अपनों ने ही इस बूढी महिला को मरने के लिए सड़क पर छोड़ा

अपनों ने ही इस बूढी महिला को मरने के लिए सड़क पर छोड़ा

डेस्क - आज हम आपको एक ऐसी दर्दनाक कहानी बताने जा रहे है जिसे जानकार आपकी आखों में आसू आ जायेगें. पारस पाटीदार नाम का शख्स जब जिला सरकारी अस्पताल के पास से गुज़र रहे थे, तब उनकी नज़र उस अस्पताल के सामने बदहाल पड़ी एक बूढ़ी औरत पर पड़ी। उस बेहद बूढ़ी औरत को वहां इस तरह पड़ा देख उनसे आगे नहीं बढ़ा गया और उन्होंने रुक कर उनसे बात करने की सोची पर महिला ने कोई जवाब नहीं दिया फिर भी वो उस महिला के लिए कुछ खाने के लिए ले आये और उसको दे कर चले गए फिर जब वो शाम को लौटे तो वो महिला वही लेती हुई थी वो रुक गए और कुछ लोग भी आ गए तब सभी ने मिल कर उस महिला को वृद्धाश्रम ले जाने की ठान ली.

  • उन्होंने अमरजीत सिंह सुडान से बात की, जो इंदौर के बहुत बड़े सामाजिक कार्यकर्ता हैं। सोशल मीडिया पर भी उन्होंने कुछ तस्वीरें शेयर कीं, जिससे अन्य लोग भी मदद को आगे आएं।
  • दोपहर तक उन्हें बताया गया कि इनके रहने का बंदोबस्त तो हो जायेगा, लेकिन उसके लिए पुलिस की अनुमति की आवश्यकता होगी। सोशल मीडिया पर भी उन्हें काफी समर्थन मिलने लगा था। उन्हें कई पत्रकारों और एनजीओ वालों ने कानूनी प्रक्रिया में आ रही दिक्कतों के लिए सीधे एसपी ऑफिस या कलेक्टर ऑफिस जाने को कहा।
  • खरगोन के कलेक्टर वर्मा जी ने उनकी पूरी मदद की और सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि वो तुरंत उस औरत को अस्पताल पहुंचाएं और उनकी देखभाल में कोई कमी न छोड़ें।
  • इससे पहले कि ये लोग उस औरत के पास वापस पहुंचते, उससे पहले ही उनको अस्पताल में भर्ती करा दिया गया था। इस पूरी घटना में 1 दिन का भी समय नहीं लगा होगा।
  • इस घटना से ये बात साबित होता है कि बुरा करने वाले तो हैं, पर ऐसे भी लोग हैं जो निःस्वार्थ भाव से किसी की मदद करना चाहते हैं। बस ज़रूरत होती है दृढ़ निश्चय की और पहल करने की। जब कोई अच्छा काम करने निकलो, तो कई लोग साथ देने आते हैं।
  • ‘अकेला इंसान क्या कर लेगा’, हर कोई यही सोच कर कुछ न करे, तो शायद कभी कोई बदलाव नहीं हो पायेगा। आपका थोड़ा सा प्रयास और ज़रा सा समय दे कर यदि आप किसी के लिए कुछ कर सकते हैं, तो कभी पीछे न हटें। अगर आप किसी एक इंसान के लिए भी कुछ कर पाते हैं, तो हम सब मिलकर इस दुनिया को एक बेहतर जगह बना सकते हैं।
  • अब तो लोगों के पास सोशल मीडिया का वरदान भी है। इसकी शक्ति का इस्तेमाल कर के बहुत से अच्छे काम किये जा सकते हैं। हम सबके अन्दर ताकत है, ज़रुरत है तो बस उसे पहचाने की और सही वजह के लिए उसका इस्तेमाल करने की।


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