बॉयोप्सी सैंपल को देखकर इंसानों से पहले कबूतर ने स्तन कैंसर वाली जगह की पहचान कर ली।
Nov 19, 2015, 18:30 IST
न्यूयॉर्क-- अमेरिकी वैज्ञानिक उस समय दंग रह गए, जब बॉयोप्सी सैंपल को देखकर इंसानों से पहले कबूतर ने स्तन कैंसर वाली जगह की पहचान कर ली। ये कबूतर पूरी तरह से प्रशिक्षित है। ये कबूतर इंसानों जितनी कुशलता से ही स्तन कैंसर के मामलों को पक़डते हैं।
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रिचर्ज लेवेंसन ने कहा कि कबूतर इंसानों से पहले स्तन कैंसर को भांप जाते हैं। उन्होंने कहा कि कबूतर के सामने से स्तन कैंसर के लिए, लिए गए बॉयोप्सी सैंपल को कंप्यूटर की स्क्रीन से गुजारा गया, जिसमें कबूतर ने उसकी पहचान आसानी से कर ली। ये कबूतर 85 प्रतिशत मामलों में कैंसर को पकडने में सक्षम है। ये कबूतर महज 13 से 15 दिनों की ट्रेनिंग में ही स्तन कैंसर को पहचानने के नतीजों को सुधार चुका है।
ये प्रयोग 8 कबूतरों पर चल रहा था, जिसमें सभी कबूतर सफल साबित हुए हैं। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने बताया कि कबूतर बेहतर रेडियोलॉजिस्ट साबित हो सकते हैं, जो कैंसर के शुरूआती लक्षणों को भी पहचान लेते हैं। यहां ये बताना जरूरी है कि कबूतरों का दिमाग मानव दिमाग की तुलना में कहीं नहीं ठहरता, पर उसके दिमाग की बनावट इंसानी दिमाग जैसी है।
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रिचर्ज लेवेंसन ने कहा कि कबूतर इंसानों से पहले स्तन कैंसर को भांप जाते हैं। उन्होंने कहा कि कबूतर के सामने से स्तन कैंसर के लिए, लिए गए बॉयोप्सी सैंपल को कंप्यूटर की स्क्रीन से गुजारा गया, जिसमें कबूतर ने उसकी पहचान आसानी से कर ली। ये कबूतर 85 प्रतिशत मामलों में कैंसर को पकडने में सक्षम है। ये कबूतर महज 13 से 15 दिनों की ट्रेनिंग में ही स्तन कैंसर को पहचानने के नतीजों को सुधार चुका है।
ये प्रयोग 8 कबूतरों पर चल रहा था, जिसमें सभी कबूतर सफल साबित हुए हैं। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने बताया कि कबूतर बेहतर रेडियोलॉजिस्ट साबित हो सकते हैं, जो कैंसर के शुरूआती लक्षणों को भी पहचान लेते हैं। यहां ये बताना जरूरी है कि कबूतरों का दिमाग मानव दिमाग की तुलना में कहीं नहीं ठहरता, पर उसके दिमाग की बनावट इंसानी दिमाग जैसी है।