ड्राइवर का बेटा बना आई ए एस ऑफिसर

ड्राइवर का बेटा बना आई ए एस ऑफिसर

मथुरा---- कहते है की गरीबी संघर्ष का नाम है लेकिन जो लोग इस संघर्ष का दामन थाम लेते है वो एक दिन सफलता जरूर पाते है कहते हैं परिस्थिति कैसी भी हो, हौसले बुलंद हैं तो आपको एक दिन सफलता जरूर मिलेगी। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है मथुरा के लाल हर्षित ने, पिता ड्राइवरी की नौकरी कर उसे कामयाब बनाने के सपने देखते रहे और वो मेहनत इसलिए करता रहा कि उसे पिता का सम्मान बढ़ाना था। गरीब परिवार के इस बेटे ने वो कर दिखाया जिसकी आम आदमी कल्पना नही कर सकता है और जीवन अपना गरीबी में गुजार देता है लेकिन वह माता पिता तारीफ के काबिल होते है जो अपनी पूरी उम्र अपने बच्चो का जीवन बनाने में गुजार देते है और समाज में अपना सम्मान बनाते है ..

यूं तो कोई भी ईमानदार नौकरी छोटी या असम्मानजनक नहीं होती लेकिन समाजिक दृष्टिकोण से पिता का रुतबा बढ़ाना बेटों की चाहत होती है। ऐसी ही एक साकारात्मक कोशिश हर्षित की कामयाब हुई और SSP के आदेश पर गाड़ी घुमाने वाले मानसिंह एकदम से अधिकारी बेटे के बाप बन गए। वो भी उस अधिकारी के जो अब खुद i a s बन रहा है। बता दें कि हर्षित का यूपीएससी में चयन हुआ है और उन्हें जो 336वीं रैंक मिली है उसके आधार पर उन्हें i a s में जगह मिलनी तय है।

समाज में बिजली की रफ्तार से दौड़ती ये खबर जैसे ही SSP विनोद मिश्रा को लगी उन्होंने ड्राइवर मानसिंह के सम्मान में फूल बिछा दिए। कई बाल-बच्चों के बीच भी पिता को इस बात पर पूरा विश्वास था कि नाम का हर्षित एक दिन उनके जीवन में उमंग भर देगा। बूढ़ी होती आंखों की अब चमक बढ़ गई है लेकिन वाकई हर्षित के हौसले पर गर्व है तो पिता के विश्वास को भी समाज सलाम कर रहा है


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