जाने क्या है शिव के अर्द्धनारीश्वर रूप का सत्य

जाने क्या है शिव के अर्द्धनारीश्वर रूप का सत्य

डेस्क-(पीयूष त्रिवेदी)कहते हैं जब सृष्टि की संरचना के बाद ब्रह्मा जी ने मनुष्‍य का र्निमाण किया तो उन्‍हें समझ आया कि ये तो एक शीघ्र अंत होने वाली रचना है क्‍योंकि उन्‍होंने सिर्फ पुरुष बनाये. सृष्टि को चलाने के लिए संतति की आवश्‍यकता है और उसके लिए स्‍त्री की पर वो है ही नहीं. तब अपनी समस्या के समाधान के लिए वो शिव की शरण में पहुंचे और कठोर तप किया. ब्रह्मा की कठोर तपस्‍या से शिव प्रसन्न हुए और उनकी समस्या के हल के फल में उन्‍होंने अपना अर्धनारीश्वर स्वरूप प्रगट किया. इस रूप में वे आधे शिव थे और आधे शिवा. इस तरह उन्‍होंने मानव को प्रजनन शील बनने क प्रेणना देकर सृजन का संदेश दिया.
देखे आगे की स्लाइड्स

Share this story