मिलिए घर के वैद्य-काली मिर्च से

मिलिए घर के वैद्य-काली मिर्च से
भारतीय रसोई में जब चटपटा खाने की बात हो, या सलाद को जायकेदार बनाने की बात आये, तो काली मिर्च सबसे ऊपर रहती है। इसकी विशेष सुगन्ध रसोई को भी महकाती है और डाइनिंग टेबल को भी। यह देसी मसाला बहुत ब़डी औषधि का भी काम करता है। इसके प्रयोग से सांस की बीमारी, बुखार, खाँसी, पेट के रोग और यदि पेट में काँच आदि का टुक़डा चला जाये तो उसको निकलाने में भी काफी मदद करते हैं।

1. यदि पेट में काँटा, काँच का टुक़डा आदि खाने के साथ या किसी भी भांति चला जाये तो पके हुए अन्नानास के साथ काली मिर्च और सेधा नमक लगाकर खाने से पेट में गया हुआ काँच या काँटा निकल जाता है।

2. यदि उल्टी आ रही हो या जीव मिचला रहा हो, तो नींबू के साथ काली मिर्च और सेंधा नमक लगाकर चूसने से जी मिचलाना बंद हो जाता है और उल्टी भी नहीं आती।

3. कब्ज होने पर काली मिर्च के चार-पाँच साबुत दाने दूध के साथ रात को लेने से कब्ज में लाभ मिलता है।

4. मलेरिया होने पर काली मिर्च के चूर्ण को तुलसी के रस में मिलाकर पीने से लाभ होता है।

5. पिसी हुई कालीमिर्च घी और मिश्री समान मात्रा में मिलाकर चटनी बनायें। यह चटनी सुबह-शाम एक-एक चम्मच लेने से फेफ़डें और सांस से संबंधित बीमारी में आराम मिलता है।

6. काली मिर्च का चूर्ण शहद में मिलाकर लेने से जुकाम में फायदा होता है।

7. छाछ या मट्ठे में काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर पीने से पेट की बीमारियां दूर होती हैं और कीटाणु भी नष्ट होते हैं।

8. काली मिर्च हींग और अजवायन के साथ लेने से हैजा की बीमारी में आराम मिलता है।

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