हिन्दू धर्म में क्यों है मेहंदी लगाने का महत्व
Aug 8, 2017, 11:48 IST
डेस्क-(पीयूष त्रिवेदी)आज हमारे भारतवर्ष में कोई भी तीज त्योहार होता है तो हमारे घर की माँताए बहने सबसे पहले अपने हाथो और पाव को मेहंदी से सजा लेती है. आज हम कई तरीके से अपने पूर्वजो के द्वारे दिए गए संस्कार बड़ी निष्ठा से निभाते है लेकिन आपने ने क्या कभी यह सोचा है की हम आखिर यह मेहंदी की रस्म क्यों निभाते है.हिन्दू धर्म में ऐसे कई संस्कार है जो की हमारे पूर्वजो और हमारे ऋषि मुनियों ने बनाए है लेकिन उनका सिर्फ त्योहारो तक ही दयारा सीमित नहीं है बल्कि उनके कई वैज्ञानिक महत्व भी है आईए जानते है इसके कुछ वैज्ञानिक महत्व.
मेहंदी है एक चिकत्सक जड़ी बूटी
मेहंदी हमारे संस्कृत शब्द मेहंदिका से मिला कर बना है. मेहंदी और हल्दी के बारे में हमारे वेदों में भी बताया गया है हमारे आयुर्वेद के मुताबिक मेहंदी केवल हमारे हाथो को सुन्दर ही नहीं बनती बल्कि मेहंदी एक बहुत ही चिकित्सक जड़ी बूटी भी है आयुर्वेद की माने तो शादी में मेहंदी का उपयोग इसलिए किया जाता है क्यूंकि आयुर्वेद के अनुसार शादी बहुत ही तनावपूर्ण माहोल होता है जिसके कारण काफी ज्यादा बुखार और सरदर्द की परिस्थित बन सकती है.
इस लिए लगाई जाती है वर वधू को मेहंदी
इसी के साथ मेहंदी के लगाने से ये आप को वायरल फीवर जैसी खतरनाक बीमारियो से भी बचाता है और साथ ही यह आप के शारीर का ब्लड सर्कुलेशन भी बढाता है प्राचीन क़ाल में मेहंदी को इसलिए वर और वधू को लगाया करते थे ताकि वो दोनों स्वास्थ रह सके