जानिए: 25 दिसम्बर को क्रिकेट का काला दिन क्यू मनाते

जानिए: 25 दिसम्बर को क्रिकेट का काला दिन क्यू मनाते

डेस्क- 25 दिसंबर को पूरी दुनिया क्रिसमस मनाती हैं लेकिन इंदौर क्रिकेट के लिहाज से इसे काला दिन माना जाता है 20 साल पहले इसी दिन भारत और श्रीलंका के बीच वनडे मुकाबले को खराब पिच की वजह से मात्र 18 गेंद खेलने के बाद खेल निरस्त कर दिया गया था क्रिकेट इतिहास में खराब पिच की वजह से रद्द होने वाला यह पहला इंटरनेशनल मुकाबला था.वर्ष 1997 में भारत और श्रीलंका के बीच तीन वनडे मैचों की सीरीज का दूसरा मुकाबला इंदौर के नेहरू स्टेडियम पर खेला जा रहा था पिच पर गेंद गिरने के बाद गेंद अजीबो ग़रीब तरीके से उछाल ले रही थी

इस पिच पर बल्लेबाजी करना खतरे से कम नजर नहीं आ रहा था इस वजह से दोनों कप्तानों की निर्णय से मैच को निरस्त करने का फैसला लिया गया था क्या हुआ था उस दिन जब 25 दिसंबर की सर्द सुबह मौसम बिलकुल साफ था और बल्लेबाजी के लिए अनुकूल भी ऐसे में श्रीलंका के कप्तान अर्जुन राणातुंगा ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया था.



पिच से गेंद खतरनाक तरीके से उछाल ले रही थी. श्रीनाथ ने मैच की चौथी गेंद पर कालूविर्थना को क्लीन बोल्ड कर दिया था. कालूविर्थना खाता खोले हे पवेलियन वापस जाना पड़ा उस समय टीम का स्कोर एक रन था तीन ओवर का खेल होते-होते ऐसे हालात बन गए कि दोनों ही नाबाद बल्लेबाज सनथ जयसूर्या और रोशन महानामा को इस पिच पर बल्लेबाजी करना नामुमकिन लगने लगा था. दोनों बल्लेबाज विकेट पर गेंदबाज को मिल रहे उछाल से हैरान थे और उन्हें चोटिल होने का डर सता रहा था

ड्रेसिंग रूम में मौजूद श्रीलंकाई कप्तान अर्जुन राणातुंगा भी मैदान में पहुंच गए. उन्होंने और भारतीय कप्तान सचिन तेंदुलकर ने अंपायरों से लंबी चर्चा की, जिसके बाद मैच आगे जारी नहीं रखने का फैसला लिया गया स्टेडियम में मौजूद हजारों दर्शकों के लिए यह फैसला दिल तोड़ने वाला था

जबकि इंदौर के साथ भारतीय क्रिकेट को पूरी दुनिया के सामने शर्मसार होना पड़ा था.जिससे आईसीसी ने इस पर बेहद सख्त फैसला लेते हुए नेहरू स्टेडियम पर दो साल का प्रतिबंध लगा दिया था प्रतिबंध के चार साल बाद 31 मार्च 2001 को इंदौर में फिर से वनडे मैच खेला गया, जिसमें सचिन तेंदुलकर ने शतक जमाते हुए वनडे क्रिकेट के इतिहास में 10 हजार रन बनाने के पहले बल्लेबाज का गौरव हासिल किया था.

Share this story