छाती और गले में जमे हुए बलगम को साफ़ करने के लिए अपनाये ये आसान से नुश्खे

छाती और गले में जमे हुए बलगम को साफ़ करने के लिए अपनाये ये आसान से नुश्खे

डेस्क- छाती में कफ का इलाज बदलते मौसम के कारण सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार के साथ ही गले और छाती में बलगम बनने लगता है बलगम बनने से सांस लेने में तकलीफ होने लगती है यह अपने साथ सेहत से जुड़ी और भी बहुत सी परेशानियां लेकर आती है लोग इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए दवा और सिरप पीना शुरु कर देते है लेकिन इसे जल्दी फर्क महसूस नहीं होता।

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  • 2 कप पानी में 15-20 काली मिर्च डालकर तब कर उबाले जब तक वह आधा न हो जाए। अब इसको गुनगुना होने के लिए छोड़ दे और शहद डालकर पीएं। यह प्रयोग रोज दो बार किया जा सकता है और लगभग सभी रोगियों को लाभ देता है ।
  • शहद में कुदरती गुण और नींबू में सिट्रिक अम्ल होते है जो कफ को खत्म करने में सहायक होते हैं शहद में नींबू मिलाकर सेवन करने से कफ से राहत मिलती है यह मिश्रण कफ को बहुत तेजी से काटता है जिस कारण वह मुख के रास्ते निकलना शुरू कर देता है।
  • बलगम को खत्म करने के लिए हल्दी सबसे प्रभावशाली है रोजाना 1 गिलास हल्दी वाले दूध में शहद मिलाकर पीने से छाती में जमा बलगम से जल्दी राहत मिलती हैं हल्दी की प्रकृति ऊष्ण और प्रभाव सभी तरह के संक्रमण को खत्म कर देता है।
  • अंगूर में एक्सपेक्टोरेंट होता हैं जो फेफड़ों के लिए और बलगम दूर में सहायक होता है एक हफ्ते तक अंगूर के जूस में दो चम्मच शहद मिला कर पीने से फायदा मिलेगा यह बलगम को काटकर मल के साथ और मुख के रास्ते से निकलने में मदद करता है।
  • 1 प्याज को साफ करके पीस लें इस में नींबू का रस मिलाएं एक कप पानी में इस को डालकर 3 मिनट के लिए उबालें ठंडा होने पर दिन में तीन बार पीने बलगम की समस्या दूर हो जाएगी।
  • पुरानी खांसी मौसम के बदलने पर ,छींक,जुखाम ,सर्दी और बलगम का पक्का इलाज़।

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  • पुरानी खांसी मौसम के बदलने पर छींक जुखाम सर्दी और बलगम का सफल इलाज आयुर्वेदिक दवा कासाकेसारी है।
  • अस्थमा एक बहुत ही गंभीर बीमारी हैं यह बिमारी व्यक्ति की स्वांस नलिकाओं में होती हैं स्वांस नलिकाएं वे नलिकाएं हैं जो मानव शरीर के फेफड़ों से जुडी होती हैंऔर इन नलिकाओं के द्वारा ही कोई भी मनुष्य सांस ले पाता हैं।
  • जब किसी व्यक्ति के गले की सांस लेने वाली नलिकाओं में कोई रोग हो जाता हैं जिसके कारण व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत होती हैं वह लगातार खांसने लगता हैं उसकी सांसे फूलने लगती हैं जिससे दमा रोग हो जाता है।
  • सांस नालिकाओं में सुजन होने से ये नलिकाएं संकुचित हो जाती हैं जिससे फेफड़ों में हवा कम जाती हैं और सांस लेने में बहुत ही परेशानी होती हैं।

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  • दमा रोग होने होने पर आपके खांसी,नाक बहना आदि चीजो की जानकारी देता है।
  • दमा होने पर इस रोग से बीमार व्यक्ति की छाती में कडापन महसूस होता हैं।
  • इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति को सुबह और रात के समय सांस लेने में बहुत ही दिक्कत होती हैं।
  • अस्थमा से पीड़ित मनुष्य की सांस फूलने और सांस बिल्कुल न आने की शिकायत भी रहती हैं।
  • पुरानी खांसी मौसम के बदलने पर छींक जुखाम सर्दी और बलगम का सफल इलाज आयुर्वेदिक दवा कासा केसारी से पाया जा सकता है।

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