हिन्दू धर्म में मंदिरों में क्यों होता है घंटे का प्रयोग

हिन्दू धर्म में मंदिरों में क्यों होता है घंटे का प्रयोग

मंदिरों में जाने से पहले क्यों बजाते है घंटी

मंदिर के द्वार पर और विशेष स्थानों पर घंटी या घंटे लगाने का प्रचलन हिन्दू धर्म में प्राचीन काल से चला आ रहा है। लेकिन इस घंटे या घंटी लगाने का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व क्या है आइए जानते है |

डेस्क -(पीयूष त्रिवेदी)

  • जब भी हम मंदिर में प्रवेश करते है तो मंदिर के गर्भ गृह पर घंटी होती है हिन्दू धर्म में मंदिर में प्रवेश करने से पहले घंटी बजाना अवश्य होता है.अगमशास्त्र के मुताबिक मंदिर में घंटे के प्रयोग से आसुरी शक्ति दूर रहती है और साथ ही घंटी की आवाज ईश्वर को सुहानी भी लगती है.
  • ये तो था धार्मिक महत्व. वैज्ञानिको ने भी हमारे धर्मो में काफी अध्यन किया और वे भी शोध करने के बाद वे इस नतीजे पर पहुंचे की घंटी प्रयोग से हमारी बुद्धि शांत रहती है,जिससे हम धार्मिक कामो में एकाग्र हो कर अपना काम करते है.

  • घंटी को बजाते समय उसकी गूंज 7 सेकंड्स तक गूंजती रहती है जिसके कारण घंटी द्वारा उत्पन्न आवाज़ हमारे मस्तिष्क के दाये और बाए हिस्से में एक कम्पन्न उत्पन्न करती है जिसका परिणाम ये होता है कि हमारे मस्तिष्क में से नकरात्मक भाव पूरी तरह ख़त्म हो जाते है. वैज्ञानिको का ये भी मानना है की जिस समय घंटे का प्रोयग होता है उस समय उसकी ध्वनि से हमारे शरीरे के सारे सेल सक्रीय हो जाते है जो हमारे शारीर कि हीलिंग करने में मददगार साबित होते है.

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