सत्ता किसी की भी हो ,खेल तो केवल राम खेलावन वर्मा डीआईओएस का ही चलता है

सत्ता किसी की भी हो ,खेल तो केवल राम खेलावन वर्मा डीआईओएस का ही चलता है

सत्ता किसी की भी हो खेल तो केवल राम खेलावन वर्मा डीआईओएस का ही चलता ह

तीन तीन बार स्थानांतरण के बाद भी अपने जुगाड़ से नहीं छोड़ना चाहता है जिला

गोंडा (एच पी श्रीवास्तव) हमारे समाज में जुगाड़ एक ऐसा शब्द है जो हर जगह फिट हो जाता है जिसका जीता जागता उदाहरण गोण्डा जनपद में जिला विद्यालय निरीक्षक गोंडा राम खेलावन वर्मा के रूप में देखने को मिल रहा है ! जनपद में अपने भष्ट्र कार्यशैली से चर्चित इस शख्स ने तीन -तीन बार स्थानांतरण होने के बाद भी अपने जुगाड़ से जनपद में पुनः तैनाती करवा करवा लिया है !
सूत्रों के अनुसार जिसमें इनका सहयोग जनपद के सक्रिय नकल माफियाओं की टीम कर रही है !

क्या है पूरा मामला

जिला विद्यालय निरीक्षक गोंडा राम लखन वर्मा की गोण्डा जनपद में तैनाती 9 सितंबर 2016 को हुई थी तभी से यह अपना कार्यभार देखते हुए जिले भर के चर्चित नकल माफियाओं की टीम को सक्रिय कर कार्य करने लगे यह टीम जनपद से लेकर बोर्ड तक मानक विहीन विद्यालयों के समस्याओं का निदान चुटकियों में कर देता था बस उसे इसके एवज में मोटी रकम मिलना चाहिए था ! सूत्रों की माने तो इस सक्रिय टीम के सरगना के रूप में अप्रत्यक्ष रूप से कार्य राम खेलावन वर्मा डीआईओयस गोण्डा देख रहे है !
विभाग, बोर्ड या शासन स्तर पर यदि कोई मामला फंसता तो यह निराकरण करवाते हैं ! चर्चा में आया कि इसकी भनक प्रशासन को हुई तो इनका स्थानांतरण 19 नवंबर 2016 को गोण्डा से कर दिया गया और 30 नवंबर 2016 को MP सिंह की तैनाती डी आई ओ एस के रूप में जनपद में हुई !
अपने जुगाड़ में माहिर राम खेलावन वर्मा डी आई ओ यस एम पी सिंह 21 दिसंबर 2016 तक ही जनपद में डी आई ओ यस के पद पर बने रहने दिया तथा अपनी पुन: तैनाती 22 दिसंबर 2016 को जिला विद्यालय निरीक्षक के रूप में करा लिया !
उस समय जिले में पूर्व जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन जिलाधिकारी का कार्यकाल रहा था तथा उसी दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा विधानसभा चुनाव में गोण्डा चुनावी सभा को संबोधित करते हुए गोण्डा को नकल माफियाओं का गढ़ बताया और कहा कि यहां के ठेके पर परीक्षा कराई जाती है और डिग्रियां बिकती है !
उनके भाषण के बाद से पूरे देश में उत्तर प्रदेश गोंडा जनपद की पहचान नकल माफियाओं के गढ़ के रूप में होने लगा !
प्रधानमंत्री जी की बातों को चैलेंज के रूप में लेते हुए पूर्व जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने परीक्षा की तारीखें ज्यों -ज्यों नजदीक आने लगी नकल माफियाओं पर नकेल कसने के लिए अपने प्रशासनिक अधिकारियों की टीम के साथ रणनीति बनाकर कार्य करना प्रारंभ कर दिया !
परीक्षा प्रारंभ होने के पूर्व संवेदनशील व अतिसंवेदनशील विद्यालयों की सूची बनवाकर सभी विद्यालयों में दो से चार स्टेटिक मजिस्ट्रेट की निगरानी में परीक्षा संपन्न कराया साथ ही स्वयं व पुलिस अधीक्षक के साथ मिलकर अलग-अलग विद्यालयों में परीक्षा के दौरान छापामारी की और लगभग 25 विद्यालयों पर कार्रवाई करते हुए काली सूची में डालने के लिए विभाग को अनुमोदित किया !
कुछ दिनों के बाद पूर्व जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन का स्थानान्तरण गोंडा से अलग हो गया ! विभागीय सूत्रों के अनुसार जिला विद्यालय निरीक्षक गोंडा राम खेलावन वर्मा स्वतंत्र रुप से अपनी जड़ें जनपद के नकल माफियाओं में गहराई तक फैलाने लगे !
मलाल तो इन्हें वर्ष 2017 की बोर्ड परीक्षा में संपन्न कराने का सता रहा था लेकिन इनके पास कोई चारा वर्ष 2018 की परीक्षा के केंद्र का निर्धारण करने का बयाना पुन: उसी ढर्रे पर चलते हुए नकल माफियाओं को अस्वस्त कर दिया ! इसी दौरान जनपद से पुनः एक बार फिर इनका स्थानांतरण 26 जुलाई 2017 को हो गया और 27 जुलाई 2017 को एम पी सिंह की तैनाती गोण्डा में जिला विद्यालय निरीक्षक के रूप में हुई !
लेकिन अपने जुगाड़ और जिले के सक्रिय नकल माफियाओं के बलबूते पुन: 24 अगस्त 2017 को राम खेलावन वर्मा डी आई ओ यस गोण्डा के रूप में जिले में तैनाती लेकर मानक विहीन व दागी विद्यालयों के सत्यापन में फर्जी आंकड़े संबंधित बोर्ड की साइट पर अपलोड करा कर बोर्ड को गुमराह करने का कार्य किया है !
जनपद में शिक्षा विभाग से जुड़े लोग अक्सर यह चर्चा करते हुए मिले कि बाप रे बाप यह राम खेलावन वर्मा डी आई ओ यस गोण्डा है या शिक्षा विभाग का जुगाड़ू मंत्री , जो एक बार स्थानांतरण होने के बाद भी बार-बार जनपद में अपने पुन: तैनाती करा लेता है !

जब बोर्ड परीक्षा की कापी व पेपर बांटने / बटवाने का दायित्व मिला राम खेलावन वर्मा जिला विद्यालय निरीक्षक गोंडा को

सूत्रों के अनुसार वर्ष 2016 -- 2017 में पूर्व जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन को जानकारी मिली कि जिला विद्यालय निरीक्षक गोंडा राम खेलावन वर्मा द्वारा विद्यालयों से परीक्षा केंद्र बनवाने के लिए नकल माफियाओं के माध्यम से एक लाख से लेकर दो रुपए तक की वसूली की गई है तो उन्होंने इनके काली करतूती कारनामों से इनकी जिम्मेदारी परीक्षा के दौरान कापी, पर्चे विद्यालयों को बांटने / बटवाने की उस वक्त जिम्मेदारी दिया था ! जनपद में नकल विहीन परीक्षा संपन्न कराने की कमान स्वयं पूर्व जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन जिलाधिकारी ने लेकर नकल विहीन परीक्षा संपन्न कराकर जिले में नकल माफियाओं की कमर तोड़ दी थी !

Share this story