नवरात्र का अंतिम दिन है खास
Oct 20, 2015, 18:30 IST
नवरात्रि के अंतिम दिन खीर, ग्वारफली और दूध में गूंथी पूरियां कन्या को खिलानी चाहिए। उसके पैरों में महावर और हाथों में मेहंदी लगाने से देवी पूजा पूर्ण होती है।
अगर आपने घर पर हवन का आयोजन किया है तो कन्या के नन्हें हाथों से उसमें समिधा अवश्य डलवाएं। कन्या को इलायची और पान का सेवन कराएं। इस परंपरा के पीछे मान्यता है कि नवरात्रि के बाद जब देवी मां अपने लोक जाती हैं तो उन्हें घर की कन्या की तरह ही बिदा किया जाना चाहिए। अगर आपका सामर्थ्य हो तो अंतिम दिन लाल चुनर कन्याओं को भेंट में दें। उन्हें दुर्गा चालीसा की छोटी पुस्तकें भेंट करें।
गरबा के डांडिए और लाल रंग की ड्रेस उपहार में दिए जा सकते हैं। इन सारी रीतियों के अनुसार पूजन करने से देवी प्रसन्न होकर वर्षभर के लिए सुख, समृद्धि, यश, वैभव, कीर्ति और सौभाग्य का आशीर्वाद देती हैं।
अगर आपने घर पर हवन का आयोजन किया है तो कन्या के नन्हें हाथों से उसमें समिधा अवश्य डलवाएं। कन्या को इलायची और पान का सेवन कराएं। इस परंपरा के पीछे मान्यता है कि नवरात्रि के बाद जब देवी मां अपने लोक जाती हैं तो उन्हें घर की कन्या की तरह ही बिदा किया जाना चाहिए। अगर आपका सामर्थ्य हो तो अंतिम दिन लाल चुनर कन्याओं को भेंट में दें। उन्हें दुर्गा चालीसा की छोटी पुस्तकें भेंट करें।
गरबा के डांडिए और लाल रंग की ड्रेस उपहार में दिए जा सकते हैं। इन सारी रीतियों के अनुसार पूजन करने से देवी प्रसन्न होकर वर्षभर के लिए सुख, समृद्धि, यश, वैभव, कीर्ति और सौभाग्य का आशीर्वाद देती हैं।