कुछ गडबड है तभी अवार्ड लौटाएं:अमजद अली
Oct 31, 2015, 18:30 IST
लखनऊ: विश्वविख्यात सरोद वादक उस्ताद अमजद अली खां ने देश के हालात पर चिंता व्यक्त करते हुए रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो बहुत कुछ करना चाहते हैं, लेकिन उनके आसपास के कुछ लोग हैं, जिन्हें वह नियंत्रित करें।
उस्ताद ने कहा,जो हो रहा है, उससे काफी तकलीफ है। इन्फोसिस के नारायणमूर्ति का शनिवार को एनडीटीवी पर इंटरव्यू देख रहा था, वह भी बहुत चिंतित थे। शायद हालात कुछ सामान्य नहीं हैं। मोदी जी बहुत कुछ करना चाहते हैं लेकिन उनके आसपास कुछ ऎसे लोग हैं जो मन में आए, बोल देते हैं, जो चाहते हैं, कर देते हैं।
मोदी जी को ऎसे लोगों को नियंत्रित करना पडेगा, वरना शांति खतरे में पड जाएगी। मोदी जी से काफी उम्मीदें हैं। उस्ताद अमजद अली खां का इशारा मोदी सरकार के उन मंत्रियों और बीजेपी के कुछ नेताओं की ओर था, जिन्होंने भडकाउ भाषण दिए और बयानबाजी की है। साहित्यकारों और कलाकारों द्वारा पुरस्कार लौटाए जाने के बारे में उन्होंने कहा,वे आज के हालात से परेशान हैं, इसलिए पुरस्कार लौटा रहे हैं।
हमारे देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। परिस्थितियां कभी मजबूर कर देती हैं। ऎसा लगता है कि कुछ तो कहीं गडबड है। जब पूछा गया कि हालात मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद ऎसे हुए या पहले भी थे तो उस्ताद ने कहा, साहित्यकार और कलाकार पुरस्कार तो अभी लौटा रहे हैं। ये पागल लोग तो हैं नहीं। वे दुखी हैं और सम्मान लौटाकर अपना दुख प्रकट कर रहे हैं। सरकार को जांच करानी चाहिए कि किस वजह से ऎसा हो रहा है।
उन्होंने कहा,मुझे लगता है कि वाकई कुछ गडबड है। सरकार की ओर से मिले सम्मान वापस करने के सवाल पर उन्होंने कहा,अभी तो देख रहा हूं हालात। उस्ताद ने कहा,कोशिश होनी चाहिए कि देश की एकता और अखंडता मजबूत रहे। गंगा-जमुनी तहजीब कायम रहे। खां साहेब नौशाद सम्मान लेने मुंबई पहुंचे थे। उन्हें एक लाख रूपये, प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया।
उस्ताद ने कहा,जो हो रहा है, उससे काफी तकलीफ है। इन्फोसिस के नारायणमूर्ति का शनिवार को एनडीटीवी पर इंटरव्यू देख रहा था, वह भी बहुत चिंतित थे। शायद हालात कुछ सामान्य नहीं हैं। मोदी जी बहुत कुछ करना चाहते हैं लेकिन उनके आसपास कुछ ऎसे लोग हैं जो मन में आए, बोल देते हैं, जो चाहते हैं, कर देते हैं।
मोदी जी को ऎसे लोगों को नियंत्रित करना पडेगा, वरना शांति खतरे में पड जाएगी। मोदी जी से काफी उम्मीदें हैं। उस्ताद अमजद अली खां का इशारा मोदी सरकार के उन मंत्रियों और बीजेपी के कुछ नेताओं की ओर था, जिन्होंने भडकाउ भाषण दिए और बयानबाजी की है। साहित्यकारों और कलाकारों द्वारा पुरस्कार लौटाए जाने के बारे में उन्होंने कहा,वे आज के हालात से परेशान हैं, इसलिए पुरस्कार लौटा रहे हैं।
हमारे देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। परिस्थितियां कभी मजबूर कर देती हैं। ऎसा लगता है कि कुछ तो कहीं गडबड है। जब पूछा गया कि हालात मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद ऎसे हुए या पहले भी थे तो उस्ताद ने कहा, साहित्यकार और कलाकार पुरस्कार तो अभी लौटा रहे हैं। ये पागल लोग तो हैं नहीं। वे दुखी हैं और सम्मान लौटाकर अपना दुख प्रकट कर रहे हैं। सरकार को जांच करानी चाहिए कि किस वजह से ऎसा हो रहा है।
उन्होंने कहा,मुझे लगता है कि वाकई कुछ गडबड है। सरकार की ओर से मिले सम्मान वापस करने के सवाल पर उन्होंने कहा,अभी तो देख रहा हूं हालात। उस्ताद ने कहा,कोशिश होनी चाहिए कि देश की एकता और अखंडता मजबूत रहे। गंगा-जमुनी तहजीब कायम रहे। खां साहेब नौशाद सम्मान लेने मुंबई पहुंचे थे। उन्हें एक लाख रूपये, प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया।