खेल की दुनिया में पहली बार हुआ ऐसा जब किसी क्रिकेटर को दी गयी फासी

खेल की दुनिया में पहली बार हुआ ऐसा जब किसी क्रिकेटर को दी गयी फासी

डेस्क-(पीयूष त्रिवेदी)हिल्टन एक बहुत ही प्रतिभाशाली खिलाडी थे उन्होंने अपने करियर में अपने देश के लिए छ बार खेलने का मौका भी मिला और फिर 1939 में उनको इंग्लैंड टूर में भी खेलने का मौका मिला लेकिन बाद में उन्होंने इंटरनेशनल क्रिच्क्र्ट को अलविदा कह कर सिविल सर्विसेज में जा कर फोरमैन बन बैठे उसी बीच उनको लुर्लिने नाम की लड़की से प्यार हो गया जिसके बाद से उनके जीवन में एक ऐसा दौर आया की जिसने हिल्टन की जिंदगी की बदल गयी आइए जानते है आइए जानते है इस क्रिकेटर के बारे में

वेस्ट इंडीज के तेज गेंदबाज थे

जॉर्ज हिल्टन जो की एक वेस्ट इंडीज के तेज गंदेबजो में से एक थे. जिन्होंने 1935 से 1939 के बीच अपने देश के लिए करीबन 6 टेस्ट मैच खेले थे.. लेकिन क्रिकेट की दुनिया से बाहर निकल कर बात करे तो यह क्रिकेटर इसलिए खेल की दुनिया में और वेस्ट इंडीज के इतिहास में इसलिए याद किया जाता है क्यूंकि इस खिलाडी को अपनी ही पत्नी को मारने का आरोप था जिसके तहत वहा की कोर्ट ने उनको फासी की सजा सुना दी थी.

न्यू यॉर्क में था उनकी पत्नी का अफेयर

कहा ये जाता है की लेस्ली को एक पत्र मिला था जिसमे उनकी पत्नी लुर्लिने जो उस समय न्यू यॉर्क में थी उनका वहा पर फ्रांसिस नाम के किसी व्यक्ति के साथ अफेयर चल रहा था जो की खुद भी न्यू यॉर्क में ही रहता था.

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हिल्टन को हो गयी थी इस बात की खबर

जिसकी खबर हिल्टन को हो गयी थी जिसके बाद हिल्टन ने अपना मन बना लिया था की या तो उनकी पत्नी लुर्लिने खुद जमैका स्थित उनके घर आजाये या तो हिल्टन खुद ही न्यू यॉर्क जाकर अपनी पत्नी को मार देंगे लेकिन 2 मई 1954 को उनकी पत्नी जमैका स्थित अपने घर पहुँचगई. जिसके बाद हिल्टन ने अपनी पत्नी को मौत के घाट उतार कर इस घटना को अंजाम दिया

कोर्ट ने दी थी मौत की सजा

जिसके बाद जमैका की कोर्ट ने इस मामले में उनो अपराधी पाते हुए उनको मौत की सजा सुनाई थी

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