जानिए क्यू शादी से पहले हेल्थ चेकअप करना जरूरी है

जानिए क्यू शादी से पहले हेल्थ चेकअप करना जरूरी है

डेस्क- अब आज कल शादी से पहले हमारे यहां कुंडली देखने का चलन है लेकिन अब वो जमाना चला गया है जब कुंडली देखकर शादी होती है अब इस जमाने में हेअल्ट चेकअप से होती है आज कुंडली के मिलने से कहीं बहुत जरूरी हो गया है मेडिकल रिपोर्ट्स का मेल खाना इसके लिए ज़रूरी है दोनों की प्री-मैरिटल (शादी से पहले) स्क्रीनिंग कई बार हम बाहर से तो स्वस्थ्य दिखते हैं पर हमें कई ऐसी बीमारियां होती हैं या हम उनके कैरियर (संवाहक) होते हैं जिससे भावी पार्टनर के अलावा होनेवाला बच्चा भी सही हो सकता है हमारे इन टिप्स को पढिये-

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  • ब्लड ग्रुप की जांच के दौरान आरएच कम्पैटिबिलिटी यानी अनुकूलन का पता लगाया जाता है यदि भावी वर-वधू में किसी एक का आरएच नेगेटिव हो और दूसरे का पॉज़िटिव तो उनका आरएच कम्पैटिबल नहीं होता यदि उनकी शादी हो जाती है तो उनसे पैदा होनेवाले बच्चे को एनीमिया रक्त में लाल कणों की कमी की समस्या हो सकती है यदि पहले से इस बारे में पता हो तो प्रेग्नेंसी के दौरान विशेष चिकित्सकीय देखभाल द्वारा बच्चे को किसी भी तरह की परेशानी से बचाया जा सकता है
  • इस टेस्ट के माध्यम से थैलेसीमिया और सिकल सेल डिज़ीज़ जैसी आम आनुवांशिक डिस्ऑर्डर्स (गड़बड़ी) का पता लगाया जाता है इन गड़बड़ियों के कारण शरीर में हीमोग्लोबिन की सामान्य मात्रा का उत्पादन नहीं हो पाता इससे प्रभावित व्यक्ति को हर महीने ब्लड ट्रान्सफ्यूज़न जैसी दर्दनाक प्रकिया से होकर गुज़रना पड़ता है यदि हीमोग्लोबिन इलेक्ट्रोफ़ोरेसिस टेस्ट के दौरान यह पाया जाए कि भावी वर-वधू दोनों ही इन गड़बड़ियों के कैरियर (संवाहक) हों तो उन्हें आपस में शादी नहीं करना चाहिए यदि वे शादी करते हैं तो इस बात की 25% संभावना रहती है कि उनकी होनेवाली संतान थैलेसीमिया या सिकल सेल डिज़ीज़ से ग्रस्त होगी

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  • इस टेस्ट के द्वारा सिफ़िलिस जैसे यौन रोग के बारे में पता लगाया जाता है सिफ़िलिस यानी उपदंश एक संसर्ग जन्य रोग है आमतौर पर यह यौन संबंध बनाने से फैलता है यदि गर्भवती महिला सिफ़लिस से पीड़ित हो तो उसके होनेवाला बच्चा कन्जेनिटल (जन्मजात) सिफ़िलिस का शिकार हो सकता है यह टेस्ट वर-वधू दोनों को ही कराना चाहिए
  • इस टेस्ट के माध्यम से शरीर में ह्यूमन इम्यूनोडेफ़िसिएंसी वायरस (एचआईवी) का पता लगाया जाता है यह वायरस एक्वायर्ड इम्यूनोडेफ़िसिएंसी सिन्ड्रोम (एड्स) का कारण बनता है मुख्य रूप से एचआईवी वायरस का संक्रमण यौन संबंध बनाने से होता है यदि वर या वधू में से कोई एचआईवी पॉज़िटिव हो तो उन्हें विवाह नहीं करना चाहिए एचआईवी संक्रमित मां का बच्चा भी इस वायरस से संक्रमित हो जाता है

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