एपल पर लगा 1478 करोड़ का जुर्माना
Oct 16, 2015, 18:30 IST
न्यूयॉर्क : अमरीका की एक अदालत ने दिग्गज टेलीकम्युनिकेशन कंपनी एपल को पेटेंट कानून तोड़ने का दोषी पाया है और उस पर 23.40 करोड़ डॉलर का भारी भरकम जुर्माना लगाया है। एपल पर विस्कॉन्सिन-मैडिसन विश्वविद्यालय के विस्कॉन्सिन एल्युमिनी रिसर्च फाउंडेशन (डब्ल्यूएआरएफ) ने बिना अनुमति के उसकी माइक्रोचिप प्रौद्योगिकी को अपने आईफोन और आईपैड में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था।इस मामले में डब्ल्यूएआरएफ ने एपल से जुर्माने के तौर पर 40 करोड़ डॉलर का दावा किया था। एपल ने कहा है कि वह इस फैसले के खिलाफ अपील करेगी। वहीं डब्ल्यूएआरएफ ने इस फैसले की तारीफ की और कहाकि यह फैसला शानदार खबर है। फैसला सुनाने से पहले जजों ने साढ़े तीन घंटे तक चर्चा की थी। मामले में ट्रायल की शुरूआत पांच अक्टूबर को हुई थी। डब्ल्यूएआरएफ ने जनवरी 2014 में एपल पर केस किया था और आरोप लगाया था कि एपल ने उसके 1998 के "प्रेडिक्टर सर्किट" पेटेंट की चोरी की। इस सर्किट को गुरिंदर सोही और उनके तीन छात्रों ने बनाया था।
जूरी ने माना कि एपल के A7, A8 और A8X प्रोसेसर जो कि क्रमश: आईफोन 5S, 6 और 6 प्लस में इस्तेमाल किए गए हैं, ने पेटेंट का उल्लंघन किया। डब्ल्यूएआरएफ ने इसी पेटेंट पर 2008 में इटेंल कॉर्प पर भी केस किया था और इसके बदले उसे 110 मिलियन डॉलर मिले थे। एपल ने अपने पर लगे केस पर अपील करते हुए कहाकि डब्ल्यूएआरएफ का पेटेंट केवल 7 सेंट प्रति डिवाइस के हिसाब से होना चाहिए न कि 2.71 डॉलर प्रति डिवाइस के हिसाब से।
जूरी ने माना कि एपल के A7, A8 और A8X प्रोसेसर जो कि क्रमश: आईफोन 5S, 6 और 6 प्लस में इस्तेमाल किए गए हैं, ने पेटेंट का उल्लंघन किया। डब्ल्यूएआरएफ ने इसी पेटेंट पर 2008 में इटेंल कॉर्प पर भी केस किया था और इसके बदले उसे 110 मिलियन डॉलर मिले थे। एपल ने अपने पर लगे केस पर अपील करते हुए कहाकि डब्ल्यूएआरएफ का पेटेंट केवल 7 सेंट प्रति डिवाइस के हिसाब से होना चाहिए न कि 2.71 डॉलर प्रति डिवाइस के हिसाब से।