क्या काकस के आगे सफल होगा बेसिक शिक्षा विभाग

क्या काकस के आगे सफल होगा बेसिक शिक्षा विभाग
गोंडा -प्रदेश में भले ही रोजगार का अभाव हो लेकिन जालसाजों और तिकड़म बाजों ने अपने चहेते लोगों को और अपने करीबी लोगों को रेवड़ियों जैसे नौकरियां बांटी जिसमे न ही किसी नियम कानून का पालन किया गया और न ही किसी प्रक्रिया का बेसिक शिक्षा विभाग के कर्मचारियों के सगे सम्बन्धियों को मनमाने तरीके से नौकरियां बांटी गयी इस काकस के आगे अधिकारी भी बौने नजर आये जिन अधिकारियों ने नियम कानून का पालन कराने की सीची उन्हें कई मुकदमों में उलझा दिया गया और एक सामानांतर कार्यालय से अवैध गतिविधियाँ संचालित होने लगी जो अभी भी बदस्तूर जारी है और अधिकारी बेबस हैं उनका कर्मचारी अधिकारी की बात सुन कर तंत्र को समर्पित है , इस मामले से गोंडा के बेसिक शिक्षा विभाग में अनियमित नियुक्तियों पर कार्यवाही न करने पर एक जनहित याचिका दायर हुई और उसमे शिक्षा निदेशक बेसिक को 2 सप्ताह में कार्यवाही का निर्देश दिया गया लेकिन इस काकस के आगे निदेशक भी शायद अक्षम हो गए और कार्यवाही करने की हिम्मत नहीं जुटा पाये तब जाकर याचिका कर्ता ने अवमानना याचिका दायर की जिसको स्वीकार करते हुए खंडपीठ लखनऊ ने 17 नवम्बर 2015 को शिक्षा निदेशक दिनेश बाबू शर्मा को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने या कंप्लायंस होने की दशा में शपथ पत्र दाखिल करने का निर्दर्श दिया है कोई रास्ता सूझते हुए न दिखते हुए दिनेश बाबू शर्मा ने जिला के इस विभाग से जुड़े अधिकारीयों को कार्यवाही का निर्देश दिया है अभी तक इस मामले में 4 विद्यालयों को नोटिस जारी की गयी है और अभिलेख मांगे गए हैं जिसमे श्री बालक भगवन विद्यालय भटपुरवा इटियाथोक और महासह् विद्यालय तरबगंज है । देखने वाली बात यह है कि क्या अधिकारी अभिलेख जुटा पाने में सफल हो पाते हैं या फिर तंत्र के आगे फेल हो जाते हैं फिलहाल दिनेश बाबू शर्मा इस मामले में कार्यवाही के मूड में दिख रहे है और जिले के भी इस विभाग के अधिकारी किसी भी पचड़े में पड़ना नहीं चाहते हैं लेकिन मुश्किल यह है की पूरी तरह से हाइजैक हो चुके विभाग में इनकी चलती कितनी है ।

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