तो क्या बिना साक्ष्य के ही बना दिया था आतंक का आरोपी

तो क्या बिना साक्ष्य के ही बना दिया था आतंक का आरोपी
लखनऊ- इसे कमजोर पैरवी कहें या फिर पुलिस की ज्यादती कि जिस आतंकियों को बड़े जोर शोर से पकड़ा गया वही अब साक्ष्यों के आभाव में बरी कर दिए गए स्पेशल जज sc st  act ने हूजी के 6  कथित आतकियो को रिहा करने का आदेश सुनाया है। कोर्ट ने इन सभी को साक्ष्य के आभाव में रिहा किया है। यूपी एसटीएफ ने इन सभी को 2007 में लखनऊ के कैसरबाग रेजीडेंसी बस अड्डे से गिरफ्तार करने का दावा किया था। इन पर आरोप था कि ये सावन माह में धार्मिक स्थलों पर ब्लास्ट करने की साजिश को अंजाम देने वाले थे। जिन 6 कथित आतंकियों रिहा करने का अदालत ने फैसला सुनाया है। इनमे बंगाल के जलालुद्दीन उर्फ़ बाबू खान , नौशाद , मो अली , अजीजुल रहमान सरदार , शेख मुख्तार हुसैन  और नूर इस्लाम शामिल है। गिरफ़्तारी के बाद यूपी एसटीएफ ने इन सभी के पास ak 47 और हैंड ग्रेनेड सहित बड़ी संख्या में पिस्टल और बारूद होने का दावा किया था। अदालत से रिहा हुए कथित आतंकियों के वकील मो शुऐब का कहना है कि इन सभी को जिस आरोप में एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था। अदालत में एसटीएफ इनके खिलाफ पर्यापत साक्ष्य और गवाह पेश नहीं कर सकी। जिसके आभाव में अदालत ने सभी को बरी करने का आदेश सुनाया है। 

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