शौचालय पर लगा लिया ताला, अनोखी अमेठी की अनोखे अधिकारियों की कार्यशैली

शौचालय पर लगा लिया ताला, अनोखी अमेठी की अनोखे अधिकारियों की कार्यशैली

शौचालय पर लगा लिया ताला, अनोखी अमेठी की अनोखे अधिकारियों की कार्यशैल

शिवकेश शुक्ला:अमेठी। अमेठी जनपद में मुख्यविकास अधिकारी अपूर्वा दुबे ने जिलाधिकारी योगेश कुमार के नेतृत्व में ’अनोखी अमेठी के अनोखे भाई‘ नामक शीर्षक से बहनों को राखी के पर्व के मौके पर शौचालय देने की प्रतियोगिता का आयोजन और जागरूकता का कार्यक्रम किया। जिसकी तारीफ जिले ही नही बल्कि प्रदेश भर में हुई। स्वछ भारत मिशन के तहत वर्ड रिकार्ड बनाने की पहल जिले के जिलाधिकारी योगेश कुमार ने दस हजार से अधिक लोगो को प्रेरित कर स्वछता कार्यक्रम मे आधे घंण्टे से अधिक काम करके पहल की। जिसमे समाज सेवी सहित जिले की आम जनता ने आशा से अधिक लोगो ने बढ़-चढ़ के हिस्सा लिया। परंतु जिले मे इन आयोजनो से कर्मचारियो की जगरूकता नही हो सकी। इसका प्रमाण शुकुलबाजार मे देखने को मिला। जब बालिका इंटर कालेज की छात्राओं को शौच के लिए, अब भी खुले मे या झाड़ियो मे जाना पडता है।
जबकि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जनहितयाचिका मे राज्य सरकार को सितम्बर माह मे एक निर्देश दिया कि प्रदेश के सभी राजकीय बालिका विद्यालयो मे शौचालय, पेयजल आपूर्ति व बिजली के कनेक्सन एक माह मे सरकार करवाए। यह आदेश न्यायमूर्ति अरूण टंडन और न्यायमूर्ति सिद्धर्थ वर्मा के संयुक्त खंडपीठ ने विनोद कुमार के जनहित याचिका पर दिया है। जिसमे शासकीय अधिवक्ता के राज्य सरकार का पक्ष जानने के बाद सभी जिलाधिकारियो को निर्देश दिया कि जहॉ पर शौचालय की सुविधा नही है। वहॉ सुविधाएं उपलब्ध कराये। अगर शौचालय नहीं बन पाये तो वहा के जिलाधिकारी पर अवमानना की कार्यवाही की जायेगी। शौचालय प्रयोग के लिए स्कूलो मे सर्मसिबल पंप लगाकर शौचालय मे पानी की आपूर्ति के लिए टंकी रखी जाए।
मोदी और योगी की सरकार राष्ट्रीय स्तर पर सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट “स्वछ भारत मिशन“ को लिया है। प्रधानमंत्री सहित लगभग सभी प्रदेशो के मुख्यमंत्री वाह्य शौच से मुक्त कराने के लिए सरकारी इमदाद के साथ ही तमाम तरह के सरकारी सहायता और जागरूकता के अभियान को चलाया जा रहा है। जिसके लिए प्रचार माध्यमो पर सरकार करोड़ो रुपये पानी की तरह बहा रही है। परंतु इसके लिए सार्थक कदम जिले और क्षेत्र बैठे अधिकारी और कर्मचारी नही उठा रहे है। कार्यक्रम की सफलता पर प्रश्न चिन्ह लगता दिखाई पड़ रहा है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत सरकारी और अर्धसरकारी कार्यालय, विद्यालय सहित सार्वजनिक स्थलो पर सफाई की जानी चाहिये। लेकिन यह तस्वीरे राजकीय बालिका इंटर कालेज की है जहॉ विद्यालय के अंदर और आस-पास र्दुघटना को दावत देती झाड़ीयॉ नजर आ रही है, प्रशासन को खबर तक नही है। वह भी तब जब की ग्राम सभा स्तर पर सफाई कर्मियो की नियुक्ति की गयी है।
मामला राजकीय विद्यालय इंटरमीडिएट कालेज शुकुलबाजार का है जहॉ पर बालिकाओ के शौचालय मे ताला लगा कर रखा। शौचालय प्रयोग न होने से होने वाली परेशानियो से यहॉ की अध्यापिकाओं और कॉलेज की प्राचार्या को कोई मतलब नही है। इस लिए विद्यालय के शौचालयों की तस्वीरों को अगर ध्यान से देखे तो महीनों से न खुलने के कारण जाले लगे हुए है। लेकिन जागरूक छात्राओं ने कॉलेज के शौचालय की फोटो खींच कर शुकुल बाजार क्षेत्र में वायरल कर दी। वायरल फोटो की सच्चाई पर नाम बिना बताए कहा कि हम लोगो को शौचालय प्रयोग करने के बजाय एकांत का सहारा लेना पड़ता है। आखिर अनोखी अमेठी के अनोखे अधिकारी कर्मचारी इस तरह की समस्यों से जिले के विद्यालयो को कब मुक्त कराएगे? अनोखी अमेठी के अनोखे अधिकारियों के मार्गदर्शन में कैसे अमेठी जनपद वाह्य शौच से मुक्त हो पायेगा? आखिर कब तक राजकीय विद्यालय इंटरमीडिएट कालेज की छात्राओं को वाह्य शौच के लिए खुले में जाना पड़ेगा? जैसे अनेक सवाल है जिसका जवाब किसी के पास नही है। अभी हाल मे ही अमेठी जनपद के कई प्राथमिक स्कूलो मे छात्रो के द्वारा झाड़ू लगाने की फोटो और विडियो पर जिला बेषिक शिक्षा अधिकारी और जिलाधिकारी के बयान की जॉच के बाद कार्यवाही की जाएगी। लेकिन मामलो मे काफी समय बीत जाने के बाद भी कोई कार्यवाही नही की गयी। इससे प्रशासनिक अधिकारियो के कार्यशैली पर भी प्रश्न चिन्ह है।

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