इस तरह से करेंगे पूजा तो कट जाएंगे सारे कष्ट

इस तरह से करेंगे पूजा तो कट जाएंगे सारे कष्ट

नित्य पूजा पाठ के नियम

डेस्क (पंडित दयानंद शास्त्री) बार लोग प्रश्न करते हैं कि घर में नियमित पूजा-

पाठ किस तरह की जाये और किस भगवान की पूजा
की जाये शुद्ध आसन पर बैठकर प्रातः और संध्या को
पूजा अर्चना करने को नित्य नियम कहते हैं पाठ का
क्रम इस तरह से होना चाहिए :-
1. सर्वप्रथम गणेश जी की उपासना:- विघ्नों को दूर
करने के लिए
2 . सूर्य भगवान की उपासना:- स्वास्थ्य के लिए
3 . माँ भगवती की उपासना :- शक्ति के लिए
4 . भगवान शंकर की उपासना:- भक्ति के लिए और
सभी प्रकार के शारीरिक और मानसिक कष्ट और
विपदाओं से निवारण के लिये
5 . उसके बाद अपने कुल देवता, इष्ट देवता और पितृ
देवताओं की उपासना करनी चाहिए
कुछ अनुभूत नित्य नियम
1. नारायण कवच या हनुमान चालीसा एक
सर्वविदित और लोकप्रिय उपाय है इसके नित्य कम से
कम तीन बार पाठ करने से हर तरह की बाधाओं का
निवारण हो जाता है और अटके हुए काम बन जाते हैं
२. दरिद्रता के नाश के लिए माँ लक्ष्मी के श्रीसूक्त
या लिंगाष्टक का पाठ करना चाहिए
३. रोग से मुक्ति पाने के लिए और ऋण से पाने के लिए
गजेन्द्र मोक्ष और नवग्रह स्तुति नित्य नियम से करना
चाहिए.
४. यदि कोई व्यक्ति प्राचीन मंदिर का
जीर्णोद्धार कराता है तो उसे अनंत कोटि फल
प्राप्त होते हैं
५. मंदिर में आरती के लिए धुप दीप की व्यवस्था
करता है तो उसे यश कीर्ति की प्राप्ति होती है
६. अगर व्यक्ती गाय के लिए चारे पानी की
व्यवस्था करता है, पक्षियों को चूगा डालता है तो
उसके घर से सभी अमंगल दूर होते हैं.
७. जो लोग देवताओं को भोग लगाकर ब्राह्मणों और
साधुओं को प्रसाद वितरण करते है उनके जन्म जन्मान्तर
के कष्टों और पापों का नाश होता है
८. यदि कोई व्यक्ति विद्यालय या अस्पताल का
निर्माण कराता है या बनाने में अपना योगदान देता
है और उसकी सेवा करता है तो उसको सदबुद्घि और
भगवत्कृपा मिलती है
लेकिन अपने नाम प्रचार के लिए या स्वार्थ पूर्ति के
लिए जो उपरोक्त कार्य करता है, अहंकार करता है
तो सभी कर्म निष्फल हो जाते हैं
जय श्री राम

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