ISIS के संपर्क में 150 भारतीय युवाओ पर शक
Nov 17, 2015, 18:30 IST
नई दिल्ली: केंद्र सरकार की लाख कोशिशों और दावों के बावजूद देश के कई युवा आतंकी संगठन आईएस के संपर्क में हैं। ऎसे करीब 150 युवाओं पर सुरक्षा एजेंसियों की कडी नजर है। इनमें से ज्यादातर दक्षिण भारत से ताल्लुक रखते हैं। खुफिया एजेंसियों ने एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसके अनुसार ये युवा आईएस के प्रति आकर्षित हैं और उसकी गतिविधियों से सहानुभूति रखते हैं। यहीं नहीं, इनमें से अधिकतर इंटरनेट के जरिये आतंकी संगठन के लगातार संपर्क में भी हैं। यह रिपोर्ट ऎसे समय सामने आई है, जब केंद्र सरकार आईएस के खतरों के प्रति देश को लगातार आगाह करती रही है। अभी तक कुल 23 भारतीय आतंकवादियों की तरफ से ल़डने के लिए इराक और सीरिया जा चुके हैं। इनमें से छह मारे गए, जबकि एक मुंबई लौट आया था। एक अंग्रेजी अखबार ने सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है।
बताया जा रहा है कि इन लोगों को फिलहाल अरेस्ट नहीं किया जाएगा, इन पर सिर्फ नजर रखी जा रही है। जिन लोगों पर इंटेलिजेंस एजेंसियां नजर रख रही हैं उनमें से ज्यादातर दक्षिण भारत के राज्यों के हैं। बताया जाता है कि सिक्युरिटी एजेंसियां फिलहाल इन लोगों पर कोई कार्रवाई करने का प्लान नहीं बना रही हैं। ये लोग आईएस प्रोपेगेंडा को बढावा देने वाली वेबसाइट्स और पोस्ट्स को लेकर कुछ ज्यादा ही इंट्रेस्ट दिखा रहे हैं। नजर सिर्फ इसलिए रखी जा रही है कि ताकि ये लोग इस आतंकी संगठन में शामिल न हो जाएं। सूत्रों के मुताबिक, जिन लोगों पर नजर रखी जा रही है अगर वे ज्यादा आगे बढते हैं तो उनके परिवारों को इस बारे में जानकारी दी जाएगी। जरूरत पडने पर इन लोगों की काउंसलिंग की जा सकती है।
आईएस से जुडी वेबसाइट्स, टिवटर हेंडल्स और फेसबुक अकाउंट पर नजर रखना इंटेलिजेंस एजेंसियों की स्ट्रेटजी में शामिल है। इसके लिए "नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन" यानी एनटीआरओ की मदद ली जा रही है। ये ऑनलाइन ट्रैफिक पर नजर रख रही है।
बताया जा रहा है कि इन लोगों को फिलहाल अरेस्ट नहीं किया जाएगा, इन पर सिर्फ नजर रखी जा रही है। जिन लोगों पर इंटेलिजेंस एजेंसियां नजर रख रही हैं उनमें से ज्यादातर दक्षिण भारत के राज्यों के हैं। बताया जाता है कि सिक्युरिटी एजेंसियां फिलहाल इन लोगों पर कोई कार्रवाई करने का प्लान नहीं बना रही हैं। ये लोग आईएस प्रोपेगेंडा को बढावा देने वाली वेबसाइट्स और पोस्ट्स को लेकर कुछ ज्यादा ही इंट्रेस्ट दिखा रहे हैं। नजर सिर्फ इसलिए रखी जा रही है कि ताकि ये लोग इस आतंकी संगठन में शामिल न हो जाएं। सूत्रों के मुताबिक, जिन लोगों पर नजर रखी जा रही है अगर वे ज्यादा आगे बढते हैं तो उनके परिवारों को इस बारे में जानकारी दी जाएगी। जरूरत पडने पर इन लोगों की काउंसलिंग की जा सकती है।
आईएस से जुडी वेबसाइट्स, टिवटर हेंडल्स और फेसबुक अकाउंट पर नजर रखना इंटेलिजेंस एजेंसियों की स्ट्रेटजी में शामिल है। इसके लिए "नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन" यानी एनटीआरओ की मदद ली जा रही है। ये ऑनलाइन ट्रैफिक पर नजर रख रही है।