मंत्रियों को सबक पढ़ाने के बाद अब नौकरशाही पर सी एम की नजरें टेढ़ी करेंगे ऑनलाइन मानिटरिंग

मंत्रियों को सबक पढ़ाने के बाद अब नौकरशाही पर सी एम की नजरें टेढ़ी करेंगे ऑनलाइन मानिटरिंग
मंत्रियों को सबक पढ़ाने के बाद अब नौकरशाही पर सी एम् की नजरें टेढ़ी करेंगे ऑनलाइन मानिटरिंग लखनऊ-युवाओं के हाथ में लैपटाप थमाकर प्रदेश के युवाओं के सपनों को पंख देने वाले युवा सी एम अखिलेश यादव ने प्रदेश सरकार की गतिविधियों और शिकायतों के निराकरण को भी अब हाईटेक करने की योजना लागू कर दी है अब अपने शिकयतों में कार्यवाही के जानकारी और उसके प्रोग्रेस के लिए भटकने के बजाय एक क्लिक का सहारा लेना होगा साथ ही लालफीताशाही के चलते सचिवालय में ही महीनों भटकने वाली फ़ाइल अब इंटरनेट के ही जरिये अधिकारीयों तक तत्काल भेजकर समय भी बचाया जायेगा साथ ही सी एम् कार्यालय को भी मानिटरिंग करने में आसानी होगी मंत्रियों पर नकेल कसने के बाद सी एम् का अब अगला निशाना लाल फीताशाही पर नकेल कसने का और सरकार की इमेज बिल्डिंग का है । जनता के आवेदन पर टिप्पणी लिखकर अफसरों को कार्रवाई के लिए भेजते हैं। इसके बावजूद कई मामले आए, जहां अफसरों के पास लगातार चक्कर लगाने के बाद भी लोगों की परेशानी दूर नहीं हुई है। ऐसे में अब सीएम ने अफसरों को जनता के लिए जवाबदेह बनाने के फैसला लिया है। सीएम अखि‍लेश यादव अब खुद अफसरों के काम की ऑनलाइन निगरानी करेंगे। इस दौरान जो अफसर बेहतर परफॉर्म करेंगे उन्‍हें बेस्ट माना जाएगा और जो लापरवाही बरतेंगे, उनके खिलाफ एक्‍शन होगा। बताते चलें कि टेक्नोसैवी अखिलेश ने शिकायतों पर हुई कार्रवाई में पारदर्शिता बरतने के उद्देश्य से http://upcmo.up.nic.in/की वेबसाइट भी बनाई थी। इस साइट पर पीड़ित की समस्या पर क्या कार्रवाई हुई, उसका पूरा लेखा-जोखा किया जाना था, लेकिन अफसरों की लापरवाही से सीएम का ये ख्वाब भी अधूरा रह गया। कुल मिलाकर अफसरशाहों की नीति, सरकार और सीएम की नीति के उलट चलती नजर आ रही है। ऐसे में अब पीड़ित का आवेदन सीधे पोर्टल पर लगाई जाएगी, जिसे अफसर देख सकेंगे। यही नहीं, अफसरों को रोजाना समस्या पर सुनवाई कर रिपोर्ट भी पोर्टल पर डालनी होगी। नहीं होता था समस्या का निराकरण आम जनता जब सीएम से मिलकर या अन्य तरीकों से शिकायत करती है, तो सीएम ऑफिस से उस पत्र के लिए एक पीजी नंबर जनरेट होता है। ये नंबर पीड़ित के मोबाइल पर एसएमएस के रूप में आता है। साथ ही यह भी लिखा होता है कि उक्त अधिकारी से मिलकर अपनी समस्या का निराकरण करा लें, लेकिन सीएम ऑफिस की इस (http://upcmo.up.nic.in/) वेबसाइट पर अफसरों की ओर से भरा जाने वाला कॉलम लगभग अधूरा ही रहता है। ऐसे में पीड़ित को समस्या के समाधान की जानकारी नहीं मिलती। दूसरी ओर, अभी तक पीड़ित का आवेदन अफसरों के पास मैनुअली भेजी जाती थी, लेकिन अब एक शासनादेश जारी कर कहा गया है कि सीएम ऑफिस की तरफ से अब संबंधित आवेदन वेबसाइट पर लोड कर दी जाएगी। ऐसे में अब अफसरों को भी अपनी कार्यवाही करके वेबसाइट पर सीधे रिपोर्ट की सॉफ्ट कॉपी लगानी होगी। जिसकी निगरानी सीएम अखिलेश खुद करेंगे। संबंधित अधिकारियों की मानें तो इस प्रक्रिया के तहत जनता और सरकार के बीच दूरियां घटेंगी। दरअसल, अभी तक जनता की समस्याओं को अधिकारी नजरअंदाज कर दिया करते थे, लेकिन जब उनकी परफॉर्मेंस से उसे जोड़ा जाएगा तो उन्हें समस्या का निस्तारण करना ही पड़ेगा। लापरवाह अधिकारियों के चलते ख़राब हो रही है सरकार की छवि जनता की सबसे बड़ी समस्या यह है की सी एम कार्यालय के द्वारा मामलों का संज्ञान लिए जाने के बावजूद अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही नहीं होती है और कई बार कार्यवाही क्या हुई यह शिकायतकर्ता को पता भी नहीं चलता है इसी के मद्देनजर सी एम् ने अब खुद मामलों का मॉनिटर करने फैसला किया है ।

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