जानिए इस नाग पंचमी पर कैसे करे काल सर्प दोष निवारण के अदभुत उपाय

जानिए इस नाग पंचमी पर कैसे करे काल सर्प दोष निवारण के अदभुत उपाय

जानिए इस नाग पंचमी पर कैसे करे काल सर्प दोष निवारण के अदभुत उपाय :-

प्रिय पाठकों/मित्रों, आप सभी के ध्यानार्थ कुछ उपाय/टोटके, कालसर्प/पित्र दोष निवारणार्थ--

----चौबीस मोर पंख लेकर उसकी झाडू सी बनावे तथा इसे सदैव शयनकक्ष में रखे तथा प्रतिदिन राहुकाल के समय इससे जातक के शरीर पर झाड़ा लगाये।

सभी प्रकार के कालसर्प योगों के लिये लाभकारी है।

काल सर्प दोष वालो को मूली नही खाना चाहिये l

वस्त्र दान एवं अन्नदान करना चाहिये

प्रत्येक माह की संक्रांति के दिन गंगाजल में गौमूत्र मिलाकर घर के सभी कमरों में छिड़काव करे l

मसूर की दाल और कुछ धन सूर्योदय के समय गरीब हरिजन को दान करें।

भैरवाष्टक का नित्य पाठ करने से काल सर्प दोष से पीड़ित लोगों को शांति मिलती है।

नाग पाश यंत्र अथवा काल सर्प यंत्र, पारद शिव लिंग, चांदी के अष्ट नागों, अष्टधातु के नाग, तांबे के नाग, रुद्राक्ष, एकाक्षी नारियल और नवग्रहों का पूजन करना चाहिए या नवग्रहों का दान देना चाहिए।

बहते पानी में मसूर की दाल डालनी चाहिए।

पक्षियों को जौ के दाने आज से प्रारम्भ कर 43 दिन तक खिलाने चाहिए।

भैरवाष्टक प्रयोग कर काल सर्प योग के भय से बचा जा सकता हॆ l
हनुमान चालीसा, सुंदर कांड इत्यादि का पाठ, माता सरस्वती की उपासना, श्री बटुक भैरव मंत्र का जप, रुद्राष्टाध्यायी और नवनाग स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।

जैन मंत्र :----
उपसर्गहर स्तोत्र का पाठ 27 बार 27 दिन तक पढ़े l

बाद मे निरंतर उपसर्गहरण स्तोत्र का बीज मंत्र की एक माला फेरे l
बीज मंत्र :---ॐ ह्रीं श्रीं अर्हम नमिऊण पास विसहर विसह जिणम फ़ुलि'ग ह्रीं श्रीं नमः ।
मंगल साधना पुस्तक से लें लेंवे ।

2, मन्त्र :---श्री घन्टाकर्ण महावीर का स्तोत्र पढ़े ।

स्त्रियां पद्मावती अष्टक पढ़े ।

यंत्र सामने रखकर करे तो शीघ्र लाभ होता है ।

3, मन्त्र:--- पार्श्वनाथ चालीसा पढ़े ।

निरंतर साधना करने से
कालसर्प दोष से होने वाले
सभी संकट दुर हो जाते हॆ

कोई भी एक उपाय श्रद्धा से नाग पंचमी से प्रारम्भ कर निरंतर करे ।

पण्डित दयानन्द शास्त्री।
ज्योतिषाचार्य , उज्जैन (मध्यप्रदेश)
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जानिए नागपंचमी 2017: क्या करें क्या ना करें, पूरा विधि विधान-

सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी नागपंचमी के रुप में मनाई जाती है तथा इस दिन नागों का पूजन करने का विधान है। ऐसा करके लोग नागदेवता को प्रसन्न करते हैं और उनका आशीर्वाद पाते हैं।

इस वर्ष 27 जुलाई बृहस्पतिवार को नागपंचमी प्रात: 7 बज कर 15 मिनट के बाद आरंभ होगी।

ध्यान रखें- उदया तिथि पंचमी न होने के कारण लोग 28 जुलाई शुक्रवार को नागपंचमी पूजन करेंगे। इस दिन तक्षक पूजा का विधान है। नागों की पूजा करके आध्यात्मिक और अपार धन की प्राप्ति की जा सकती है।

नाग पंचमी के दिन क्या न करें-

वैसे तो इस दिन भूमि आदि नहीं खोदनी चाहिए परंतु उपवास करने वाला मनुष्य सांयकाल को भूमि की खुदाई कभी न करे। नागपंचमी के दिन धरती पर हल न चलाएं, देश के कई भागों में तो इस दिन सुई धागे से किसी तरह की सिलाई आदि भी नहीं की जाती तथा न ही आग पर तवा और लोहे की कड़ाही आदि में भोजन पकाया जाता है। किसान लोग अपनी नई फसल का तब तक प्रयोग नहीं करते जब तक वह नए अनाज से बाबे या कुलदेवता को रोट न चढ़ाएं।

कालसर्प दोष वाले क्या करें-

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री जी के अनुसार कालसर्प योग बहुत ही अशुभ योग होताहै। इसलिए नागपंचमी पर कालसर्प पूजा या तक्षक शान्ति अपनी कुंडली के अनुसार ही करवाएं। नाग पंचमी पर भगवान शंकर की पूजा करें लेकिन कालसर्प योग वाले जातकों को भगवान शिव की पूजा करवाना सही और उचित है। हां, अगर कुंडली में राहु-केतु की स्थिति ठीक ना हो तो इस दिन विशेष पूजा का लाभ पाया जा सकता है।

जिनकी कुंडली में विषकन्या या अश्वगंधा योग हो, ऐसे लोगों को भी इस दिन पूजा-उपासना करनी चाहिए। जिनको सांप के सपने आते हों या सर्प से डर लगता हो तो ऐसे लोगों को इस दिन नागों की पूजा विशेष रूप से करना चाहिए।

जानिए नाग पंचमी पर पूजा का सही तरीका क्या है?

नागपंचमी की पूजा करने से पहले यह जान लें कि नाग पंचमी पर सामान्य तरीके से पूजा उपासना कैसे की जाएगी। सुबह-सुबह स्नान करके भगवान शंकर का स्मरण करें। नागों की पूजा शिव के अंश के रूप में और शिव के आभूषण के रूप में ही की जाती है क्योंकि नागों का कोई अपना अस्तित्व नहीं है। अगर वो शिव के गले में नहीं होते तो उनका क्या होता। इसलिए पहले भगवान शिव का स्मरण करेंगे। शिव का अभिषेक करें, उन्हें बेहपत्र और जल चढ़ाएं।
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जानिए घर के मुख्य द्वार पर सर्प की आकृति क्यों बनाई जाती है?

शिव जी की पूजा के बाद शिवजी के गले में विराजमान नागों की पूजा की जाती है। नागों को हल्दी, रोली, चावल और फूल अर्पित करेंगे। इसके बाद चने, खील बताशे और जरा सा कच्चा दूध प्रतिकात्मक रूप से अर्पित करेंगे।

घर के मुख्य द्वार पर गोबर, गेरू या मिट्टी से सर्प की आकृति बनाएं और इसकी पूजा करें। घर के मुख्य द्वार पर सर्प की आकृति बनाने से जहां आर्थिक लाभ होता है, वहीं घर पर आने वाली विपत्तियां भी टल जाती हैं।

इसके बाद -

'ऊं कुरु कुल्ले फट् स्वाहा'

इस मंत्र का 108 बार जाप करके फिर पुरे घर में जल छिड़कें। अगर आप नागपंचमी के दिन सामान्य रूप से भी इस मंत्र का उच्चारण करते हैं तो आपको नागों का तो आर्शीवाद मिलेगा ही साथ ही आपको भगवान शंकर का भी आशीष मिलेगा।

बिना शिव जी की पूजा के कभी भी नागों की पूजा ना करें क्योंकि शिव की पूजा करके नागों की पूजा करेंगे तो वो कभी अनियंत्रित नहीं होंगे। नागों की स्वतंत्र पूजा ना करें, उनकी पूजा शिव जी के आभूषण के रूप में ही करें।

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यदि आप राहु-केतु से परेशान हों तो क्या करें?

एक बड़ी सी रस्सी में सात गांठें लगाकर प्रतिकात्मक रूप से उसे सर्प बना लें। इसे एक आसन पर स्थापित करें। अब इस पर कच्चा दूध, बताशा और फूल अर्पित करें। साथ ही गुग्गल की धूप भी जलाएं।
इसके पहले राहु के मन्त्र-

'ऊं रां राहवे नम:'

का जाप करना है और फिर केतु के मंत्र -

ऊं कें केतवे नम:'

दोनों का 1008 बार जाप करें।

जितनी बार राहु का मंत्र जपेंगे उतनी ही बार केतु का मंत्र भी जपना है।जितना ज्यादा जप करेंगे उतना ही फायदा होगा।

मंत्र का जाप करने के बाद भगवान शिव का स्मरण करते हुए-

ओम नम: शिवाय

बोलते हुए एक-एक करके रस्सी की गांठ खोलते जाएं। फिर रस्सी को बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। राहु और केतु से संबंधित जीवन में कोई समस्या है तो वह समस्या दूर हो जाएगी।
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यदि आपको सांप से डर लगता है या सपने आते हैं तो क्या करें?

अगर आपको सर्प से डर लगता है या सांप के सपने आते हैं तो चांदी के दो सर्प बनवाएं। साथ में एक स्वास्तिक भी बनवाएं। जो लोग चांदी का नहीं बनवा सकते तो जस्ते का बनवा लीजिए। अब थाल में रखकर इन दोनों सांपों की पूजा कीजिए और एक दूसरे थाल में स्वास्तिक को रखकर उसकी अलग पूजा कीजिए।
नागों को कच्चा दूध जरा-जरा सा दीजिए और स्वास्तिक पर एक बेलपत्र अर्पित करें। फिर दोनों थाल को सामने रखकर

'ऊं नागेंद्रहाराय नम:'

का जाप करें।

इसके बाद नागों को ले जाकर शिवलिंग पर अर्पित करेंगे और स्वास्तिक को गले में धारण करेंगे।
ऐसा करने के बाद आपके सांपों का डर दूर हो जाएगा और सपने में सांप आना बंद हो जाएंगें।

पंडित दयानन्द शास्त्री,
(ज्योतिष-वास्तु सलाहकार)

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