नेता जी झूठे है तेरे वादे...................

नेता जी झूठे है तेरे वादे...................
पीलीभीत। नगर पालिका चुनाव की सरघरमियों के साथ ही आरोप-प्रत्यारोपों का सिलसिला जारी हो गया है। ऐसे में एक नेता जी ऐसे है कि जिन्हे अखबारों में झूठी विज्ञप्तियाॅ देने का बहुत शौक है। नेताजी ने बीते 27 जुलाई को प्रशासन को लिखित चेतावनी देते हुये मांग की थी कि पीलीभीत शहर में आते है वहाॅ ईदगाह है, मुक्तिधाम है, दशमा मणि स्थल और कब्रिस्तान भी है और वहाॅ कूडा पडता है। जिससे उनकी आस्था को ठेस पहुॅचती है।
  • बात करते है हम सपा नेता व पीलीभीत नगर पालिका परिषद के भावी प्रत्याशी संजीव मिश्रा की जनाव ने 27 जुलाई को सिटी मजिस्टेªट को एक ज्ञापन के साथ चेतावनी पत्र सौंपा था।
  • उन्होने मांग की थी कि पीलीभीत शहर में आते ही वहाॅ ईदगाह है, मुक्तिधाम है, दशमा मणि स्थल और कब्रिस्तान भी है और वहाॅ कूडा पडता है।
  • जोकि गलत है, 10 सालों में पूर्व चेयरमेन प्रभात जायसवाल इस समस्या का हल नहीं निकाल नहीं निकाल पाये है।
  • इसी के बाद उन्होने आज 8 अगस्त को अनिश्चित कालीन धरने की घोषणा की थी।
  • उनका कहना था कि चाहे कुछ भी हो वो घरने पर बैठेगें। लेकिन आज सुबह से शाम हो गयी लेकिन नेता जी धरने पर नहीं बैठे।
  • जब उनसे पूछा तो बोले कि हमारी पार्टी का कार्यक्रम 9 अगस्त का आ गया है इसलिये धरना फिर कभी देख लेगें।
  • पूर्व चेयरमेन प्रभात जायसवाल से उनके खिलाफ होने वाले धरने के स्थगित होने के बारे में जब पूछा गया तो उन्होने कहा कि मैने अपने कार्यकाल में कई बार जिला प्रशासन को प्रसताव बनाकर भेजा कि कूडे का निस्तारण हो इसके लिये भूमि आवंटित हो लेकिन नहीं हुआ।
  • रही बात मेरे खिलाफ धरने की तो अब मैं चेयरमेन ही नहीं संजीव मिश्रा को अगर धरना देना था तो मेरे कार्यकाल में करते।
  • वैसे उनका मुददा जनहित में है और सही है लेकिन उनकी राजनिति का तरीका गलत है।

पांच साल तक मलाई खाई

वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता व चेयरमेन पद प्रत्याशी पं0 राघवेन्द्र नाथ मिश्रा से जब धरने के बारे में पूछा गया तो उन्होने कहा कि संजीव मिश्रा ने 5 साल सपा सरकार में मलाई-लडडू खाये तब उन्हे जनता की याद नहीं आयी। अब हमारी सरकार में वो अपनी अखबारी और विज्ञापित राजनीति को जिन्दा करना चाहते है। अगर वाकई में वो जनता के हित की बात कर रहे थे तो आज धरने पर बैठते। कुछ लोग ढोल ज्यादा बजाते है और काम कम करते है।
रिपोर्ट शारिक परवेज

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