सोने से भरी ट्रेन, 70 साल बाद मिला यह खजाना

सोने से भरी ट्रेन, 70 साल बाद मिला यह खजाना

डेस्क-वर्ष 1945 में इस जगह से गुजर रही सोने के आभूषणों और हीरे-जवाहरात से भरी एक पूरी ट्रेन अचानक गायब हो गई थी। तमाम देशों के लोगों और ट्रीजर खजाना एक्सपर्ट्स कई साल तक खोज के बाद भी नाकाम रहे। दूसरे देशों से घूमने के लिए लोगों का आना-जाना लगा रहा। कई लोगों ने तो इस बात का दावा कर खूब सुर्खियां बटोरीं कि वह इस सोने की ट्रेन को खोजने के काफी करीब पहुंच गए हैं, लेकिन यह खजाना रहस्य ही बना रहा। हालांकि 70 साल बाद यहां ऐसा कुछ मिला, जिससे लोग हैरान रह गए।

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कि वर्ष 1945 में वर्ल्ड वार-2 के अंत में जर्मनी के नाजियों द्वारा सोने और हीरे-जवाहरात से भरी एक ट्रेन को कहीं शिफ्ट किया जा रहा था। स्थानीय नागरिकों के मुताबिक उस दौरान जर्मन सैनिक सोवियत रूस की आर्मी से डरकर भाग रहे थे और उनके साथ खजाने से भरी ट्रेन थी, जिसे ‘नाजी ट्रेन’ का नाम दिया गया। यह ट्रेन साउथवेस्ट जर्मनी के लोवर सिलेसिया की आउल की पहाड़ियों में स्थित अंडरग्राउंड टनल से गुजरते समय किसी स्थान पर दफन हो गई थी। यह अब पोलैंड का हिस्सा है, जिस शहर का नाम वाल्बजिश है। दूसरे वर्ल्ड वार के बाद इस ट्रेन को लेकर खासी खोज की गई, लेकिन कई दशकों के बाद भी कोई सफलता हाथ नहीं लगी।

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