जानिए आपके घर के मुख्य द्वार का वास्तु सम्मत प्रभाव और उपाय--

जानिए आपके घर के मुख्य द्वार का वास्तु सम्मत प्रभाव और उपाय--

प्रिय मित्रों/पाठकों, हम सभी के जीवन और परिवार में खुशियों का संबंध कहीं न कहीं वास्तुशास्त्र पर भी निर्भर करता है। वास्तुविद पण्डित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि यदि घर का नक्शा वास्तुशास्त्र के नियमों के आधार पर न बना हो तो घर में रहने वाले लोगों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

आपके परिवार में कोई सदस्य किसी बीमारी का शिकार हो सकता है या उसे मानसिक आघात हो सकता है अथवा वह आर्थिक रूप से कमजोर बन सकता है।

इसलिए बेहद जरूरी है कि है हम अपने घर का निर्माण करवाते समय वास्तुशास्त्र के नियमों का पालन करें।

आपकर घर का मुख्य द्वार प्रवेशद्वार विशेष होता है क्योंकि यहीं से आपके घर में सकारात्मक और नकारात्मक ऊजाएं प्रवेश करती हैं।

यदि आपके घर में कोई हमेशा बीमार रहता है या कोई परेशानी चल रही है तो हो सकता है कि आपके घर के मुख्य प्रवेशद्वार के वास्तु में कोई समस्या/परेशानी/दिक्कत हो सकती हैं।

वास्तुविद पण्डित दयानन्द शास्त्री से जानिए मुख्य द्वार की कमियों को दूर करने के उपाय -

यदि घर के सामने पेड़ या खंभा है तो यह एक अशुभ संकेत है। इसके दुष्प्रभावों को रोकने के लिए घर के मुख्य द्वार पर रोज स्वास्तिक बनाएं।

घर के मुख्य द्वार के आगे गड्ढा हो तो परिवार के सदस्यों को मानसिक पीड़ा भुगतनी पड़ती है। इसके प्रभाव से बचने के लिए उस गड्ढे को भर दें।

मुख्य द्वार के आगे कीचड़ या गंदगी का होना परिवार में किसी सदस्य को किसी रोग से ग्रस्त होने का संकेतक है। अत: घर के सामने किसी भी प्रकार की गंदगी को न पनपने दें।

वैसे तो पूजा स्थल को काफी पवित्र माना गया है लेकिन घर के सामने किसी धार्मिक स्थल का होना अशुभ माना जाता है। पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि वास्तु के अनुसार ऐसे घर में देवी-देवता वास नही करते एवं वहां दुख और परेशानी बनी रहती है।

कई बार हम सजावाट के लिए घर के बाहर या मुख्य द्वार पर किसी तरह की बेल-पौधे लगा लेते हैं, जोकि वास्तु के अनुसार ठीक नहीं है।

इन परेशानियों से बचने के लिए मुख्य द्वार पर क्रिस्टल बॉल लटकाएं। पंडीत दयानन्द शास्त्री ने बताया कि इसके अलावा आप मेन गेट पर लाल रंग का स्वस्तिक 9x9 का बनाए। इसके अलावा लाल रंग का फीता बांधने से भी घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं कर पाती।
शुभम भवतु।। कल्याण हो।।

Share this story