टाटा ट्रस्ट प्रोडिया सिस्टम के साथ मिलकर राजस्थान में ऑनलाइन सुविधा पहुंचाएगी
Nov 17, 2015, 18:30 IST
जयपुर-- टाटा ट्रस्ट प्रोडिया सिस्टम के साथ मिलकर राजस्थान में लोगों तक ऑनलाइन सुविधा पहुंचाएगी। साथ ही स्वास्थ्य, वित्त, शिक्षा, खेती जैसी सेवाओं को लोगों की पहुंच तक लाना है। टाटा ट्रस्ट और प्रोडिया ने इंटरनेट के क्षेत्र में साझेदारी की है जिसका मकसद प्रदेश के दूरदराज इलाकों में रहने वाले लोगों तक इसकी पहुंच हो सके।इस साझेदारी का फायदा वे लोग भी उठा सकेंगे जो आमतौर पर कंप्यूटर, लैपटॉप, स्मार्ट फोन के अभाव में इसके उपयोग से वंचित रह जाते हैं। इस साझेदारी को धू्रव-उत्तर तारा नाम दिया गया है। डिजिटल इंडिया को ध्यान में रखकर यह साझेदारी की गई है।
तकनीकी रूप से पिछड़े लोगों को होगा फायदा टाटा और प्रोडिया ने यह साझेदारी प्रदेश की उस आबादी को ध्यान में रखकर की गई है जो तकनीक के इस्तेमाल से काफी पिछड़ी हुई है। साझेदारी का मुख्य उद्देश्य उने इलाकों तक इंटरनेट पहुंचाना है जो तकनीक के हिसाब से या तो पिछड़े हुए हैं या वहां इसकी पहुंच बहुत सीमित है। इसका उपयोग उन लोगों तक भी पहुंचाना है जो ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं हैं।साझेदारी के मुताबिक, सरकार की कई योजनाओं का लोगों को पता ही नहीं है। इसके जरिए लोगों को इनके प्रति जागरुक करना है। ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी स्मार्ट फोन की पहुंच बहुत कम है। इन क्षेत्रों में ज्यादातर मोबाइल का इस्तेमाल पुरूष करते हैं, जबकि महिला और बच्चे इनके इस्तेमाल से अभी भी दूर हैं जिससे वे जरूरी जानकारी से वंछित रह जाते हैं।
क्या है टाटा ट्रस्ट देश के सबसे पुराने गैर-सांप्रदायिक परोपकारी संगठनों में से एक टाटा ट्रस्ट कई पहलुओं पर काम करता है। ट्रस्ट का मुख्य उद्देश्य विकास की गति को बढ़ाना है। इसके लिए वह स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण आजीविका, शहरी आजीविका जैसे क्षेत्रों में काम कर रहे संगठनों को अनुदान देना है।
प्रोडिया के बारे में यह संस्था ऐसे उत्पाद और सेवा उपलब्ध करवाती है जिसके जरिए लोगों को अपने कनेक्टेड जीवन को नियंत्रित और सशक्त बनाने में आसानी रहती है। यह पहली कंपनी थी जिसने सुगम कनेक्टेड जीवन को मुमकिन बनाया।
तकनीकी रूप से पिछड़े लोगों को होगा फायदा टाटा और प्रोडिया ने यह साझेदारी प्रदेश की उस आबादी को ध्यान में रखकर की गई है जो तकनीक के इस्तेमाल से काफी पिछड़ी हुई है। साझेदारी का मुख्य उद्देश्य उने इलाकों तक इंटरनेट पहुंचाना है जो तकनीक के हिसाब से या तो पिछड़े हुए हैं या वहां इसकी पहुंच बहुत सीमित है। इसका उपयोग उन लोगों तक भी पहुंचाना है जो ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं हैं।साझेदारी के मुताबिक, सरकार की कई योजनाओं का लोगों को पता ही नहीं है। इसके जरिए लोगों को इनके प्रति जागरुक करना है। ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी स्मार्ट फोन की पहुंच बहुत कम है। इन क्षेत्रों में ज्यादातर मोबाइल का इस्तेमाल पुरूष करते हैं, जबकि महिला और बच्चे इनके इस्तेमाल से अभी भी दूर हैं जिससे वे जरूरी जानकारी से वंछित रह जाते हैं।
क्या है टाटा ट्रस्ट देश के सबसे पुराने गैर-सांप्रदायिक परोपकारी संगठनों में से एक टाटा ट्रस्ट कई पहलुओं पर काम करता है। ट्रस्ट का मुख्य उद्देश्य विकास की गति को बढ़ाना है। इसके लिए वह स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण आजीविका, शहरी आजीविका जैसे क्षेत्रों में काम कर रहे संगठनों को अनुदान देना है।
प्रोडिया के बारे में यह संस्था ऐसे उत्पाद और सेवा उपलब्ध करवाती है जिसके जरिए लोगों को अपने कनेक्टेड जीवन को नियंत्रित और सशक्त बनाने में आसानी रहती है। यह पहली कंपनी थी जिसने सुगम कनेक्टेड जीवन को मुमकिन बनाया।