पितृसत्ता के साए से दूर बसा हुआ है मणिपुर का यह बाज़ार

डेस्क (दीप्ता)- जहां आज भी भारत के कई प्रदेशों में चाहे वो गाँव हो या शहर, पितृसत्ता परिवार में नज़र आ ही जाती है और हमारा समाज अभी भी इस तंज से छुटकारा पाने के लिए छटपटा रहा है, वहीँ भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में चलती है मातृसत्ता| जिसका एक जीता जगता उदाहरण है मणिपुर का 'मत्री बाज़ार' जहाँ सिर्फ औरतें ही दूकान लगाती हैं|

१७८६ से चल रहा यह बाज़ार शुरू से ही महिलाओं के जिम्मे रहा है| उन सालों में यहाँ के सरे पुरुष चीन और बर्मा से हो रहे युद्ध में ही व्यस्त थे, जिसे देखते हुए यहाँ की महिलाओं ने यह बाज़ार शुरू करने और इसे चलाने का ज़िम्मा उठाया|
अब इस बाज़ार में लगभग ४००० महिलाएं व्यापार करती हैं|

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