प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वर्ण मौद्रीकरण योजना हुई फेल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वर्ण मौद्रीकरण योजना हुई फेल
नई दिल्ली-- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वर्ण मौद्रीकरण योजना (गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम) में लोगों ने बिल्कुल भी रूचि नहीं दिखाई है। योजना की शुरूआती ही पखवाडा निराशाजनक रहा और इस दौरान महज 400 ग्राम सोना ही जमा हुआ है।

भारतीय रत्न एवं आभूषण निर्यात परिषद उत्तरी क्षेत्र के अध्यक्ष अनिल संखवाल ने गुरूवार यहां वित्त मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात के बाद यह जानकारी दी। इस योजना का मकसद देश में घरों एवं मंदिरों में बिना उपयोग के पडे करीब 52 लाख करोड रूपये से अधिक मूल्य के बीस हजार टन सोना को बाजार में लाना है।

रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) के प्रतिनिधियों ने 19 नवंबर को आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास से मुलाकात की और स्वर्ण जांच के लिए और केंद्र खोलने के उपायों पर चर्चा की। सेज के लिए निर्यात संवर्धन परिषद के उपाध्यक्ष एवं पीपी ज्वैलर्स के मुख्य कार्यकारी राहुल गुप्ता ने कहा कि हमने बीआईएस के यहां पंजीकृत आभूषण निर्माताओं को सोने के लिए संग्रह केंद्र के तौर पर काम करने की अनुमति देने का वित्त मंत्रालय से अनुरोध किया है। वर्तमान में 3.5 लाख ज्वैलर्स हैं, जिनमें 13,000 बीआईएस प्रमाणित हैं।

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