आखिर पूरे विश्व में सन्डे को ही क्यों होती है छुट्टी

आखिर पूरे विश्व में सन्डे को ही क्यों होती है छुट्टी

डेस्क - हर इंसान को हफ्ते में एक दिन आराम करने के लिए ज़रूर चाहिए होता है और वो दिन होता है सन्डे यानी रविवार, आखिर आपने कभी सोचा है की आखिर सन्डे को ही क्यों छुट्टी का दिन चुना गया है.

दुनिया के सभी धर्मों में हफ्ते के एक दिन छुट्टी ज़रूर होती है ताकि लोग अपने दैनिक कामों से आज़ाद हो कर ईश्वर का ध्यान करें। इस्लाम में शुक्रवार यानी जुम्मा होता है, यहुदियों और ईसाई धर्म के कुछ संप्रदायों में शुक्रवार के सूर्यास्त से सूर्योदय तक ‘सब्बाथ’ होता है। इसी तरह रोमन कैथलिक और प्रोटेस्टेंट रविवार को ईश्वर का दिन माना जाता है।
इसाई धर्म की मान्यता है की ईश्वर ने इस दुनिया को 6 दिन में बनाया और रविवार के दिन आराम किया था, इसी तर्क के आधार पर सबसे पहले रविवार के दिन अवकाश का प्रावधान अंग्रेजों ने सन 1843 में भारत में शुरू किया था।

हालांकि जम्मू के आरटीआई कार्यकर्ता रमन शर्मा ने पीएमओ में संडे की छुट्टी के बारे में पूछा था। 18 जुलाई 2012 को भारत सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के जवाब के अनुसार जेसीएक सेक्शन में आधिकारिक रूप से संडे की छुट्टी का कोई प्रावधान नहीं है।
21 मई 1985 को जारी किए गए जेसीए के ऑर्डर नंबर 13/4/85 में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने स्पष्ट किया का है कि भारत सरकार सिविल एडमिनिस्ट्रेशन में बेहतर काम के लिए सरकार सोमवार से शुक्रवार, 5 दिन काम करेगी और शनिवार को छुट्टी होगी। इसमें संडे पर कोई टिप्पणी नहीं की गई।

1844 में गर्वनर जेनरल ने स्कूल और कॉलेजों में संडे को छुट्टी घोषित की ताकि स्टूडेंट्स पढ़ाई के साथ-साथ आपस में अच्छी और रचनात्मक चर्चा भी कर सकें। यह दौर मुंबई से शुरु हुआ था।


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