डीआईओएस गोण्डा राम खेलावन ने तो खेल दिया बड़े -बड़े खेल सिस्टम धृतराष्ट्र बन गया

डीआईओएस गोण्डा राम खेलावन ने तो खेल दिया बड़े -बड़े खेल सिस्टम धृतराष्ट्र बन गया

डीआईओएस गोण्डा राम खेलावन ने तो खेल दिया बड़े -बड़े खेल सिस्टम धृतराष्ट्र बन गय

बोर्ड की उपलब्ध साइट पर आए दिन छेड़खानी कर बोर्ड को गुमराह करने के लिए कर रहा आंकड़ों में संशोधन

राम खेलावन वर्मा डी आई ओ यस के रहते संभव नहीं है विभागीय कार्यों में पारदर्शिता लाना

गोण्डा (एच पी श्रीवास्तव) योगी सरकार भस्ट्राचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात कह रहे हैं । आये दिन बेईमान अधिकारियों को वालंटरी रिटायर किया जा रहा है । सुचिता बनी रहे इसलिए शिक्षा विभाग की कमान स्वच्छ और साफ सुथरी छवि के मंत्री के जिम्मे किया गया यही नही इस विभाग के मंत्री दिनेश शर्मा प्रदेश सरकार में डिप्टी सीएम भी हैं ।
अब नजर डालते है प्रदेश में नकल माफियों की टेंडर खुल चुका है बोली लग चुकी है लेकिन एक अंतर है पहले भ्रष्ट अधिकारी नकल माफियाओं को संरक्षण देते थे लेकिन अब नकल माफियों के सरगना बन चुके हैं । विभाग अपनी तार -तार होती छवि को जैसे फटे हुए कपड़े से ढंकने की कोशिश कर रहा है लेकिन पूरे प्रदेश में गोण्डा के डीआईओएस राम खेलावन जैसे मोटी चमड़ी के अधिकारी बैठे हुए हैं जो शासन के पारदर्शिता के दावे की धज्जियां पूरी सफाई के साथ उड़ा रहे हैं । विभागीय मंत्री धृतराष्ट्र की तरह सब कुछ जान कर भी अनजान होने या असहाय नजर आ रहे हैं । गोण्डा जनपद सहित पूरे प्रदेश में धज्जियां उड़ा रही है और डीआईओएस गोण्डा राम खेलावन जैसे बड़े खिलाडी सिस्टम को हर मौके पर मात देते नजर आ रहे हैं ।

माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यू. पी. बोर्ड ने हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा 2018 के लिए परीक्षा केंद्रों की सूची वेबसाइट पर जारी करते ही जनपद में केंद्र निर्धारण पर हंगामा मचा हुआ है जहां लोग जिला विद्यालय निरीक्षक गोंडा राम खेलावन वर्मा के भ्रष्ट कार्यशैली व उन्हें खुद निजी स्वार्थ हित में भ्रष्टाचार की आकंठ में डूबने की बात कर रहे हैं , वहीं मानक वाले विद्यालयों में जहां विगत वर्षों में परीक्षा केंद्र बना हुआ था इस वर्ष परीक्षा केंद्र ना बन पाने से काफी लोग आहत है !
विभागीय सूत्रों की माने तो यह भ्रष्ट अधिकारी परीक्षा पटल बाबू के सारे कार्यों को अपने नकल माफियाओं के टीम के साथ केंद्र निर्धारण का कार्य खुद सम्भाल करके दागी व मानक विहीन विद्यालय को परीक्षा केंद्र बनवा कर मोटी माल काट रहा है !
यही कारण है कि उक्त डी आई ओ एस राम खेलावन वर्मा द्वारा बोर्ड की साइट जिस पर पूर्व में विद्यालय ने अपने यहां की सूचनाएं अपलोड करायी थी जिस पर विभाग ने अपने स्थलीय सत्यापन कर अपनी रिपोर्ट अपलोड किया था, उस साइड पर भी आये दिन अपनी रिपोर्टिंग में संशोधन कर बोर्ड को गुमराह करने का कार्य कर रहा है जिस रिपोर्ट के आधार पर बोर्ड द्वारा विद्यालयों का परीक्षा केंद्र निर्धारण किया गया है !
जिसमें कुछ विद्यालयों का नमूना यहां प्रस्तुत है --
केस नंबर -- 1
श्री श्याम लाल मेमोरियल इंटर कॉलेज महादेवा गोंडा विद्यालय कोड संख्या 1220
पूर्व में विद्यालय द्वारा दी गई सूचनाएं पक्की छत वाले कमरे की संख्या 19, विभागीय स्थलीय सत्यापन रिपोर्ट में 15 कमरे
वर्तमान साइट में संशोधन के बाद विद्यालय रिपोर्टिंग कमरों की संख्या 19 , विभागीय स्थलीय सत्यापन रिपोर्ट 12 कमरे ! यानी एक ही रिपोर्ट में उस साइट पर इनके द्वारा स्थलीय सत्यापन में तीन कमरे का अंतर दिख रहा है !
एक पाली में विद्यालय में बैठने वाले बच्चों की संख्या विद्यालय द्वारा 300दिखाया ,वहीं विभाग के स्थलीय सत्यापन द्वारा 600.दिखाया गया ! वही साइट पर छेड़खानी के बाद विद्यालय की संख्या 300 बच्चे और विभागीय सत्यापन में भी 300 बच्चा दिखाई पड़ा है !
फर्नीचर की उपलब्धता पूर्व में विद्यालय ने अपने यहां 200 दिखाया था वही विभागीय स्थलीय सत्यापन में 600 दिखाया गया !
वर्तमान में साइड पर छेड़खानी करने के बाद विद्यालय द्वारा 200 फर्नीचर दिखाया गया और विभागीय सत्यापन में 300 हो गया यानी एक ही प्रकण में विभाग 300 फर्नीचर का अंतर दिखा रहा है !
वर्ष 2017 में बोर्ड परीक्षा के दौरान इस विद्यालय में अनुचित संसाधन के प्रयोग करने में पूर्व जिलाधिकारी द्वारा इस विद्यालय को काली सूची में डालने के लिए अनुमोदित किया गया था इस बारे में उन्होंने इस साइट पर उसे नहीं दिखाया गया है !

केस नंबर -- 2
ब्लूमिंग फ्लावर पब्लिक इंटर कॉलेज मलारी विद्यालय कोड संख्या 12 18
बच्चों के बैठकर परीक्षा देने / धारण क्षमता, विद्यालय द्वारा पहले 450 विभागीय सत्यापन 450
साइट पर संशोधन के बाद विद्यालय 450 विभागीय सत्यापन के बाद 400 अंतर 50 बच्चों का फर्नीचर विद्यालय द्वारा पूर्व में 225 विभागीय सत्यापन में 450 हो गया साइट पर बाद मे संशोधन करने पर विद्यालय 225 विभागीय सत्यापन में 400 हो गया यानी विद्यालय ने गलत सूचनाएं प्रेषित की जो सत्यापन में उन से अधिक पाई गई !

केस नंबर -- 3
पदुमनाथ शुक्ल इंटर कॉलेज दुल्हापुर बनकट गोंडा विद्यालय कोड संख्या 1317
एक पाली में बच्चों के बैठने की क्षमता विद्यालय द्वारा पूर्व में 700 विभागीय स्थलीय सत्यापन में 600 साइट पर छेड़खानी के बाद विद्यालय में 700 विभागीय सत्यापन 300 बच्चों का दिखा रहा है यानी यह 300 का अंतर छेड़खानी कर के किया गया !
इसी प्रकार फ़र्नीचर में पूर्व में विद्यालय द्वारा 400 और विभागीय सत्यापन में 400 दिखाई गया छेड़खानी के बाद साइड पर विद्यालय 400 विभागीय सत्यापन में 300 दिखाया ! यहां 100 का अंतर दिखा रहा है !

केस नंबर -- 4
एल राम मुहूर्त तिवारी ए एस एन इंटर कॉलेज रामनगर गोंडा विद्यालय कोड संख्या 12 30
पक्के छत वाले कमरे पूर्व में विद्यालय द्वारा 16 विभागीय स्थलीय सत्यापन में 16 साइट पर वर्तमान में छेड़खानी के बाद विद्यालय 16 विभागीय सत्यापन 10 यानी छह कमरे कम कर दिए गए !
एक पाली में बच्चों के बैठने की क्षमता पूर्व में विद्यालय ने 600 विभाग यस स्थलीय सत्यापन में 500 दिखाया गया वहीं साइड से छेड़खानी करते हुए अब साइट पर विद्यालय 600 और विभाग यस लिए सत्यापन में ढाई सौ दिखाया जा रहा है यानी साइट पर छेड़खानी कर विभाग ने ढाई सौ बच्चों का अंतर कर दिया !

केस नंबर -- 5
डाक्टर जे डी सिंह आदर्श इंटर कॉलेज गोंडा विद्यालय कोड संख्या 1149
एक पाली में विद्यालय में बैठने की क्षमता विद्यालय द्वारा पूर्व में 700 वही विभागीय स्थलीय सत्यापन में 1000 दिखाया गया था ! वर्तमान में साइट पर छेड़खानी कर करने के बाद विद्यालय द्वारा 700 एवं विभागीय सत्यापन के बाद 500 दिखाया गया है यानी विद्यालय द्वारा 500 बच्चे साइट पर छेड़खानी करके कम कर दिए गए ! यही नहीं विद्यालय में उपलब्ध फर्नीचर पूर्व विद्यालय द्वारा 500 दिखाया गया वही विभाग यस सत्यापन के बाद उसे 810 आ गया अर्थात विद्यालय द्वारा दी गई सूचनाएं फर्नीचर से संबंधित गलत थी विभाग के सत्यापन में 300 का अंतर आ गया वर्तमान में छेड़खानी करने के बाद फर्नीचर विद्यालय द्वारा 500 और विभागीय सत्यापन में भी 500 दिखाया जा रहा है ! पहले और अब में विभागीय सत्यापन में छेड़खानी कर 300 फर्नीचर के आंकड़े का अंतर किया गया है !
यदि उपरोक्त साइड के डाटा फीडिंग पर हम ध्यान दे तो विद्यालय ने जो सूचनाएं अपने यहां की विभाग को अपलोड करने के लिए दिया था वह सूचनाएं जिला विद्यालय निरीक्षक के स्थलीय सत्यापन में गलत हैं और उन आकड़ों से बढ़ा चढ़ाकर उसी विद्यालय के आंकड़े संबंधित साइट पर जिला विद्यालय निरीक्षक गोंडा ने अप लोड कराये है ! केंद्र निर्धारण की सूची सामने आने पर जिले में हल्ला मच गया लोगों ने 30 नवंबर 2017 को उक्त साइड की रिपोर्टिंग कापी डाउनलोड कर प्रिंट भी निकलवा लिया, लेकिन बोर्ड व लोगों को मूर्ख बनाने में माहिर डी .आई. ओ. यस. राम खेलावन वर्मा ने उक्त साइट पर छेड़खानी कर डाटा फीडिंग स्थलीय सत्यापन में संशोधन कर विद्यालय और अपनी रिपोर्टिंग में काफी मेल लाने का प्रयास किया है !
परंतु चोर कितना ही शातिर क्यों ना हो मौका-ए-वारदात कुछ ना कुछ सबूत छोड़ जाता है उसी तरह अब भी उक्त साइट पर विद्यालय द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचनाएं के आंकड़े से बढ़ाकर विभाग की स्थलीय सत्यापन आंकड़े दिखाई पड़ रहे हैं !
सवाल यह उठता है कि क्या विद्यालय को अपने यहां के उपलब्ध संसाधन के बारे में जानकारी नहीं है जो विभाग के संबंधित अधिकारी के स्थलीय सत्यापन के बाद बढ़ गई !
कम होना तो स्वाभाविक माना जा सकता है लेकिन विद्यालय द्वारा उपलब्ध आंकड़ों से विभाग के स्थलीय सत्यापन के आंकड़े बढ़ जाने से इस बात का संकेत देता है कि राम खेलावन वर्मा जिला विद्यालय निरीक्षक गोंडा नकल माफियाओं का बाप है और अपने शातिराना कार्यशैली से नकल माफियाओं से सांठगांठ कर जनपद में दागी व मानक विहीन विद्यालयों की सूचनाओं का बोर्ड को गलत रिपोर्टिंग कर परीक्षा केंद्र बनाने का प्रयास कर रहा है !
यस कोई दूसरी एजेंसी इस प्रकरण में जांच करें तो दूध का दूध और पानी का पानी अलग हो सकता है तथा भ्रष्टाचार में लिप्त जिला विद्यालय निरीक्षक गोंडा राम खेलावन वर्मा के काली करतूती कारनामों से पर्दा भी हो यह सोचनीय और जांच का विषय है !

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