मोमबत्तियों के रंगो से चमकाइये किस्मत

मोमबत्तियों के रंगो से चमकाइये किस्मत
अपने आसपास नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त कर, सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देना, यही वास्तुशास्त्र का उद्देश्य है। वास्तुशास्त्र, भारत की प्राचीनतम विद्याओं में से है जो अन्य बहुत से देशों जैसे चीन, कोरिया, तिब्बत आदि में फेंग शुई के नाम से स्वीकृत है। फेंग शुई में ‘येंग’ और ‘यिन’ नामक दो ऊर्जाओं का उल्लेख किया गया है, जो हर प्रकार से एक-दूसरे पर आश्रित है। इन दोनों ऊर्जाओं में संतुलन ही मानव जीवन को स्वस्थ और खुशहाल रखता है। वास्तुशास्त्र का चीनी रूप होने की वजह से फेंग शुई में बहुत से ऐसे सिद्धांत हैं जो चीनी मान्यताओं पर आधारित हैं। जैसे की घर में फिश एक्वेरियम रखना, लव बर्ड्स को बेडरूम में रखना आदि। इन सबके अलावा फेंग शुई विद्या में मोमबत्ती को भी विशेष महत्व दिया गया है। यह माना जाता है कि मोमबत्ती की लौ के साथ-साथ उसके रंग और स्टैंड का भी विशेष महत्व है। आइए जानते हैं किस तरह मोमबत्ती की लौ और उसका रंग आपकी किस्मत चमका सकते हैं। सामान्यतौर पर हम मोमबत्ती को किसी भी स्थान पर रख देते हैं। लेकिन चीनी मान्यताओं के अनुसार मोमबत्ती का स्टैंड और उसे रखने के स्थान पर भी ध्यान देना चाहिए। फेंग शुई के अनुसार घर के उत्तरी कोने में मोमबत्ती रखने से धन का आगमन बाधित होता है, इसलिए उत्तर-पूर्वी, दक्षिणी या दक्षिण-पश्चिमी दिशा में रखना चाहिए। घर के वायव्य स्थान पर मोमबत्ती जलाने से पारिवारिक जनों में अशांति और ईर्ष्या पैदा होती है, इसलिए इस दिशा में मोमबत्ती जलाने से बचना चाहिए।

अगर आप ऑफिस के वायव्य कोने में मोमबत्ती जलाते हैं तो यह आपके कर्मचारियों की ईमानदारी को प्रभावित करता है। इसके अलावा साझेदार के साथ भी मनमुटाव होने लगता है। पूर्वी, उत्तर-पूर्वी और दक्षिण भाग में मोमबत्ती जलाने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। बच्चों के कमरे के पूर्वी, उत्तर-पूर्वी और दक्षिण भाग में अगर आप मोमबत्ती जलाते हैं तो यह बच्चों को पढ़ाई की ओर आकर्षित करता है और साथ ही उनका ज्ञानवर्धन भी होता है। फेंगशुई के अनुसार विभिन्न रंग भी व्यक्ति के जीवन पर अपना प्रभाव डालते हैं, इन रंगों और दिशाओं के संबंध को भी फेंगशुई के अंतर्गत उकेरा गया है। अगर आप लाल और हरे रंग की मोमबत्तियों को लगाना चाह रहे हैं तो इनके लिए दक्षिण दिशा, पीले और लाल रंग की मोमबत्तियों के लिए दक्षिण-पश्चिम दिशा, हरी और नीली मोमबत्तियां पूर्व या दक्षिण-पूर्व दिशा में ही लगानी चाहिए। फेंगशुई के अनुसार सफेद मोमबत्तियों को शुभ नहीं माना गया है, परंतु अगर बहुत ज्यादा आवश्यकता है तो इन्हें आप उत्तर दिशा में लगा सकते हैं। इसके अलावा सफेद मोमबत्तियां कहीं और स्थापित नहीं करनी चाहिए। अगर उत्तर-पश्चिम में मोमबत्ती लगाना चाह रहे हैं तो केवल पीली रंग की ही लगाएं। मोमबत्ती के रंग और दिशाओं के अलावा, जिस स्टैंड पर मोमबत्ती स्थापित की जाती है वह भी अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

वास्तु के अनुसार वस्तु कोई भी हो, उनमें से किसी ना किसी ऊर्जा का संचालन और संप्रेषण अवश्य होता है। वह ऊर्जा आपके लिए फायदेमंद है या नुकसानदेह, इससे बहुत अंतर पड़ता है। इसलिए आप किस स्टैंड पर मोमबत्ती लगा रहे हैं यह भी मायने रखता है। आजकल बाजार में लोहे के स्टैंड बड़ी आसानी से उपलब्ध हैं। ये स्टैंड देखने में इतने खूबसूरत होते हैं कि लोग इन्हें खरीद ही लेते हैं। लेकिन आपको ये बात ध्यान रखनी चाहिए कि लोहे का स्टैंड दांपत्य जीवन में तनाव ला सकता है। इसलिए कभी इन्हें अपने बेडरूम में नहीं रखना चाहिए। परंतु इसके ठीक उलट, अपने ऑफिस, बच्चों की पढ़ाई के कमरे और बैठक में लोहे या अन्य किसी धातु से बना मोमबत्ती का स्टैंड रखने से ऊर्जा का संचालन सुचारू रूप से रहता है। घर, ऑफिस या फिर अन्य किसी भी स्थान पर नुकीले स्टैंड का उपयोग नहीं करना चाहिए। यह जीवन में कड़वाहट और पीड़ा लाता है। वैसे तो हमारे पूर्वजों ने भी दीपक की लौ को घर की खुशहाली से जोड़ा है लेकिन चीनी मान्यताओं के अंतर्गत मोमबत्ती की लौ जिसे ‘ची’ कहा गया है, को घर की सुख-शांति और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण समझा है।

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