नैमिष विकास को लेकर राज्यपाल ने की कई घोषणाएं

नैमिष विकास को लेकर राज्यपाल ने की कई घोषणाएं

नैमिष विकास को लेकर राज्यपाल ने की कई घोषणाएं
सीतापुर- ऋषि मुनियों की तपोस्थली पर हैलीकाप्टर के माध्यम से राज्यपाल पहुंचे और उन्होने कहा कार्यक्रम का शुभारम्भ किया वहीं पर नैमिष की फिल्म प्रदर्शित की तथा एक वेबसाइट का उदघाटन किया। सूबे के राज्यपाल रामनाईक ने अपने उदबोधन ने अनको घोषणाएं करते हुए कहा कि नैमिष का विकास सबसे अहम है। नैमिष ऋृषि मुनियों की तपोस्थली है तथा इसी नैमिष में सभी देवी देवताओं भी निवास करते है। नैमिष सभी तीर्थो में अपना अहम स्थान रखता है। वहीं 'नैमिषेय शंखनादÓ का मंच मशहूर भजन गायक अनूप जलोटा के सुरों से सजा भारतीय कला दर्शन पर आधारित इस दो दिवसीय कार्यक्रम में विख्यात विचारक अपना व्याख्यान दिया। यहां सांस्कृतिक नैमिष फिल्म प्रदर्शित करने के अलावा वेबसाइट का शुभारंभ भी किया गया।
नैमिषेय शंखनाद का शुभारंभ राज्यपाल रामनाईक द्वारा किया गया और समापन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। नैमिष के अनिल शास्त्री आश्रम में भारतीय कला दर्शन पर आधारित दो दिवसीय संगोष्ठी एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। यहां वे नवनिर्मित सत्संग हाल का उद्घाटन किया। समापन 8 दिसंबर को अपराह्न 2:30 बजे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किया जाएगा। विशिष्ट अतिथि के रूप में अखिल भारतीय बौद्धिक प्रमुख स्वान्त रंजन व महिला कल्याण परिवार कल्याण मातृ एवं शिशु कल्याण, पर्यटन विभाग मंत्री रीता बहुगुणा जोशी तथा संस्कार भारती के संस्थापक सदस्य बाबा योगेन्द्र मौजूद रहेंगे। डीएम ने बताया कि यह कार्यक्रम संस्कार भारती व पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्वाधान में किया जा रहा है। प्रमुख सचिव सूचना व महानिदेशक पर्यटन अवनीश अवस्थी इसकी देखरेख कर रहे हैं। दो दिवसीय इस कार्यक्रम में मशहूर भजन सम्राट अनूप जलोटा अपने मखमली सुरों का जादू बिखेरेंगे। भारत की शास्त्र परंपरा पर कमलेश दत्त त्रिपाठी, मनोज श्रीवास्तव, शिक्षा में सांस्कृतिक पर कुलदीप अग्निहोत्री, पाश्चात्य एवं पूर्व कलाओं का तुलनात्मक अध्ययन पर वासुदेव कामत, सुहाष बाहुलकर व भारत में सांस्कृतिक एवं धरोहर आधारित पर्यटन की संभावनाएं पर प्रोफेसर सत्यप्रकाश बंसल द्वारा और जनजाति जीवन में लोककला व संास्कृति पर कपिल तिवारी द्वारा व्याख्यान दिया। इस दौरान सांस्कृतिक नैमिष फिल्म प्रदर्शित की गयी व वेबसाइट का शुभारंभ किया गया। भारतीय कला दर्शन पर आधारित कला सांस्कृतिक के प्रचार व प्रसार हेतु नैमिषेय शंखनाद नाम से यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम में गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा, विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित समेत कला और सांस्कृतिक से जुड़े देश भर के कई लोग शामिल हुए। कार्यक्रम के समन्वयक और संस्कार भारती के संगठन मंत्री पुनीत अस्थाना ने बताया कि पूरे देश में इस तरह के अलग-अलग नामों से करीब 100 स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए गये। इनका समापन अगले साल दिसंबर में वाराणसी में होगा। आरएसएस ने भगवा एजेंडे के तहत कला एवं सांस्कृतिक के कार्यक्रम के लिए नैमिषारण्य का चयन किया है। गोमती के तट पर स्थित नैमिषारण्य का इतिहास बेहद पुराना है। पुराणों में भी इसका जिक्र आता है। मान्यता है कि यह ऋषियों की तपस्थली रही है। यह 51 पितृ स्थानों में से एक है। पहले यह कार्यक्रम 29 नवंबर को होना था। पर निकाय चुनाव के चलते इसका समय बदलना पड़ा।
रिपोर्ट सुमित बाजपेयी

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