लखनऊ प्रेस क्लब में घुसी पुलिस फ़ोर्स

लखनऊ प्रेस क्लब में घुसी पुलिस फ़ोर्स

रिपोर्ट - अनिरुद्ध शुक्ल - राजधानी लखनऊ के प्रेस क्लब में सोमवार को पत्रकारों से ज्यादा पुलिस का जमावड़ा हो गया। दलित हितैषी संगठनों द्वारा सहारनपुर हिन्सा को लेकर प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया था जिसे एसीएम पश्चिमी अनिल कुमार मिश्र और पुलिस उपाधीक्षक विकास चन्द्र त्रिपाठी ने वार्ता को शांतिभंग की आशंका में रद्द करवा दिया। प्रशासन ने दलित हितैषी संगठनों को फौरन प्रेस क्लब खाली करने के लिए कहा परंतु एस आर दारापुरी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रमेश चन्द्र दीक्षित ने कहा कि गोष्ठी करने से नहीं रोका जा सकता है। उन्होनें कहा कि 45 लोग गुजरात से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 125 किलो का साबुन देने आ रहे थे जिन्हे यूपी पुलिस ने झांसी में गिरफ्तार कर लिया है जिसकी वे निन्दा करते है।

दलित हितैषी संगठनों को हटते न देख कर पुलिस ने उनसें कहा कि उनका एजेंड़ा सिर्फ वार्ता करना नहीं है क्योंकि एलआईयू रिपोर्ट के अनुसार कुछ लोग राजधानी के चौक क्षेत्र में छिप कर बैठे थे जिन्हे पुलिस ने रोक लिया है। एसपी विकास चन्द्र त्रिपाठी ने बताया कि ये लोग प्रेस क्लब में वार्ता के नाम पर एकत्र हो कर मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच करने वाले थे, जिसे समय रहते रोक लिया गया है। दलित हितैषी संगठनों द्वारा प्रेस क्लब खाली न करने पर पुलिस ने 8 लोगों को शांतिभंग की आशंका में गिरफ्तार कर पुलिसलाइन भेज दिया जिनमें प्रमुख रूप से एस आर दारापुरी, रमेश चन्द्र दीक्षित, आशीष अवस्थी, पी सी कुरील शामिल रहे।

दारापुरी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दलितों से बास आती है इसलिये गुजरात से 125 किलो का साबुन आज सीएम योगी को देना था जिससे कि जब कभी वह दलितों के घर जाने का नाटक करते तब उन्हे बदबू न आती। रमेश चन्द्र दीक्षित ने दलित हितैषियों की झांसी में हुई गिरफ़्तारी की निन्दा करते हुए कहा कि बीजेपी सरकार का दलित विरोधी रवैया मंजूर नहीं है और यदि मुख्यमंत्री योगी दलितों से परहेज करते है तो फिर दलित हितैषी होने का दिखावा क्यों करते है।


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