करें, उनके साथ खेलें, जिस प्रकार घर के सदस्य को भोजन कराते हैं उसी प्रकार उनको भी प्रेम से भोजन कराएं। पहले लड्डू गोपाल को भोजन कराएँ उसके बाद स्वयं भोजन करें।
*14 :-* प्रतिदिन रात्री में लड्डू गोपाल जी को शयन अवश्य कराएं, जिस प्रकार एक छोटे बालक को प्रेम से सुलाते हैं उसी प्रकार से उनको भी सुलायें, थपथाएँ, लोरी सुनाएँ।
*15 :-* प्रतिदिन प्रातः प्रेम पूर्वक पुकार कर उनको जगाएं।
*16 :-* किसी भी घर में प्रवेश के साथ ही लड्डू गोपाल जी में प्राण प्रतिष्ठा हो जाती है इसलिए उनको मात्र प्रतीमा ना समझ कर घर के एक सदस्य के रूप में ही उनके साथ व्यवहार करें।
*17 :-* यूं तो प्रत्येक जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल जी की पूजा धूम-धाम से होती है, किन्तु यदि आपको वह तिथि पता है जिस दिन लड्डू गोपाल जी ने घर में प्रवेश किया तो उस तिथि को लड्डू गोपाल जी के जन्म दिन के रूप में मान कर प्रति वर्ष उस तिथि में उनका जन्म दिन अवश्य मनाएं , बच्चों को घर बुला कर उनके साथ लड्डू जी का जन्म दिन मनायें और बच्चों को खिलौने वितरित करें।
यूँ तो और भी बहुत से कार्य हैं जो भक्त अपनी श्रद्धा के अनुसार करते हैं, किन्तु यदि इन बातों पर ध्यान दिया जाए तो लड्डू गोपाल जी को सरलता से प्रसन्न किया जा सकता ।
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श्रीमान जी, धन्यवाद..
Thank you very much .
पंडित "विशाल" दयानन्द शास्त्री,

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