आतंकवाद से मिलकर लडने की जरूरत-PM

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brijesh28 Oct 2015 6:30 PM GMT
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में चल रहे अफ्रीकी देशों के सम्मेलन के आखिरी दिन गुरूवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद को दुनियाभर से खत्म करने का आह्वान किया। मोदी ने कहा कि सभी देशों को आतंकवाद के खिलाफ एक होकर लडना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ सम्मेलन नहीं है। युवाओं को मौके की जरूरत है। आतंकवाद से मिलकर लडने की जरूरत।
मोदी ने कहा कि अफ्रीका और दुनिया के दूसरे हिस्सों के बीच के डिजिटल डिवाइड को कम करने के लिए मिलकर काम करेंगे। हम अफ्रीका और भारत के बीच ट्रेडिशनल नॉलेज और मेडिसीन की जानकारी के क्षेत्र में सहयोग बढाएंगे। तकनीक हमारी पार्टनरशिप की मजबूत आधारशिला बनेगा। मोदी ने पैन अफ्रीका ई नेवटर्क का जिक्र किया ।
मोदी ने कहा कि यह पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का सपना था। अफ्रीका में एग्रीकल्चर महाद्वीप की तरक्की का कारण बन सकता है। भारत की सस्ते मेडिसीन सेवाओं में एक्सपर्टीज अफ्रीका के काम आ सकती है। भारत बीमारी से ल़डने में मदद करेगा। हम अपने दरवाजे और खोलेंगे। मानव संसाधनों का विकास ही हमारी पार्टनरशिप का आधार है। आज क्लाइमेंट चेंज के इशू पर भारत और अफ्रीका से ज्यादा चिंतित कोई नहीं है।
अफ्रीका और भारत ग्लोबल इकोनमी में उम्मीद और अपॉर्चुनिटी के बिंदु हैं। हमने साथ में यह सफर किया है, अब हमारे भविष्य भी एक दूसरे से जुड गए हैं। आज मानवता का एक तिहाई हिस्सा एक छत के नीचे आया है। हमारी संस्कृति में समानता है। हमारे देश के 90 पर्सेट इलाकों में मोबाइल की पहुंच है। 125 करोड भारतीयों और 125 करोड अफ्रीकी लोगों की धडकनें एक हो गई हैं। इंडिया और अफ्रीका की 2 तिहाई आबादी 35 साल से नीचे की है। हमारा भविष्य युवाओं के हाथों में है।
मोदी ने कहा कि अफ्रीका और दुनिया के दूसरे हिस्सों के बीच के डिजिटल डिवाइड को कम करने के लिए मिलकर काम करेंगे। हम अफ्रीका और भारत के बीच ट्रेडिशनल नॉलेज और मेडिसीन की जानकारी के क्षेत्र में सहयोग बढाएंगे। तकनीक हमारी पार्टनरशिप की मजबूत आधारशिला बनेगा। मोदी ने पैन अफ्रीका ई नेवटर्क का जिक्र किया ।
मोदी ने कहा कि यह पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का सपना था। अफ्रीका में एग्रीकल्चर महाद्वीप की तरक्की का कारण बन सकता है। भारत की सस्ते मेडिसीन सेवाओं में एक्सपर्टीज अफ्रीका के काम आ सकती है। भारत बीमारी से ल़डने में मदद करेगा। हम अपने दरवाजे और खोलेंगे। मानव संसाधनों का विकास ही हमारी पार्टनरशिप का आधार है। आज क्लाइमेंट चेंज के इशू पर भारत और अफ्रीका से ज्यादा चिंतित कोई नहीं है।
अफ्रीका और भारत ग्लोबल इकोनमी में उम्मीद और अपॉर्चुनिटी के बिंदु हैं। हमने साथ में यह सफर किया है, अब हमारे भविष्य भी एक दूसरे से जुड गए हैं। आज मानवता का एक तिहाई हिस्सा एक छत के नीचे आया है। हमारी संस्कृति में समानता है। हमारे देश के 90 पर्सेट इलाकों में मोबाइल की पहुंच है। 125 करोड भारतीयों और 125 करोड अफ्रीकी लोगों की धडकनें एक हो गई हैं। इंडिया और अफ्रीका की 2 तिहाई आबादी 35 साल से नीचे की है। हमारा भविष्य युवाओं के हाथों में है।
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