पुरूषों को क्यों भाता है अनजान महिलाओं का स्पर्श और महिलाओ को........

पुरूषों को क्यों भाता है अनजान महिलाओं का स्पर्श और महिलाओ को........
हालही में हुए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि यदि महिला-पुरूषों में शारीरिक स्पर्श को लेकर कई मनोवैज्ञानिक असमानताएं होती हैं। इनमें से कुछ उनकी पारिवारिक, सामाजिक काणों से जन्मी होती है तो कुछ व्यक्ति के निजी अनुभवों से बनती हैं।अध्ययन का सबसे रोचक प्रश्न यह जानना था कि किसी भी स्त्री-पुरूष को यदि कोई अन्य व्यक्ति स्पर्श करता है तो वह शरीर के किन हिस्सों पर छूने की अनुमति देते हैं और किन हिस्सों को छूने पर असहज हो जाते हैं।

अध्ययन के निष्कर्षो को समझाने के लिए उन्होंने दो बॉडी मैप बनाएं। इन बॉडी मैप्स में स्त्री व पुरूषों के लिए अलग-अलग नतीजे दर्शाए गए हैं। महिलाओं को जहां अपने पुरूष पार्टनर द्वारा पूरे शरीर को छूने की अनुमति दी जाती है, वहीं पुरूष अपनी महिला पार्टनर के द्वारा छूए जाने पर थोड़ा असहज हो जाते हैं। परन्तु यदि कोई अन्य महिला पुरूषों को स्पर्श करना चाहे तो वह बड़ी आसानी से इसकी अनुमति दे देते हैं।

इसी तरह स्त्री तथा पुरुष दोनों ही अपने परिवारजनों, दोस्तों तथा रिश्तेदारों को शरीर के खुले हुए कुछ हिस्से यथा सिर, मुंह, हाथ तथा पैरों को ही छूने की अनुमति देते हैं। अध्ययन का सबसे रोचक तथ्य यह है कि पुरूष जहां अपने दोस्तों या परिजनों के द्वारा छू जाने पर असहज अनुभव करते हैं, वहीं महिलाएं इसमें सहज रहती हैं। आमतौर पर महिलाएं अपनी माता, बहन व महिला मित्रों को शरीर के किसी भी हिस्से को छूने की अनुमति दे देती हैं जबकि पुरूष ऎसा नहीं करते।इसके विपरीत महिलाएं अनजान लोगों (चाहें वो स्त्री हो या पुरूष) की निकटता में असहज हो जाती है। लेकिन पुरूष अनजान महिलाओं की उपस्थिति में ऎसा अनुभव नहीं करते वरन वे उन्हें खुद को छूने का एक आमंत्रण सा देते हैं। जबकि अनजान पुरूषों की निकटता में उन्हें बड़ा अटपटा महसूस होता है।

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