एक महिला अधिकारी जिसके पहल से बदलने जा रही है गोंडा की तस्वीर

एक महिला अधिकारी जिसके पहल से बदलने जा रही है गोंडा की तस्वीर


गोंडा -जज्बा हो तो क्या नही हो सकता है । पिछड़े और देश के सबसे गंदे शहर का दंश झेल रहे गोंडा के लोग अशिक्षा की मार झेल रहे गोंडा के दर्द को अब अधिकारियों ने समझा है । जहां पूरा प्रदेश शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है लेकिन यह गोंडा है यहां के दर्द को समझा एक महिला अधिकारी ने और जो फार्मूला निकाला उसे जिला प्रशासन के अधिकारियों ने साथ दिया और हाथों हाथ लिया ।

प्रशासनिक अधिकारियों ने एक अनूठी पहल की है। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए जिले के डीएम, सीडीओ, एसडीएम जैसे जिले के अधिकारी अब सरकारी स्कूलों में जाकर छात्रों को पढ़ाएंगे। ये अधिकारी जूनियर हाई स्कूल से लेकर इंटर कॉलेज तक के छात्रों का क्लास लेंगें। स्कूलों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए डीएम जेबी सिंह व एसडीम अर्चना वर्मा के नेतृत्व में यह निर्णय लिया गया है। इस बात की जानकारी जिलाधिकारी जेबी सिंह ने बकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के दी।

जनपद में प्रशासनिक अधिकारियों की अनूठी पहल

गोण्डा सदर एसडीएम अर्चना वर्मा ने पहल की कि जिले के अधिकारी अब सरकारी विद्यालयों में क्लास माध्यमिक स्तर पर साइंस ग्रेड के कक्षा 12 तक छात्रों को स्कूलों में जाकर पढ़ाएंगे। इस पहल की अगुवाई गोण्डा के जिलाधिकारी जेबी सिंह करेगें। एसडीएम अर्चना वर्मा इस पहल को संचालित करने के लिए "माई ऑफिसर माई सेंटर " नाम से एक वाट्सअप ग्रुप भी बनाया है। इस पहल में जिले के आईएएस, पीसीएस अधिकारियों के साथ अन्य अधिकारी भी शामिल हुए है ! इनमें जिले की सीडीओ,एसडीएम,तहसीलदार,नायाब तहसिलदार, उप श्रमायुक्त एआरटीओ नगर मजिस्ट्रेट जैसे उच्च अधिकारी अपना सहयोग देंगें। ये अधिकारी स्वेछा से अपना विषय चुनकर छात्रों को पढ़ाएंगे। इसकी शुरुवात गोण्डा के राजकीय इंटर कॉलेज से किया जायेगा ।

इस कार्यक्रम की रणनीतिकार SDM अर्चना वर्मा की क्या है प्लानिंग

एसडीएम अर्चना वर्मा ने बताया कि अधिकारी वीकेंड में 4-6 घंटे स्कूलों में जाकर अपने पारंगत विषय को पढ़ाएंगे इससे छात्रों को सकारात्मक प्रेरणा मिलेगी कि हमारे ऑफिसर्स हमको पढ़ा रहे है। इस पहल का विचार कैसे आया इस सवाल के जवाब पर एसडीएम अर्चना वर्मा ने की हम एक प्रोग्राम के तहत राजकीय स्कूल में गये थे जहाँ अनुभव हुआ कि सरकारी स्कूलों के बच्चों में इन्फिरिआरिटी कॉम्लेक्स आ जाता है, उनको बेहतर शिक्षक नही मिल पाते और कुछ रिसोर्स की भी कमी रहती है। इन दोनों समस्याओं की जड़ को हमने देखा और दिमाग मे एक आइडिया आ गया कि क्यों न हम अपना छोटा सा समय वहाँ दे दे।

रिटायर्ड अधिकारी व शिक्षक भी दे सकते हैं अपना योगदान

इस पहल की अगुवाई कर रहे जिलाधिकारी जेबी सिंह ने कहा कि हमें पता है कि गोण्डा में शिक्षा का स्तर निम्न है और सरकारी स्कूलों शिक्षकों का अभाव है जिससे बच्चों को दिक्कत है। जिसपर हम सभी अधिकारियों ने बैठकर विचार किया क्यों न अधिकारी जो अपने विषय मे पारंगत है उसकी क्लास महीने दो तीन बार सरकारी स्कूलों में ले जिससे बच्चों को उस सब्जेक्ट का ज्ञान दिया जा सके। साथ ही जिलाधिकारी ने मीडिया के माध्यम से अपील की जिले का रिटायर अधिकारी, शिक्षक हो या कोई भी इच्छुक व्यक्ति हो छात्रों को पढ़ाने के लिए वे आमंत्रित है।

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