ASEAN:मोदी ने थपथपाई अपनी पीठ

ASEAN:मोदी ने थपथपाई अपनी पीठ
कुआलालंपुर: आसियान सम्मलेन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा 21वीं सदी एशिया की होगी। मोदी ने भारतीय अर्थव्यवस्था की सराहना करते हुए कहा कि भारत ने पिछले 18 महीनों में काफी सुधार किया और विदेशी निवेश को बढाया है। सुधार भारत में बदलाव लाने के लक्ष्य की दिशा में बढने का एक मार्ग है। इसके साथ ही पीएम ने पारदर्शी और सुस्पष्ट कर व्यवस्था के साथ बौदि्धक संपदा अधिकारों को सुरक्षा प्रदान करने का संकल्प भी व्यक्त किया। पीएम मोदी ने आसियान देशों का आहवान करते हुए कहा कि सभी देश मिलकर बडा पावरहाउस बना सकते हैं। मोदी ने भारतीय अर्थव्यवस्था की चुनौतियों और उसके सुधार के बारे में बात की।

मोदी ने कहा भारत के सामने कई चुनौतियां थीं। महंगाई और राजकोषीय घाटा भारत के लिए चिंता का विषय थी जिसके लिए भारत सरकार ने सुधार किए। आसियान कारोबार और निवेश शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने पिछले 18 महीने में मुद्रास्फीति को कम करने के साथ उच्चा जीडीपी वृदि्ध दर की ओर उन्मुख होने और विदेशी निवेश को बढावा देने जैसे कार्य किए हैं। उन्होंने कहा कि सुधार अपने आप में कोई अंतिम बिंदु नहीं है। सुधार लंबी यात्रा के गंतव्य की ओर बढने का एक मार्ग है।

लक्ष्य भारत में बदलाव लाना है। उन्होंने कहा कि मई 2014 में जब भाजपा नीत सरकार सत्ता में आई तब अर्थव्यवस्था उच्चा राजकोषीय और चालू खाता घाटे से जूझ रही थी और आधारभूत संरचना परियोजना रूकी हुई थी तथा मुद्रास्फीति लगातार बनी हुई थी। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट था कि सुधार जरूरी है। हमने अपने आप से सवाल किया कि किसके लिए सुधार का लक्ष्य क्या हो, क्या यह केवल जीडीपी की दर में वृदि्ध के आकलने के लिए हो या समाज में बदलाव लाने के लिए हो। मेरा जवाब स्पष्ट है, हमें बदलाव लाने के लिए सुधार लाना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास के फल को उन क्षेत्रों तक ले जाना होगा जो इससे वंचित हैं। इसे आबादी के निचले स्तर तक ले जाना होगा। हमें आसमान की ऊंचाइयों को छूते हुए जिंदगियों को बदलना होगा।

उन्होंने कहा कि पिछले 18 महीने के हमारे कार्य से यह सुनिश्चित हुआ है कि जीडीपी वृदि्ध दर ऊपर गई है और मुद्रास्फीति नीचे आई है। विदेशी निवेश ऊपर गया है और चालू खाता घाटा नीचे आया है, कर राजस्व ऊपर गया है और ब्याज दर नीचे आई है। राजकोषीय घाटा नीचे गया है और रूपया स्थिर हुआ है। ढांचागत और संस्थागत सुधार समेत कई अन्य पहलों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि सरकार कर व्यवस्था को पारदर्शी और सुस्पष्ट बनाना सुनिश्चित करने की दिशा में तेजी से आगे बढ रही है जहां गंभीर निवेशकों और ईमानदार करदाताओं को तेजी से और भेदभावरहित ढगं से निर्णय प्राप्त हो सके।

उन्होंने कहा कि इससे भी आगे, मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि भारत सभी नवोन्मेषकों के बौदि्धक संपदा अधिकारों को सुरक्षा प्रदान करने को प्रतिबद्ध है। हमने पारदर्शिता और बौदि्धक संपदा प्रशासन को ऑनलाइन बनाने के लिए कई पहली की हैं। इस वर्ष के अंत तक व्यापक राष्ट्रीय बौदि्धक संपदा अधिकार नीति आने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री ने कहा कि निवेश के प्रवाह में नई जान डालने के लिए दूसरे स्तर के ढांचागत और वित्तीय सुधार पेश किए गए हैं। हम अर्थव्यवस्था को और खोलने की कोशिश कर रहे हैं तथा कराधान प्रणाली में स्थिरता लाने और इसे सुस्पष्ट बनाने की पहल की गई है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक निवेश में काफी वृदि्ध हुई है और जलवायु परिवर्तन के प्रति भारत की प्रतिबद्धता प्रदर्शित करने के लिए जावाश्म ईंधन पर कार्बन कर लगाया गया है।

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