सरकारी अस्पतालों में नहीं लगी बिजली तो अधिकारियों पर होगा हत्या के प्रयास का मुकदमा

सरकारी अस्पतालों में नहीं लगी बिजली तो अधिकारियों पर होगा हत्या के प्रयास का मुकदमा

गोंडा - लापरवाही और लेटलतीफी जैसे अधिकारियों के रग - रग में रच बस गया है इन्हें न ही अपनी जिम्मेदारियों का एहसास है और न ही इस बात की चिंता कि इनके टाल मटोल के प्रव्रृति का कितना गलत असर पड़ता है | बात जनपद गोंडा की हो रही है जो अपने पिछड़ेपन के कलंक को मिटा नहीं पा रहा है जनप्रतिनिधि जहाँ अपने में ही मगन रहते हैं जनता कभी अधिकारियों के चौखट तो कभी नेताओं की दरबारदारी करती रहती है | जिले की सूरत बदलने में लगे कुछ अधिकारियों को भी काम करने के लिए कड़ी मसक्कत करनी पड़ती है |

देश को आजाद हुए भले है कई दशक बीत गए लेकिन आज भी गोंडा आदिम युग में जी रहा है स्थिति इससे ज्यादा बदतर क्या होगी की यहाँ पीएचसी तो है लेकिन बिजली न होने के कारण यहाँ प्रसव अभी भी मोमबत्ती के उजाले में कराना पड़ता है | इस मानवीय संवेदना को जब जिले की सीडीओ दिव्या मित्तल ने कमिश्नर की बैठक में उठाया तब कमिश्नर एस वी एस रंगाराव का भी पारा चढ़ गया इस बेहद ही लापरवाही भरे कदम पर उन्होंने अधीक्षण अभियन्ता विद्युत को एक सप्ताह के भीतर ऐसे सभी पीएचसी पर विद्युतकीकरण कराकर रिपोर्ट न देने पर हत्या का प्रयास करने की धारा में मुकदमा दर्ज कराने की चेतावनी दी है|

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