रेप पीड़िता को 10 लाख और नौकरी दे सरकार
Nov 2, 2015, 18:30 IST
लखनऊ: दुष्कर्म की शिकार 13 वर्षीय बालिका और उसकी नवजात का भविष्य सुरक्षित करने के लिए हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मंगलवार को बेहद अहम फैसला दिया। कोर्ट ने कहा- राज्य सरकार पीड़िता को 10 लाख रुपये की और मदद दे।
आवासीय विद्यालय में उसकी पढ़ाई का इंतजाम करे। डिग्री हासिल करने तक उसे पूरी मदद दी जाए। पढ़ाई पूरी करने के बाद उसे सरकारी नौकरी भी दी जाए। वहीं, उसकी बच्ची के भविष्य के लिए लखनऊ की बाल कल्याण समिति को अपनी संरक्षा में लेने का निर्देश दिया।
हाईकोर्ट के जस्टिस शबीहुल हसनैन और जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने पीड़िता के पिता की याचिका पर मंगलवार को खुली अदालत में यह फैसला सुनाया। गौरतलब है कि दुराचार के बाद गर्भवती हुई पीड़ित बच्ची ने 26 अक्तूबर को लखनऊ में एक बच्ची को जन्म दिया। पीड़िता के पिता ने मदद के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
कोर्ट ने कहा- पीड़िता रेप ट्रॉमा सिंड्रोम (आरटीएस) से गुजर रही है। कोर्ट ने साफ तौर पर निर्देश दिया कि पीड़िता की पढ़ाई के दौरान किसी भी स्तर पर उसकी पृष्ठभूमि और अतीत के बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं दी जाएगी।
जहां वह पढ़ रही होगी, वहां के प्रिंसिपल को यह सुनिश्चित करना होगा। कोर्ट ने इस बाबत राज्य सरकार सहित संबंधित प्राधिकारियों को सख्त निर्देश दिए।
आवासीय विद्यालय में उसकी पढ़ाई का इंतजाम करे। डिग्री हासिल करने तक उसे पूरी मदद दी जाए। पढ़ाई पूरी करने के बाद उसे सरकारी नौकरी भी दी जाए। वहीं, उसकी बच्ची के भविष्य के लिए लखनऊ की बाल कल्याण समिति को अपनी संरक्षा में लेने का निर्देश दिया।
हाईकोर्ट के जस्टिस शबीहुल हसनैन और जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने पीड़िता के पिता की याचिका पर मंगलवार को खुली अदालत में यह फैसला सुनाया। गौरतलब है कि दुराचार के बाद गर्भवती हुई पीड़ित बच्ची ने 26 अक्तूबर को लखनऊ में एक बच्ची को जन्म दिया। पीड़िता के पिता ने मदद के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
कोर्ट ने कहा- पीड़िता रेप ट्रॉमा सिंड्रोम (आरटीएस) से गुजर रही है। कोर्ट ने साफ तौर पर निर्देश दिया कि पीड़िता की पढ़ाई के दौरान किसी भी स्तर पर उसकी पृष्ठभूमि और अतीत के बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं दी जाएगी।
जहां वह पढ़ रही होगी, वहां के प्रिंसिपल को यह सुनिश्चित करना होगा। कोर्ट ने इस बाबत राज्य सरकार सहित संबंधित प्राधिकारियों को सख्त निर्देश दिए।