फिल्म पद्मावत मामले में राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकार को फटकार कहा खुद की पैदा की हुई समस्या

फिल्म पद्मावत मामले में राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकार को फटकार कहा खुद की पैदा की हुई समस्या

नई दिल्ली -राज्यों ने यह बिना मतलब की समस्या खुद पैदा की है और इसके लिए वही जिम्मेदार हैं। राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है कि अपने क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बहाल करें।यह तीखी टिपण्णी सुप्रीम कोर्ट की है जिसने राज्य सरकार को फिल्म पद्मावत मामले में लताड़ लगे है और सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकार की फिल्म पर रोक लगाने के लिए दायर पुनर्विचार याचिका खारिज करते हुए अपने आदेश में कोई बदलाव नहीं किया। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सभी राज्यों को सर्वोच्च अदालत के फैसले का सम्मान करना चाहिए और इसका पालन कराना राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है।

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच ने कहा, 'लोगों को यह समझना होगा कि यहां एक संवैधानिक संस्था है और वैसे भी हमने इस संबंध में आदेश पारित कर दिया है।

राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट से अपने आदेश को रिव्यु करने की याचिका दायर की थी किस पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच ने कहा, 'लोगों को यह समझना होगा कि यहां एक संवैधानिक संस्था है और वैसे भी हमने इस संबंध में आदेश पारित कर दिया है।'

  • दोनों राज्य सरकारों ने फिल्म पद्मावत के प्रदर्शन की अनुमति देने के उसके 18 जनवरी के आदेश को वापस लेने की मांग की गई है।
  • दोनों राज्य सरकारों ने इस आधार पर शीर्ष अदालत से अपना पिछला आदेश वापस लेने की मांग की है कि इससे इन राज्यों में कानून व्यवस्था की समस्या पैदा होगी।
  • शीर्ष अदालत ने फिल्म के प्रदर्शन पर गुजरात, हरियाणा उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को 18 जनवरी को हटाकर 25 जनवरी को देश भर में इसे प्रदर्शित किए जाने का रास्ता साफ कर दिया था।

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