कैमूर कलेक्टर ने पीएम को नही दी परमिशन
Oct 10, 2015, 18:30 IST
पटना: बिहार विधानसभा के लिए जारी चुनाव प्रचार अभियान में उस समय नाटकीय मोड आ गया जब शनिवार को नक्सल प्रभावित कैमूर जिले के कलक्टर देवेश सेहरा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी रैली को इजाजत देने से इंकार कर दिया। मोदी की यह रैली सोमवार को प्रस्तावित है। रैली को परमिशन न देने के पीछे सुरक्षा कारणों का हवाला दिया जा रहा है। हालांकि, इलेक्शन ऑफिसर के मुताबिक एसपीजी, कैमूर के डीएम, एसपी और पुलिस हेड`ार्टर के आईजी (सिक्युरिटी) की एक कमेटी है, जो रैली को लेकर अपनी रिपोर्ट देगी। इसके बाद आखिरी फैसला लिया जाएगा। पीएम की रैली को परमिशन न देने पर बीजेपी ने नीतीश कुमार की सरकार पर आरोप लगाए हैं। बीजेपी का आरोप है कि एसपीजी ने एएसएल रिपोर्ट में इस रैली को हरी झंडी दे दी है। इसकी जानकारी भी कैमूर के डीएम देवेश सेहरा को है। लेकिन डीएम ने राज्य सरकार के दबाव में रैली की परमिशन नहीं दे रहे। कैमूर के डीएम ने इस मसले पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
लालू ने की थी लाइव टेलिकास्ट पर रोक की मांग
इससे पहले आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने इस रैली के लाइव टेलिकास्ट पर रोक की मांग की थी। उन्होंने कहा कि 12 अक्टूबर को बिहार के एक हिस्से में पोलिंग हो रही होगी। इसलिए कोड ऑफ कंडक्ट का ख्याल रखते हुए मोदी की रैली का लाइव टेलिकास्ट नहीं किया जाना चाहिए।
पहले भी विवादों में रहे हैं कैमूर डीएम
उत्तर प्रदेश के रहने वाले देवेश सेहरा 2005 बैच के आईएएस ऑफिसर हैं। उनके ऊपर 2007 में एक क्लास थ्री कर्मचारी सुशील ने केस दर्ज कराया था। उस समय सेहरा गया में पोस्टेड थे। सुशील का आरोप था कि सेहरा ने कुछ मिनट लेट आने पर उससे सौ बार उठक-बैठक करने की सजा दी। ऎसा नहीं कर पाने पर आईएएस ने उसे बेइज्जत किया था।
लालू ने की थी लाइव टेलिकास्ट पर रोक की मांग
इससे पहले आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने इस रैली के लाइव टेलिकास्ट पर रोक की मांग की थी। उन्होंने कहा कि 12 अक्टूबर को बिहार के एक हिस्से में पोलिंग हो रही होगी। इसलिए कोड ऑफ कंडक्ट का ख्याल रखते हुए मोदी की रैली का लाइव टेलिकास्ट नहीं किया जाना चाहिए।
पहले भी विवादों में रहे हैं कैमूर डीएम
उत्तर प्रदेश के रहने वाले देवेश सेहरा 2005 बैच के आईएएस ऑफिसर हैं। उनके ऊपर 2007 में एक क्लास थ्री कर्मचारी सुशील ने केस दर्ज कराया था। उस समय सेहरा गया में पोस्टेड थे। सुशील का आरोप था कि सेहरा ने कुछ मिनट लेट आने पर उससे सौ बार उठक-बैठक करने की सजा दी। ऎसा नहीं कर पाने पर आईएएस ने उसे बेइज्जत किया था।