क्या बात है ,रोशनी नही मजबूती देख कर खरीदते हैं बल्ब
नई दिल्ली -बल्ब जिसे लोग रोशनी के लिए खरीदते हैं उसमे लोग मजबूती खोजने लगते हैं और आंखों के लिए यह फायदेमंद है या नही इस बात का भी ध्यान नही रखा जाता । यह बेहद ही अनोखा तथ्य निकल कर आया एक सर्वे में जब फिलिप्स लाइटिंग सर्वेक्षण के मुताबिक ज्यादातर भारतीय लोगों के लिए आंखों की देखभाल, त्वचा की देखभाल और अन्य स्वास्थ्य मुद्दों जैसे वजन घटाना या फिटनेस का स्तर बढ़ाना, जितना भी महत्वपूर्ण नहीं है।
लोग अपने फिटनेश पर तो ध्यान देते हैं लेकिन आंख जैसे सेंसिटिव मामले पर बल्ब की क्वालिटी खराब होने से उनकी आंख को नुकसान हो सकता है यह केवल 21 फीसदी लोग ही बल्ब खरीदते समय यह ध्यान रखते हैं कि यह उनकी आंखों के लिए आरामदायक होगा या नहीं। यहां एक सर्वेक्षण में बुधवार को यह जानकारी सामने आई है।
यह सर्वेक्षण भारत समेत 12 देशों में 9,000 वयस्क प्रतिभागियों पर किया गया। इसमें पता चला कि बल्ब की खरीदारी के वक्त 50 फीसदी लोग आंखों की सुविधा की बजाए कीमत को तथा 48 फीसदी लोग बल्ब की मजबूती की तवज्जो देते हैं।
करीब 70 फीसदी भारतीय रोज 6 घंटे से ज्यादा वक्त चमकीली स्क्रीन के आगे बिताते हैं और इतने ही फीसदी लोग आंखों की समस्याओं से जूझ रहे हैं
दुनियाभर में निकट दृष्टि दोष रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है, विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा व्यक्त अनुमान कि 2050 तक प्रत्येक दो में से एक व्यक्ति दूर दृष्टि दोष से ग्रसित होगा के साथ, भविष्य में नहीं बल्कि तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है।
यह अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण हो जाता है जब हमारी आंखों को तनावमुक्त रखने को सुनिश्चित करने और आरामदायक महसूस कराने की बात आती है। लोगों को उच्च गुणवत्ता वाले लैम्प का चुनाव करना चाहिए जो उनकी आंखों के लिए सहज हैं।
अपने वजन का लोग 73 प्रतिशत लोग ध्यान रखते हैं जबकि फिटनेस पर 60 प्रतिशत लोग ध्यान देते हैं ।
सर्वे में लोगों को आंख के बारे में जागरूक करने का प्रयास किया गया है ।