इन दिनों अगर करते हैं गुप्त नवरात्रि की पूजा होगा बहुत विशेष लाभ

इन दिनों अगर करते हैं गुप्त नवरात्रि की पूजा होगा बहुत विशेष लाभ
  • जानिए कब से हैं 2018/ गुप्त नवरात्र
  • माघ नवरात्री 2018/ गुप्त नवरात्र
डेस्क - पुराणों एवं शास्त्रों के अनुसार माघ माह के शुक्ल पक्ष में गुप्त नवरात्रि मनाई जाती है तदानुसार इस वर्ष गुरुवार 18 जनवरी 2018 से गुप्त नवरात्रि प्रारम्भ होगी. ये नवरात्रि अन्य नवरात्रि की तरह नौ दिन मनाई जाती है अतः इस वर्ष गुप्त नवरात्रि 18 जनवरी से 25 जनवरी तक मनाई जाएगी ।
हिन्दू धर्म में माँ दुर्गा की साधना के लिए नवरात्रि पर्व का विशेष महत्व है ।
पण्डित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि नवरात्रि के दौरान साधक विभिन्न साधनो द्वारा माँ भगवती की विशेष पूजा करते है तथा नवरात्रि के ही समय में कुछ भक्त तंत्र विद्या सीखते है जिसे गुप्त नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। गुप्त नवरात्रि तंत्र साधना के लिए अति विशेष माना जाता है। जिसमें तंत्र सिखने वाले भक्त गण अपनी पूजा से माँ भगवती को प्रसन्न करते है। गुप्त नवरात्रि के सम्बन्ध में बहुत कम लोगो को जानकारी है।
नवरात्र के नौ दिनों में मां के अलग-अलग रुपों की पूजा को शक्ति की पूजा के रुप में भी देखा जाता है। मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्रि मां के नौ अलग-अलग रुप हैं। नवरात्र के पहले दिन घटस्थापना की जाती है। इसके बाद लगातार नौ दिनों तक मां की पूजा व उपवास किया जाता है।
दसवें दिन कन्या पूजन के पश्चात उपवास खोला जाता है। आषाढ़ और माघ मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाले नवरात्र गुप्त नवरात्र कहलाते हैं। हालांकि गुप्त नवरात्र को आमतौर पर नहीं मनाया जाता लेकिन तंत्र साधना करने वालों के लिये गुप्त नवरात्र बहुत ज्यादा मायने रखते हैं। तांत्रिकों द्वारा इस दौरान देवी मां की साधना की जाती है।
नवरात्र के पहले दिन घटस्थापना की जाती है। इसके बाद लगातार नौ दिनों तक मां की पूजा व उपवास किया जाता है। दसवें दिन कन्या पूजन के पश्चात उपवास खोला जाता है। आषाढ़ और माघ मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाले नवरात्र गुप्त नवरात्र कहलाते हैं।
हालांकि गुप्त नवरात्र को आमतौर पर नहीं मनाया जाता लेकिन तंत्र साधना करने वालों के लिये गुप्त नवरात्र बहुत ज्यादा मायने रखते हैं। तांत्रिकों द्वारा इस दौरान देवी मां की साधना की जाती है।
माघ नवरात्र गुप्त नवरात्रों के नाम से भी जाने जाते हैं । माघ महीने यानी जनवरी या फरवरी माह में पड़ने के कारण इन नवरात्रों को माघ नवरात्र कहा जाता है । देश के अधिकतर भाग में माघ नवरात्रों के बारे में लोग नहीं जानते हैं ।
भारत में हिमाचल प्रदेश, पंजाब , हरयाणा, उत्तराखंड के आस पास के प्रदेशों में गुप्त नवरात्रों में माँ भगवती की पूजा की जाती है ।
माँ भगवती के सभी 9 रूपों की पूजा नवरात्रों के भिन्न – भिन्न दिन की जाती है , अतः आइये जानते हैं पण्डित दयानन्द शास्त्री से इन दिनों में किस देवी की पूजा कब की जानी चाहिए---
18 जनवरी (बृहस्पतिवार) 2018 : घट स्थापन एवं माँ शैलपुत्री पूजा।
19 जनवरी (शुक्रवार ) 2018 : माँ ब्रह्मचारिणी पूजा।
20 जनवरी (शनिवार ) 2018 : माँ चंद्रघंटा पूजा।
21 जनवरी (रविवार ) 2018: माँ कुष्मांडा पूजा
22 जनवरी (सोमवार) 2018 : माँ स्कंदमाता पूजा ।
23 जनवरी (मंगलवार ) 2018: माँ कात्यायनी पूजा ।
24 जनवरी (बुधवार) 2018: माँ कालरात्रि पूजा ।
25 जनवरी (बृहस्पतिवार )2018: दुर्गा अष्टमी एवं माँ महागौरी पूजा ।
26 जनवरी (शुक्रवार ) 2018: माँ सिद्धिदात्री नवरात्री पारण ।
नवरात्रों में माँ भगवती की आराधना दुर्गा सप्तसती से की जाती है , परन्तु यदि समयाभाव है तो भगवान् शिव रचित सप्तश्लोकी दुर्गा का पाठ अत्यंत ही प्रभाव शाली एवं दुर्गा सप्तसती का सम्पूर्ण फल प्रदान करने वाला है ।
जानिए गुप्त नवरात्र पूजा विधि---
धर्मिक मान्यतानुसार गुप्त नवरात्रि में अन्य नवरात्रि की तरह पूजा करनी चाहिए। नवरात्रि नौ दिनों का पर्व होता है तथा जिसकी शुरुवात प्रथम दिन घट स्थापना से की जाती है। घट स्थापना के पश्चात नौ दिनों तक सुबह तथा शाम में माँ दुर्गा अर्थात भगवती की पूजा करनी चाहिए। अष्टमी या नवमी के दिन नवरात्रि का समापन कन्या-पूजन करने के पश्चात करना चाहिए।

पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार आशादा नवरात्रि जिसे गुप्त नवरात्री या वरही नवरात्रि के रूप में भी जाना जाता है नौ दिवसीय वराही देवी को समर्पित उत्सव है। गुप्त नवरात्री के दिन तांत्रिकों और साधकों के लिए बहुत ही शुभ माने जाते है।

उपवास रख कर और श्लोकों और मंत्रों का जप करके भक्त देवी के प्रति अपनी भक्ति को दर्शाते है। यह माना जाता है कि इस नवरात्री के दौरान देवी तुरंत भक्तों की प्रार्थनाओं पर ध्यान देती हैं और उनकी इच्छाओं को पूरा करती हैं। वराही देवी को तीन रूपों में पूजा की जाता है: दोषों को हटाने वाली धन और समृद्धि का उपहार देने वाली और ज्ञान की देवी।

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