आतंकी संगठनों में भेद न करे पाकिस्तान : ओबामा

आतंकी संगठनों में भेद न करे पाकिस्तान : ओबामा
वॉशिंगटन: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अपनी अमरीका यात्रा में हर बार की तरह भारत के खिलाफ बोलना जारी रखा, लेकिन अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उन्हें स्पष्ट कर दिया कि पाकिस्तान आतंकी संगठनों में भेद न करे।शरीफ के भारत विरोधी बयानों के बारे में पूछे जाने पर व्हाइट हाउस के प्रवक्ता एरिक शुल्ज ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा, राष्ट्रपति ने प्रमुखता से कहा है कि पाकिस्तान को आतंकी संगठनों में भेद नहीं करना चाहिए।शरीफ और ओबामा के बीच गुरूवार को 90 मिनट की मुलाकात के बाद जारी हुए संयुक्त बयान के बारे में प्रवक्ता ने कहा, हमने पहले भी यह स्पष्ट किया था और कल की द्विपक्षीय मुलाकात में भी यह दोहराया गया है। संयुक्त बयान में पाकिस्तान में स्थित लश्कर-ए-तैयबा और उसके सहयोगी गुटों के विरूद्ध कदम उठाने के इस्लामाबाद के संकल्प की बात की गई है। ये संगठन मुंबई में 2008 में हुए आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं।

शुल्ज ने कहा, ओबामा और शरीफ दोनों ने स्वीकार किया है कि दोनों देशों को आतंकी संगठनों से खतरा है और पाकिस्तान के लोगों को इसका काफी नुकसान उठाना पड़ा है। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय आतंकवाद विरोधी सहयोग जारी रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त की और ओबामा ने क्षेत्र में शांति भंग करने और शांतिपूर्ण बातचीत को बेपटरी करने के लिए प्रयासरत आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई की पाकिस्तान की भूमिका को चिन्हित किया है।

शुल्ज ने कहा, राष्ट्रपति ओबामा भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपने रिश्ते को काफी महत्व देते हैं। भारत और अमेरिका ने साथ मिलकर काफी काम किया है। ओबामा ने यहां व्हाइट हाउस में अपनी टीम और प्रशासन को इस रिश्ते को बढ़ावा देने और सहयोग बढ़ाने के अवसर पैदा करने के निर्देश दिए हैं।इसी बीच भारत द्वारा हथियार विकसित करने के शरीफ के आरोपों के बारे में विदेश विभाग के प्रवक्ता मार्क टोनर ने कहा, इस मामले में हमारा रूख स्पष्ट है कि भारत और पाकिस्तान को बातचीत करनी चाहिए। भारत-पाकिस्तान के रिश्ते को शरीफ द्वारा सबसे कठिन और चुनौतीपूर्ण बताने के बारे में टोनर ने कहा, वे पाकिस्तान के लिए जिसे एकमात्र सबसे बड़ा खतरा बताते हैं, उनकी इस अवधारणा की मैं व्याख्या नहीं करूंगा।टोनर ने कहा, लेकिन हम सभी जानते हैं कि पाकिस्तान आतंकवाद से बेहद प्रभावित हुआ है और हाल ही में उसने आतंकवाद से मुकाबला के लिए कदम उठाए हैं। हम चाहते हैं कि ये प्रयास बढ़ाए जाएं। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव है और उसे दूर किया जाना जरूरी है, लेकिन यह दोनों देशों के बीच निर्बाध बातचीत द्वारा ही संभव है। इसी के साथ दोनों को जानकारी और सहयोग भी बढ़ाना चाहिए।इससे पूर्व वाशिंगटन के एक थिंक टैंक को संबोधित करते हुए शरीफ ने भारत पर हथियार विकसित करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि पाकिस्तान इसके लिए उपाय करने को मजबूर है। साथ ही शरीफ ने अमरीका से पाकिस्तान के दृष्टिकोण और हितों पर ध्यान देने का आग्रह किया था।

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