इस थाने में रेप के मामले में कहा जाता है करो समझौता

इस थाने में रेप के मामले में कहा जाता है करो समझौता

पहले प्यार फिर आशनाई तब दिया धोखा फिर नाबलिक को न्याय के लिए खानी पड़ी ठोकर एडिशनल एसपी के हस्तक्षेप के बाद दर्ज हुआ
मुकदमा

शिवकेश शुक्ला:फुर्सतगंज/अमेठी । अमेठी जनपद के थाना फुर्सतगंज थाना क्षेत्र के रहने वाली नाबालिक को वर्षो से गांव के ही आजम ने प्यार का झांसा देकर बहला फुसला कर शोषण करता रहा । इसी बीच नाबालिक गर्भवती हो गयी तो नाबालिक को धोखा देकर गुजरात के बड़ोदरा चला गया। काफी दिनों तक परिजनों को जानकारी ही नही हुई। परिजनों को जब मामले की जानकारी हुई तो आजम के घरवालों सहित मामले में सामिल लोगों पर मामले के सम्बंध में पूछताछ किया। आजम के घर वालो ने निकाह करने की बात को कह कर मामले को दबा दिया।

मामला दिसंबर 2016 से शुरू हुआ वह भी हिंदी फिल्मों के अंदाज में अमेठी जनपद के एक गांव के निवासी आजम ने अपने गांव के एक 16 वर्षीय नाबालिक को बहला फुसला कर गांव की एक महिला की मदद से से उसके घर पर नाबालिक पीड़िता को बुलाकर शारीरिक सम्बन्ध बनाता था। पीड़िता को शादी का झांसा देता रहा फातिमा जब गर्भवती हो गयी तो किसी से न बताने की धमकी दे कर गुजरात फरार हो गया। पीड़िता डर के मारे किसी से कुछ न कह सकी। लेकिन पीड़िता इस बात को ज्यादा दिनों तक छुपा भी नही सकती थी फिर भी छुपाये रखा। कि अब मेरा प्रेमी आ कर मुझसे निकाह करेगा। परन्तु एक दिन पीड़ित के लाख छुपाने के बाद भी बात परिजनों में खुल गयी तो पीड़िता ने पूरे मामले से परिजनों को अवगत कराया।

पीड़िता के चाचा ने फुर्सतगंज थाने में दिए प्रार्थना पत्र में उक्त बातो का उलेख किया है । पीड़ित के चाचा के अनुसार चार माह पहले जब फातिमा के गर्भवती होने की जानकारी परिजनों को हुई तो आरोपी के माता पिता ने पीड़िता के परिजनों से कहा कि दोनो का निकाह करवा कर बहु बना लेंगे। मामले को उस समय दबा दिया दो परिवारों की इज्जत का हवाला भी दिया। इस प्रकार आरोपी के माता पिता भी आरोपी के गलत कार्यो में बराबर के भागीदार रहे है। फातिमा ने बीते 19 सितम्बर को रायबरेली के निजी अस्पताल में एक बच्चे को जन्म दिया। बच्चे के जन्म के बाद परिजनों ने आजम को बुलाने और निकाह करवाने का दबाव बनाया तो आजम के परिजन आपनी बातो से मुकर गए।

पूरा मामला 12 अक्टूबर को परिजनों के साथ पीड़िता फुर्सतगंज कोतवाली पहुँचा गयी मामले में न्याय मांगने लेकिन न्याय मिलने की कौन कहे पीड़िता की सुनने वाला इस थाने कोई नही मिला बल्कि पीड़िता पर समझौता जा कर करने के लिए उल्टा दबाव बनाया गया। तब मामले की जानकारी अपर पुलिस अधीक्षक बीसी दुबे को दी गयी, अपर पुलिस अधीक्षक ने मामले में ततपरता दिखाते हुए फुर्सतगंज थाना प्रभारी प्रेम पाल सिंह को मामले को दर्जकर उचित कार्यवाही करने का निर्देश दिया। अपर पुलिस अधीक्षक अमेठी के निदेश के बावजूद पीड़िता को तीन दिन तक थाना प्रभारी ने थाने का चक्कर लगवाया। सबसे खास बात ये रही कि महिला क्षेत्राधिकारी डॉ बीनू सिंह ने उपजिलाधिकारी अशोक कुमार के साथ 12 अक्टूबर को थाना में पीस कमेटी की बैठक की उन्हें भी पीड़िता नजर नही आई इससे भी थाना पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगता है।

पीड़ित के मामले में अपराध संख्या 0569 धारा 376, 506 लैंगिक अपराध से बालको संरक्षण अधिनियम 2012-3,4 के अंतर्गत आजम, सैयदन, नकछेड रशीदन के नाम को पंजिकृत कर तहकीकात की कार्यवाही कर रही है।

Share this story