काम के दौरान ब्रेक लेने से रहेंगे तनाव से दूर
Oct 23, 2015, 18:30 IST
नई दिल्ली: तनाव से बचने के लिए अपने दफ्तर में काम करने के दौरान थो़डी-थो़डी देर बाद "बे्रक" लेते रहें। यानी थो़डा टहलें और हल्का नाश्ता और चाय या कॉफी लें, फिर काम में लगें। ऎसा आठ घंटे के दौरान दो या तीन बार करें। तनाव आपके पास नहीं आएगा। चिकित्सकों का कहना है कि ऎसा संतुलित आहार लें जो शरीर की कार्यप्रणाली को बनाए रखने के लिए उचित पोषण प्रदान करें।
कार्बोहाइड्रेट्स के लिए सफेद ब्रेड के बजाय ब्राउन ब्रेड, विटामिन-सी के लिए संतरे और नींबू तथा मैग्निशियम के लिए पालक का प्रयोग करें। सेहतमंद आहार और उचित नींद शरीर में सेरोटोनिन रााायन पैदा करने में मदद करता है, जिससे तनाव कम होता है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. ए. मार्तड पिल्लई और ऑनरेरी सेक्रेटरी जनरल पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल कहा कहना है कि संतुलित मानसिक स्तर और सेहतमंद जीवनशैली हो तो डायबिटीज, हाइपरटेंशन, दिल की बीमारियों और मोटापे से बचा जा सकता है।
उन्होंनेकहा कि 21वीं सदी में भारत खानपान की गैरसेहतमंद आदतों, आलसी जीवनशैली, अत्यधिक तनाव, तंबाकू और शराब के सेवन से ग्रस्त है। अब वक्त आ गया है कि इस ट्रेंड को वापिस मो़डा जाए और जीवनशैली में आवश्यक बदलाव किए जाएं। जीवनशैली में साधारण बदलाव करके इसे आसानी से किया जा सकता है। डॉ. पिल्लई और डॉ. अग्रवाल ने कहा, "हमें धूम्रपान और शराब के सेवन जैसी बीमारियों से तौबा करने का प्रण करना चाहिए। उच्च मात्रा में ट्रांस फैट, सोडियम और रिफाइंड शूगर वाली चीजों के खानपान को कम करना चाहिए।
हमें शुद्धतावादी नजरिए को अपना कर तनाव से बचना चाहिए और गुस्से व नकारात्मक सोच से दूर रहना चाहिए। अगर बचाव के लिए आवश्यक कदम उठाएं जाएं। जीवनशैली से जु़डी ज्यादातर समस्याएं रोके जा सकती हैं और उनका इलाज भी हो सकता है।" उन्होंने कहा कि आम तौर पर लोग सोचते हैं कि धूम्रपान से तनाव कम होता है, जो कि एक बहुत ब़डा मिथक है। ज्यादा धूम्रपान से ब्लड प्रेशर, दिल की ध़डकन बढ़ती है और दिमाग को ऑक्सीजन की सप्लाई कम होती है। बीमारी रहित जीवन के लिए आपको धूम्रपान तुरंत छो़ड देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि शराब समाज में पाए जानी वाली सबसे खतरनाक बुराई है। यह कई तरह की बीमारियों का कारण बनती है। यह दिल के रोगों को और गंभीर बना सकती है और लीवर की खराबी का कारण बनती है। यह मोटापे और तनाव को भी बढ़ाती है। उन्होंने कहा कि हर रोज व्यायाम करें, जिसमें 5 मिनट की तेज कदम सैर और 10 मिनट तक स्ट्रेचिंग करें। नियमित व्यायाम से तनाव और मोटापे पर भी नियंत्रण रहता है।
कार्बोहाइड्रेट्स के लिए सफेद ब्रेड के बजाय ब्राउन ब्रेड, विटामिन-सी के लिए संतरे और नींबू तथा मैग्निशियम के लिए पालक का प्रयोग करें। सेहतमंद आहार और उचित नींद शरीर में सेरोटोनिन रााायन पैदा करने में मदद करता है, जिससे तनाव कम होता है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. ए. मार्तड पिल्लई और ऑनरेरी सेक्रेटरी जनरल पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल कहा कहना है कि संतुलित मानसिक स्तर और सेहतमंद जीवनशैली हो तो डायबिटीज, हाइपरटेंशन, दिल की बीमारियों और मोटापे से बचा जा सकता है।
उन्होंनेकहा कि 21वीं सदी में भारत खानपान की गैरसेहतमंद आदतों, आलसी जीवनशैली, अत्यधिक तनाव, तंबाकू और शराब के सेवन से ग्रस्त है। अब वक्त आ गया है कि इस ट्रेंड को वापिस मो़डा जाए और जीवनशैली में आवश्यक बदलाव किए जाएं। जीवनशैली में साधारण बदलाव करके इसे आसानी से किया जा सकता है। डॉ. पिल्लई और डॉ. अग्रवाल ने कहा, "हमें धूम्रपान और शराब के सेवन जैसी बीमारियों से तौबा करने का प्रण करना चाहिए। उच्च मात्रा में ट्रांस फैट, सोडियम और रिफाइंड शूगर वाली चीजों के खानपान को कम करना चाहिए।
हमें शुद्धतावादी नजरिए को अपना कर तनाव से बचना चाहिए और गुस्से व नकारात्मक सोच से दूर रहना चाहिए। अगर बचाव के लिए आवश्यक कदम उठाएं जाएं। जीवनशैली से जु़डी ज्यादातर समस्याएं रोके जा सकती हैं और उनका इलाज भी हो सकता है।" उन्होंने कहा कि आम तौर पर लोग सोचते हैं कि धूम्रपान से तनाव कम होता है, जो कि एक बहुत ब़डा मिथक है। ज्यादा धूम्रपान से ब्लड प्रेशर, दिल की ध़डकन बढ़ती है और दिमाग को ऑक्सीजन की सप्लाई कम होती है। बीमारी रहित जीवन के लिए आपको धूम्रपान तुरंत छो़ड देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि शराब समाज में पाए जानी वाली सबसे खतरनाक बुराई है। यह कई तरह की बीमारियों का कारण बनती है। यह दिल के रोगों को और गंभीर बना सकती है और लीवर की खराबी का कारण बनती है। यह मोटापे और तनाव को भी बढ़ाती है। उन्होंने कहा कि हर रोज व्यायाम करें, जिसमें 5 मिनट की तेज कदम सैर और 10 मिनट तक स्ट्रेचिंग करें। नियमित व्यायाम से तनाव और मोटापे पर भी नियंत्रण रहता है।